बकरी वाले ध्यान दें! पहले ही जान लें ये आम बीमारियां और इलाज

30 May 2025

By: KisanTak.in

मुंह, जीभ, खुरों में छाले, बुखार और खाना छोड़ना इसके लक्षण हैं. इसका कोई सीधा इलाज नहीं है. छह महीने में एक बार वैक्सीनेशन जरूरी है

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खुरपका-मुंहपका

सांस लेने में तकलीफ, नाक से पानी याबुखार इसके लक्षण हैं. एंटीबायोटिक इंजेक्शन से इलाज हो सकता है. साथ ही गर्म जगह और सूखी हवा में बकरी को रखें

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न्यूमोनिया

इस बीमारी में बकरी का वजन कम होने लगता है, दस्त होते हैं और बाल भी झड़ने लगेंगे. इसके लिए आप बकरी को कीड़े मारने की दवा हर 3 महीने में खिलाएं

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पेट के कीड़े 

लक्षण: पतला मल, पानी की कमी. इलाज: ORS, नीम का काढ़ा, ज़रूरत हो तो एंटीबायोटिक भी दे सकते हैं

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दस्त या डायरिया

इसमें बकरी को बुखार, मुंह से बदबू, नाक से स्राव या दस्त आने लगते हैं. इसका कोई इलाज नहीं है बस टीका लगवाना जरूरी है

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पीपीआर

इसमें बकरी का संतुलन बिगड़ना, चक्कर आना, अचानक गिर जाना लक्षण हैं. ऐसी हालत में पशु चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें

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लकवा

लक्षण: आंख लाल होना, पानी गिरना. इलाज: आई ड्रॉप डालें, बकरी की आंख साफ रखें और इसे मक्खियों से बचाकर रखें

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आई इंफेक्शन 

लक्षण: बाल झड़ना, खुजली और पपड़ी बनना. इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह पर इंजेक्शन और त्वचा पर दवा लगाएं

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खुजली या स्कैबीज

थन में सूजन, दर्द, दूध कम होना या खून के साथ दूध आना इसके प्रमुख लक्षण हैं. इलाज के लिए थन धोना, एंटीबायोटिक इंजेक्शन और दूध निकालते रहें

नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...

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थन की सूजन