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Success Story: मिसाल बनीं मंत्रवती, पीले तरबूज की खेती ने दिलाई पहचान

Success Story: मिसाल बनीं मंत्रवती, पीले तरबूज की खेती ने दिलाई पहचान

लाल और बीजदार तरबूज तो आपने खूब खाए होंगे. हाट, मंडी और बाजारों में इसे बिकते हुए भी खूब देखा होगा. लेकिन आपको हम एक ऐसे तरबूज के बारे में बताते हैं जो आपका दिल जीत लेगा. देखते ही आपको लगेगा कि एक नहीं, झोला भर कर खरीद लें. इस खास तरबूज को उगाने का काम किया है एक महिला किसान ने. पढ़ें ये दिलचस्प कहानी.

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महिला किसान ने अपने खेतों में उगाए पीले तरबूज महिला किसान ने अपने खेतों में उगाए पीले तरबूज

इटावा में एक महिला किसान आजकल सुर्खियों में है. इस किसान का नाम है मंत्रवती. मंत्रवती ने पहले अपने खेतों में स्ट्रॉबेरी की खेती की. उसमें अच्छी कमाई होने के बाद ड्रैगन फ्रूट की खेती में हाथ आजमाया. उसमें भी बंपर मुनाफा हुआ. इसके बाद उन्होंने पीले तरबूज की खेती की जो अभी चर्चा में है. मंत्रवती स्वयं सहायता समूह की सखी भी हैं जिससे उन्हें खेती के बारे में अच्छा आइडिया मिल जाता है. आज मंत्रवती जिस पीले तरबूज की खेती कर रही हैं, उसका बहुत अच्छा मुनाफा मिल रहा है. बाजार में इस तरबूज की कीमत बाकी तरबूज से दोगुनी है. आज मंत्रवती खुद के लिए आमदनी का स्रोत तो पैदा कर ही रही हैं, उन्होंने और भी कई महिला किसानों को राह दिखाई है.

जनपद इटावा में खेती किसानी में अब महिलाएं भी आगे बढ़कर हिस्सा ले रही हैं. जिस प्रकार से खेतों में पुरुष किसान अपनी परंपरागत खेती में बदलाव कर बड़ा मुनाफा कमा रहे हैं. उसी तरह महिलाएं भी अब आगे बढ़ रही हैं. वह भी घर के काम से निकलकर अब खेतों में नए प्रयोग कर मिसाल कायम कर रही हैं. इसका जीता जागता उदाहरण जसवंतनगर तहसील के अंतर्गत ग्राम नगला भिखन की रहने वाली मंत्रवती हैं जो स्वयं सहायता समूह की सखी भी हैं. 

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मंत्रवती को एनआरएलएम से जुड़कर प्रेरणा मिली. इसके बाद उन्होंने आधा बीघा खेत में स्ट्रॉबेरी की खेती करके बड़ा मुनाफा कमाया और यह क्षेत्र में चर्चा का विषय भी रहा. 10 हजार रुपये लागत खर्च करने के बाद उन्होंने 40 हजार रुपये की स्ट्रॉबेरी की बिक्री कर बड़े मुनाफे के साथ अपनी कमाई की. इससे खुश होकर उन्होंने उसी आधा बीघा खेत में पीले तरबूज की खेती कर दी. इसमें मात्र उन्होंने तीन सौ रुपये का बीज खरीद कर उसी खेत में बुवाई कर दी. उसके बाद खेतों में पीले तरबूज बड़ी संख्या में लगे हुए हैं. 

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इन तरबूजों की बाजार में सामान्य तरबूज से दोगुनी कीमत मिल रही है. इससे भी बड़ा मुनाफा होने वाला है. यह सब देख कर क्षेत्र के किसान प्रेरित हो रहे हैं तो वहीं कई महिला किसान भी मंत्रवती से प्रेरणा ले रही हैं. 

मंत्रवती ने यह भी बताया कि उन्होंने एनआरएलएम की मदद से ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू कर दी है. ड्रैगन फ्रूट की खेती में फल तीन वर्ष बाद आते हैं और 25 वर्ष तक लगातार फलदाई पौधे होते हैं. उसमें भी बड़ा मुनाफा होगा. परंपरागत खेती जैसे आलू, गेहूं आदि की होती है उससे अधिक मुनाफा इस आधुनिक खेती में हो रहा है. आधुनिक खेती में कम समय में अधिक लाभ लिया जा सकता है. मंत्रवती अब भविष्य में आने वाले मौसम में स्ट्रॉबेरी और पीले तरबूज की खेती बड़े क्षेत्रफल में करने जा रही हैं.