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UP: 13 बिस्वा खेत में उगाई 14 फसलें, मुनाफे के इस मॉडल की सरकार भी हुई मुरीद

UP: 13 बिस्वा खेत में उगाई 14 फसलें, मुनाफे के इस मॉडल की सरकार भी हुई मुरीद

राजधानी लखनऊ के ही मलीहाबाद के एक किसान ने प्राकृतिक खेती का एक ऐसा मॉडल विकसित किया है जिसकी चारों तरफ तारीफ होने लगी है. गिरजा शंकर मौर्य नाम के किसान ने 13 बिस्वा खेत में एक साथ 14 फसलें उगा कर क्षेत्र के किसानों के लिए एक नया मुनाफे का मॉडल दिया है

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उत्तर प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती के जीरो बजट मॉडल को खूब तेजी से प्रचार-प्रसार कर रही है. प्रदेश के बुंदेलखंड के सभी जनपदों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार किसानों के साथ खड़ी है. राजधानी लखनऊ के ही मलीहाबाद के एक किसान ने प्राकृतिक खेती का एक ऐसा मॉडल विकसित किया है, जिसकी चारों तरफ तारीफ होने लगी है. गिरजा शंकर मौर्य नाम के किसान ने 13 बिस्वा खेत में एक साथ 14 फसलें उगा कर क्षेत्र के किसानों के लिए एक नया मुनाफे का मॉडल दिया है. मालूम हो क‍ि एक बीघे में 20 ब‍िस्वा होते हैं.  

क‍िसान गिरजा शंकर की इस मॉडल को कृषि विभाग के अधिकारियों के द्वारा भी सराहा जा चुका है. ज्यादातर किसान अपने खेत में पूरे साल में दो या तीन फसल ही ले पाते हैं. लेकिन, गिरजा शंकर ने एक साथ 14 फसलें लेकर अपनी आय में भी बड़ा इजाफा किया है. प्राकृतिक खेती के लिए गिरजा शंकर मौर्य को कृषि विभाग से कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं.

क्या है गिरजा शंकर का मुनाफे का मॉडल

गिरजा शंकर मौर्य राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद तहसील के भदेसरमऊ गांव के रहने वाले हैं. उनके पास कुल 33 विस्वा की खेती है. लेकिन, इस छोटे से खेत में उन्होंने प्राकृतिक खेती का एक ऐसा मॉडल विकसित किया है, जिसकी खूब तारीफ हो रही है. दिसंबर 2017 में प्राकृतिक खेती को पूरे देश में फैलाने वाले सुभाष पालेकर से ट्रेनिंग लेने के बाद उन्होंने देसी गाय को पाल कर खेती शुरू की. फिर वे खेती में रोज नए आयाम गढ़ते रहे. गिरजा शंकर मौर्य बताते हैं कि अपने 13 बिस्वा खेत में एक साथ वह 14 फसल उगाते हैं.

 वहीं इस छोटे से खेत में वह गाय के लिए साल भर हरा चारा देने वाली नेपियर घास का भी उत्पादन करते हैं. वह बताते हैं कि 1 एकड़ में पूरे साल में उनकी 80000 लागत आती है, जबकि मुनाफा ₹465000 मिला है. इस लिहाज से देखा जाए तो 6 गुने से ज्यादा का मुनाफा प्राकृतिक खेती के माध्यम से मिल रहा है.

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दूसरे किसानों को भी प्राकृतिक खेती के लिए कर रहे हैं प्रोत्साहित

गिरजा शंकर मौर्य के इस मुनाफे के मॉडल को देखकर अब क्षेत्र के दूसरे किसान भी उनसे सीखने के लिए पहुंचने लगे हैं. गिरजा शंकर मौर्य अपने इस छोटे से खेत में आम ,अमरूद, पपीता, केला, नींबू जैसे फलों को गाते हैं. तो वहीं सब्जी के रूप में तोरई, लौकी, कुदुरु ,परवल, धनिया, पालक जैसी फसल का भी उत्पादन करते हैं. यहां तक कि वह एक दूसरे खेत में अरहर, मनोकामनी, हल्दी, मूंग और उड़द की फसल को भी पैदा कर रहे हैं. प्राकृतिक विधि से खेती करने से उत्पादन में कोई खास फर्क नहीं मिलता है. लेकिन, जहर मुक्त इस खेती से उनका ही नहीं बल्कि समाज का भी फायदा हो रहा है. उनके इस मॉडल के लिए कृषि विभाग ने उन्हें सम्मानित भी किया है.