18 June 2025
By: KisanTak.in
सस्ती और मजबूत नस्लों जैसे कड़कनाथ, आसिल, या देसी चूज़े चुनें. ये बीमारियां कम पकड़ते हैं और खर्चा भी कम होता है
Credit: pinterest
10 चूजों के लिए बांस, टीन या लकड़ी से बना छोटा सा 6x6 फुट का शेड काफी होता है. नीचे सूखी घास या चूरा बिछा दें
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गेंहू की भूसी, टूटे चावल, रसोई के बचे हुए चावल/दाल, सब्ज़ी के छिलके और हरे चारे से फीड तैयार करें
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चूजों के शेड में साफ पानी हमेशा रखें. पुराने डब्बों या कटोरी में पानी रखें और इसे दिन में दो बार बदलें
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हर 2-3 दिन में शेड की सफाई करें. गीली जगह पर फफूंदी और बीमारी जल्दी लगती है
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हल्दी, लहसुन, नीम की पत्तियां व पानी में थोड़ा सा सिरका मिलाकर देने से रोग चूजों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
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हर 15 दिन में प्राकृतिक कीट-नाशक जैसे नीम के धुएं से शेड को कीटमुक्त रखें. साथ ही समय पर टीकाकरण करवाएं
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एक बार जब चूज़े बड़े होकर अंडा देने लगें, तो उसी में से 2-3 चूज़े और तैयार करें. इससे बिना खर्चे के फार्म बढ़ेगा
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अंडा या बड़ा हुआ मुर्गा पास के बाजार, हाट या घर से ही बेचें सकते हैं इससे आपका ट्रांसपोर्ट का खर्चा बचेगा
नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...
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