24 June 2025
By: KisanTak.in
सबसे पहले गेहूं या धान की सूखी पराली इकट्ठा कर लें. ध्यान दें कि उसमें सड़न, फफूंदी या कीड़े न हों
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इसके बाद चारा मशीन या हाथ से पराली को 1–2 इंच के टुकड़ों में काटें ताकि जानवर आसानी से खा सकें
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1 किलो यूरिया को 40 लीटर पानी में मिलाएं. यह घोल करीब 100 किलो पराली को ट्रीट करने के लिए पर्याप्त है
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पराली की परत बिछाएं और उस पर यूरिया घोल छिड़कें. यह काम करते वक्त दस्ताने पहनें और आंखों से बचाएं
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पराली और यूरिया घोल को परत-दर-परत मिलाते जाएं, ताकि सब पराली अच्छी तरह गीली हो जाए
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इस गीली पराली को किसी प्लास्टिक शीट, ड्रम या गड्ढे में भरकर कसकर ढक दें. हवा नहीं घुसनी चाहिए
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पराली को ढककर 2–3 हफ्ते तक ऐसे ही पड़ा रहने दें. इस दौरान इसमें किण्वन (फर्मेंटेशन) होता है और पोषण बढ़ता है
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15–21 दिन बाद पराली को खोलें. इसकी हल्की खमीर जैसी महक होगी और रंग थोड़ा बदला हुआ होगा. यही संकेत है कि यह तैयार है
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शुरुआत में कम मात्रा से शुरू करें और फिर धीरे-धीरे बढ़ाएं. यह नया चारा है, जानवरों को इसकी आदत डालने में समय लगता है
नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...
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