04 June 2025
By: KisanTak.in
सबसे जरूरी है कि पशु का शेड बारिश के मौसम में साफ और सूखा रहे. पानी का जमाव बिल्कुल न होने दें. फर्श पर चूना और नीम का पाउडर छिड़कें\
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शेड की छत और दीवारों से पानी टपकता है या सीलन हो तो इसकी तुरंत मरम्मत करें. ये भी देखें कि छत की सही ढलान हो ताकि पानी जमा न हो
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बारिश में शेड के अंदर कीटनाशक धुआं करें या नीम के पत्ते जलाएं. पशुओं के आसपास मल्टी लेयर मच्छर जाली या पर्दे भी लगा सकते हैं
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बारिश के समय पानी में कीटाणु बढ़ जाते हैं. इसलिए पशुओं को पानी को हमेशा छानकर या हल्का उबालकर दें. पानी की टंकियों की सफाई भी करते रहें
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बरसात में जानवरों को भीगा या सड़ा हुआ चारा कभी न दें, इससे उन्हें अफरा और दस्त हो सकते हैं. चारे में थोड़ा सा हल्दी या अजवाइन मिलाकर खिलाएं
गलघोटू, मुंह पका-खुर पका रोग, थनैला आदि के टीके समय पर लगवाएं. पेट के कीड़ों की दवा (डवर्मिंग) मानसून से पहले और बाद में जरूर दें
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पशुओं को बुखार, सुस्ती, खुराक में कमी जैसे लक्षण दिखते ही डॉक्टर को दिखाएं. "सेल लाइन" या पशु स्वास्थ्य शिविर से मदद लें
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बारिश के मौसम में लंबे समय तक गीली जगह में रहने से पशुओं के खुर और त्वचा की बीमारियां होती हैं. घाव होने पर तुरंत साफ करें और दवा लगाएं
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इस मौसम में छोटे बछड़ों और बीमार पशुओं को अलग और गर्म स्थान पर रखें. इनके लिए सूखा बिछावन और साफ हवा जरूरी है
नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...
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