शुद्ध दूध, घी या दही तभी मिल सकता है जब गाय देसी हो, इसलिए देसी गाय की डिमांड सबसे ज्यादा है
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देसी गाय के दूध से बना उत्पाद ना सिर्फ स्वाद में बेहतर होता है, बल्कि पाचन क्रिया को भी अच्छा बनाता है
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कई लोग देसी गाय पालना चाहते हैं लेकिन नस्ल की पहचान नहीं कर पाते हैं, आइए जानें
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गिर गाय की पहचान उसके लटके हुए कान, काली आंखें और फैले हुए सींग से की जा सकती है
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साहीवाल गाय की पहचान उसका लाल और भूरा रंगा होता है. ये मूल रूप से पाकिस्तान की नस्ल है
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राठी गाय भूरे, सफेद और लाल रंग की धब्बेदार होती है. इसका मूल स्थान राजस्थान है
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नागोरी गाय की थूथन, सींग और खुर पूरी तरह से काले होते हैं. ये राजस्थान के जोधपुर की नस्ल है
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थारपारकर गाय के कान के अंदर की त्वचा का रंग पीला होता है, इससे इसकी पहचान की जा सकती है
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हरियाणवी गाय सफेद या भूरे रंग में पाई जाती है. चेहरा संकरा और सींग बड़ी होती है
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नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...