मिर्च की खेती भी किसानों के लिए काफी फायदेमंद हो सकती है और यह किसानों की किस्मत बदल सकती है. पंजाब के फिरोजपुर के भी कुछ ऐसे किसान हैं जिनकी किस्मत मिर्च की खेती ने बदल दी है. फिरोजपुर के हुकुमत सिंह वाला गांव के रहने वाले सीमांत किसान शमशेर सिंह इसके मिसाल हैं. ढाई एकड़ में खेती करने वाले शमशेर सिंह पहले पारंपरिक गेहूं की खेती करते थे. लेकिन फिर उन्होंने मिर्च की खेती को चुना और आज उनके जीवन में बदलाव हुआ है और वो अच्छी कमाई कर रहे हैं.
शमशेर सिंह पिछले एक दशक से मिर्च की खेती कर रहे हैं. इस दौरान उनके जीवन में काफी आर्थिक सुधार आया है. इतना ही नहीं शमशेर सिंह उन छोटे और सीमांत किसानों सहित 20 मिर्च उत्पादक समूहों का हिस्सा है जो पंजाब के कई छोटे किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मिर्च की खरीद करते हैं. यह अलग बात है कि राज्य सरकार मिर्च पर एमएसपी नहीं देती है पर किसानों का यह समूह यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी किसान एक तय कीमत से कम पर मिर्च नहीं बेचे और उन्हें नुकसान नहीं हो.
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द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट शमशेर सिंह अपनी एक एकड़ जमीन में सिर्फ मिर्च और अन्य सब्जियों की नर्सरी तैयार करते हैं. बाकी जमीन पर वो मिर्च की खेती करते हैं. उन्होंने 64000 रुपये प्रति एकड़ सालाना के हिसाब से 10 एकड़ जमीन लीज पर भी ली है. जहां पर वो मिर्च की खेती करते हैं इसके अलावा वो उन छोटे किसानों से मिर्च भी खरीदते हैं, जिन्हें बाजार ढूंढ़ने में परेशानी होती है, ताकि उन किसानों को भी एमएसपी के बराबर कीमत मिल सके. उन्होंने बताया कि वे किसानों से गारंटीड दरों पर मिर्च खरीदते हैं.
मिर्च की खेती करने के लिए अक्तूबर के महीने में नर्सरी लगाई जाती है. इसके 40-45 दिनों बाद पौधों को मुख्य खेत में रोप दिया जाता है. पौधौं को सर्दियों में बचाने के लिए टनल फार्मिंग तकनीक का सहारा लिया जाता है. जिनमें लोहे के तार और प्लास्टिक का इस्तेमाल करके चार फीट ऊंचा एक टनल बनाया जाता है. जिसमें सभी पौधे ढंक जाते हैं. इसके बाद मार्च के अंत कर फसल तैयार हो जाती है. फिर किसान जुलाई महीने तक अपने खेत से हरी मिर्च की तुड़ाई कर सकते हैं.
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हरी मिर्च के पैदावार की बात करें तो प्रति एकड़ 250 क्विंटल तक का उत्पादन हासिल किया जा सकता है.जबकि लाल मिर्च की पैदावार 80 से 120 क्विंटल प्रति एकड़ होती है. एक एकड़ में मिर्च की नर्सरी उगाने में मजदूरी और बीज का खर्च लगभग पौने दो लैाख रुपए का खर्च आता है. हालांकि इसमें रिटर्न अच्छा होता है किसान 40-45 दिन पुरानी मिर्च की नर्सरी को किसान 18-20 लाख रुपये तक में किसान बेच सकता है. इससे किसान को 9-10 लाख रुपये की बचत हो जाती है. शमशेर सिंह बताते हैं कि एक एकड़ में मिर्च की खेती करते किसान 1.5 लाख रुपये तक कमा सकते हैं जबकि गेहूं की खेती में किसान 50,000 रुपये तक की कमाई कर सकते हैं.
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