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Success Story: सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी छोड़ी, अब गुलाब की खेती से हर साल कमाते हैं पांच लाख

Success Story: सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी छोड़ी, अब गुलाब की खेती से हर साल कमाते हैं पांच लाख

गुलाब की खेती से सालाना पांच लाख रुपये की कमाई करने वाले किसान का नाम है राजेश कुमार. राजेश कुमार अपनी पत्नी के साथ गुलाब के फूलों की खेती करते हैं और उससे किस्म-किस्म के प्रोडक्ट बनाते हैं. इन प्रोडक्ट के वे खुद ही डोर टू डोर सप्लाई करते हैं और उससे अच्छी कमाई करते हैं.

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हिसार के किसान राजेश कुमार हिसार के किसान राजेश कुमार

हरियाणा के हिसार जिले के गांव हिदवान के रहने वाले किसान राजेश कुमार ने गुलाब की खेती में बड़ा नाम कमाया है. राजेश कुमार गुलाब के फूलों की ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं. राजेश कुमार ने गुलाब के फूलों की पतियों से गर्मी के दिनों में इस्तेमाल होने वाला शरबत, गुलाब जल, गुलकंद तैयार किया है जो कि सेहत के लिए लाभदायक है. हिसार के हिदवान गांव के किसान राजेश कुमार गुलाब की खेती से छोटी जमीन से सालाना पांच लाख रुपये कमा रहे हैं. राजेश से जानकारी लेकर 40 किसान और गुलाब के फूलों की खेती करने लगे हैं. राजेश कुमार आज कई किसानों के लिए प्रेरणा के स्रोत बन गए हैं. 

गुलाब की खेती पूरी तरह से ऑर्गेनिक हो रही है, इसलिए लोगों के बीच राजेश कुमार के प्रोडक्ट की मांग तेजी से बढ़ रही है. गुलाब की खेती राजेश कुमार और उनकी पत्नी साथ में करते हैं. फिर उस गुलाब से बनाए प्रोडक्ट वे खुद ही खुद डोर टू डोर सप्लाई करते हैं. किसान दंपति चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला में अपने प्रोडक्ट बेचते हैं. वे हरियाणा के कई शहरों में डोर टू डोर मार्केटिंग करते हैं. राजेश कुमार गुलाब के फूलों की खेती और उससे बने प्रोडक्ट से आज सालाना पांच लाख रुपये कमाई कर रहे हैं. खेती से दोनों पति-पत्नी खुशहाल जीवन जी रहे हैं. 

कई शहरों में सप्लाई होता है प्रोडक्ट

किसान राजेश कुमार से जानकारी लेकर देशभर के 40 किसान गुलाब के फूलों की खेती कर रहे हैं. राजेश कुमार अपने प्रोडक्ट को मार्केट में सप्लाई नहीं करते बल्कि वे अपने बनाए सामान को हरियाणा के अलग-अलग जिलों और चंडीगढ़, मोहाली, पंचकूला में डोर टू डोर सप्लाई करते हैं. इसके लिए वे अकेले ही मेहतन करते हैं. खेती के काम में वे मजदूरों की सहायता नहीं लेते. वे अपनी पत्नी के साथ गुलाब के फूलों को तोडऩे का काम करते हैं. सीजन में कुछ फूलों को बाजार में सप्लाई करते हैं जबकि अन्य फूलों की पत्तियों से वे घर पर प्रोडक्ट तैयार करते हैं.

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किसान राजेश कुमार पहले सिक्योरिटी गार्ड का काम करते थे. जिस जगह वे काम करते थे, वहीं पर एक माली ने उन्हें गुलाब की खेती की जानकारी दी. इसके बाद राजेश कुमार ने अपने छह कनाल खेत में गुलाब की खेती शुरू की. राजेश कुमार ने बताया कि प्रति माह 70 से 80 किलो गुलाब के फूलों की पैदावार हो जाती है जिन्हें वे मार्केट में सप्लाई करते हैं. साथ ही बचे फूलों से गुलाब जल, शरबत और गुलकंद तैयार करते हैं. इन प्रोडक्ट को तैयार करके वे खुद लोगों के पास पहुंचाते हैं. 

किसान राजेश कुमार अपनी पत्नी के साथ गुलाब की खेती करते हैं

क्या कहते हैं किसान राजेश कुमार

किसान राजेश कुमार कहते हैं कि उनके बनाए प्रोडक्ट लोगों को काकी पंसद आ रहे हैं. उनका तैयार किया गया गुलाब जल चंडीगढ़ की यूनिवर्सिटी की लड़कियां तैयार कर रही हैं. साथ ही, वे चंडीगढ़, मोहाली में अपने हाथ से तैयार किए माल को खुद बेचते हैं. उन्होंने बताया कि गुलाब की खेती लिए वे गो कृपा अमृत स्प्रे इस्तेमाल करते हैं और वेस्ट कंपोस्ट खाद का इस्तेमाल करते हैं. इससे गुलाब के खेतों में कीड़े मकोड़े कीट सब दूर हो जाते हैं. राजेश ने बताया कि उनके पौधों के गुलाब का साइज बड़ा होता है. वे अपने प्रोडक्ट को हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, रोहतक भिवानी, बहादुरगढ़, चंडीगढ़, मोहाली, अंबाला, पंचकूला में खुद सप्लाई करते हैं.

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किसान की मेहनत लाई रंग

गुलाब की खेती में सबसे पहले फूलों को तोड़ने की जरूरत होती है. ऐसे में राजेश कुमार अपनी पत्नी के साथ सुबह चार से सात बजे तक खेत चले जाते हैं और गुलाब तोड़ कर उन्हें घर ले आते हैं. अगर फूल की डिमांड मार्केट से आती है तो वहां पहुंचा देते हैं. अन्यथा घर पर अपने गुलाब जल, शरबत, गुलकंद के छोटे डिब्बे तैयार कर लेते हैं. इसके बाद वे खुद डोर टू डोर मार्केटिंग करके अपने सामान को बेच देते हैं. राजेश ने कहा कि अगर किसान पारंपरिक खेती के साथ गुलाब के फूलों की खेती करें तो काफी लाभ कमा सकते हैं. उन्होंने बताया कि गुलाब के फूल के पौधो में किसी तरह की बीमारी या रोग न लगे, इसलिए वैज्ञानिकों से भी सलाह लेते रहते हैं.