09 July 2025
By: KisanTak.in
बकरी को अगर बांझपन हो जाए तो ये ना सिर्फ बकरी बल्कि पशुपालक के लिए भी बड़ा आर्थिक नुकसान हो सकता है
Credit: pinterest
बकरी में बांझपन जन्मजात ही नहीं, संक्रामक भी हो सकता है. इसके मुख्य कारण साल्मोनेलोसिस, विबियोसिस, ब्रुसेलोसिस और क्लैमाइडियोसिस हो सकते हैं
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कोई बकरी जो पहले से संक्रमित है,उसके गर्भाशय स्राव, पेशाब या मल से बीमारी बाहर निकलती है और दूसरी बकरियां भी संक्रमित हो जाती हैं
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इसके अलावा बांझपन का रोग संक्रमित बकरी का झूठा चारा खाने, पशु की योनि चाटने और बीमार बकरी के पास आने से होता है
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बांझपन का सबसे बड़ा लक्षण तो बकरी का अकाल गर्भपात होना है. गर्भपात से पहले बकरी की योनि से भूरे रंग का स्राव होता है और ये सूज भी जाती है
वहीं इस संक्रमण का शिकार बकरी के थन भी सूज जाते हैं या फिर सूजन के साथ लाल इसके थन लाल भी हो जाते हैं
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सबसे पहला काम तो यही करें कि जैसे ही किसी बकरी में ये लक्षण दिखें तो उसे बाकी बकरियों से अलग बांध दें और पूरे बाड़े की साफ-सफाई करें
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इसके अलावा जो बकरी संक्रमित है उसके पिछले हिस्से को रेड मेडिसिन जैसे कीटनाशकों से साफ करें. फिर कूड़े के डिब्बे में फ्यूरी बोलस आदि दवा भी डालें
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ये उपाय करने के बाद रोगग्रस्त बकरी को बाकी बकरियों से दूर ही रखें. प्रजनन के लिए भी इन बकरियों का अभी इस्तेमाल ना करें
नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...
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