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PM Kisan: सम्मान न‍िध‍ि के ल‍िए यूपी में पात्र क‍िसानों की होगी पहचान, बुधवार से शुरू होगा अभ‍ियान

PM Kisan: सम्मान न‍िध‍ि के ल‍िए यूपी में पात्र क‍िसानों की होगी पहचान, बुधवार से शुरू होगा अभ‍ियान

यूपी की योगी सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना में शामिल होने से रह गए किसानों को इस योजना का लाभार्थी बनाने के लिए गांव गांव जाकर जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने में किसानों की मदद करने की मुहिम चलाएगी. सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 24 मई काे इस मुहिम का औपचारिक तौर पर आगाज करेंगे.

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पीएम किसान सम्मान निध‍ि के संतृप्तीकरण अभ‍ियान की जानकारी देते यूपी के कृष‍ि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, फोटो, किसान तक  पीएम किसान सम्मान निध‍ि के संतृप्तीकरण अभ‍ियान की जानकारी देते यूपी के कृष‍ि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, फोटो, किसान तक

पिछले सप्ताह यूपी के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने इस मुहिम की कार्ययोजना को अंतिम रूप देते हुए 22 मई से 10 जून तक हर गांव में कैंप लगाकर पीएम किसान सम्मान निधि के पात्र किसानों के आवेदन पूरे करने की जानकारी दी थी. मुख्य सचिव के आदेश पर अमल करते हुए सभी जिला प्रशासन ने इस अभियान की पूर्व निर्धारित योजना के मुताबिक मुहिम का कैलेंडर बनाकर इसकी अनौपचारिक शुरुआत की दी है. यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मंगलवार को बताया कि सीएम योगी किसान सम्मान निधि योजना के तहत बुधवार को 15 दिन तक चलने वाले संतृप्तीकरण अभियान की औपचारिक शुरुआत करेंगे.

क्यों चल रही मुहिम

छोटी जोत वाले आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को वित्तीय मदद देने के लिए मोदी सरकार द्वारा दिसंबर 2018 में शुरू की गई 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना' के तहत 6 हजार रुपये सालाना दिए जाते हैं. यह पैसा रबी, खरीफ और जायद की फसलों की बुआई से पहले 2000 रुपये की 3 किस्तों में पात्र किसानों को दिया जाता है.

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बीते 4 सालों में यूपी सहित पूरे देश में भारी संख्या में ऐसे किसान पाए गए जो इस योजना के मानकों की कसौटी पर खरे नहीं उतरे थे. वहीं बड़ी संख्या ऐसे पात्र किसान योजना से बाहर रह गए जो इसके मानकों के मुताबिक जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी नहीं कर सके थे. सरकार के आकलन में पता चला कि यूपी में ऐसे हकदार किसानों की संख्या बहुत ज्यादा है, जो अभी भी इस योजना की जटिल प्रक्रिया के कारण इसके लाभार्थी नहीं बन पाए हैं.

ऐसे किसानों को योजना से जोड़ने के लिए योगी सरकार ने अपने तरह का अनूठा संतृप्तीकरण अभियान शुरू किया है. इसके लिए योगी सरकार ने योजना के वास्तविक पात्र लाभार्थियों को जोड़ने में किसानों की हर संभव मदद करने के लिए सभी जिलाधिकारियों से ग्राम प्रधानों की मदद से संतृप्तीकरण मुहिम के तहत हर गांव में शिविर लगाने को कहा है.

किसानों की मदद के लिए सरकार, किसानों के द्वार

शाही ने कहा कि इस योजना के तहत पात्र होने के लिए किसानों को ई केवाईसी कराना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके अलावा अन्य कागजी कार्रवाई भी पूरी करने में किसानों को जो दिक्कत आ रही हैं, जिसकी वजह से उन्हें पहले अपात्र घोषित कर दिया गया था, उन्हें इस योजना की प्रक्रियागत औपचारिकताएं पूरी करने का एक और मौका दिया जाएगा. इस काम में किसानों की मदद करने के लिए कृष‍ि एवं राजस्व विभाग सहित सभी महकमों के अलावा डाकघर और बैंक के कर्मचारी भी शिविर में मौजूद रहेंगे. 

उन्होंने कहा कि पूरा सरकारी अमला गांव में जाकर इस योजना के संभावित पात्र लाभार्थियों की ई केवाईसी कराने से लेकर अन्य कागजी औपचारिकताएं पूरी करने में मदद करेंगे. गौरतलब है कि अब तक इस योजना के तहत किसानों को 13 किस्तों में सम्मान निधि दी जा चुकी है. अब 14वीं किस्त आगामी 15 जून तक आने की उम्मीद है. ऐसे में उन्होंने अधिकारियों को समय से गांव स्तर पर अभियान चलाकर किसानों की हर संभव मदद करने को कहा है, जिससे समय रहते संभावित पात्र लाभार्थियों को योजना की 14वीं किस्त का लाभ सुनिश्चित कराया जा सके.

रोजाना 5000 गांव में लगेंगे श‍िविर

शाही ने कहा कि यह अपनी तरह की अनूठी मुहिम है, जिसमें किसानों को किसी योजना का लाभ देने के लिए सरकार किसानों के द्वार पर पहुंच रही है. इस योजना में शामिल होने से रह गए पात्र किसानों को लाभान्वित कराने के उद्देश्य से सरकार आगामी 10 जून तक ग्राम पंचायत स्तर पर ‘पीएम किसान लाभार्थी संतृप्तीकरण अभियान’ चलाएगी. इसके तहत ग्राम पंचायत स्तर पर हर सप्ताह सोमवार से शुक्रवार तक सभी कार्यदिवस पर प्रातः 9 बजे से सायं 6 तक किसान कैंप लगाए जाएंगे.

उन्होंने बताया कि इस अभियान का सफल संचालन सभी 18 मंडलों के मंडलायुक्त अपनी लीडरशिप में कराएंगे. इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर एक कैलेंडर बनाया गया है. उन्होंने बताया कि इस कैलेंडर में प्रतिदिन कम से कम 5000 गांवों में संतृप्तीकरण शिविर लगाए जाएंगे. इनमें कृष‍ि विभाग के कर्मचारियों के अलावा राजस्व विभाग और पंचायती राज विभाग सहित अन्य विभागों के कर्मचारियों एवं डाकघर तथा बैंकों के कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगाई गई है.

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स्पॉट पर होगा काम

शाही ने कहा कि इस योजना के संभावित पात्र किसानों को शिविर में ही भू अभिलेखों का सत्यापन करने के लिए लेखपाल मौजूद रहेंगे. वहीं, ई-केवाईसी करने के लिए बैंक कर्मी और आधार कार्ड को बैंक से लिंक करने एवं नया खाता खोलने के लिए पोस्ट ऑफिस के प्रतिनिधियों की मौजूदगी को अनिवार्य किया गया है.

इसके अलावा ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी, पंचायत सेक्रेटरी एवं कृषि विभाग के तकनीकी सहायक भी शिविर में उपस्थित रह कर स्पॉट पर ही किसानों के सभी काम पूरे कराएंगे. जिससे इस योजना में शामिल होने के इच्छुक किसानों के पात्र होने की औपचारिकताएं तत्काल पूरी हो सके. उन्होंने स्पष्ट किया कि शिविर में ही यह तय हो जाएगा कि कोई आवेदक इस योजना में शामिल होने के लिए पात्र है या नहीं. इसके अलावा श‍िविर में नये आवेदन लेने के साथ, पहले से लंबित आवेदनों का भी निस्तारण कराया जाएगा.

अभियान से पहले घर घर जाकर किया गया सर्वे

मुख्य सचिव के आदेशानुसार 22 मई को यह अभियान शुरू होने से पहले, ग्राम प्रधान के नेतृत्व में पंचायत कर्मियों की टीमें गांव में घर घर जाकर सर्वेक्षण कर उन किसानों की सूची तैयार कर रही हैं, जो विभिन्न कारणों से इस योजना का लाभ पाने से अब तक वंचित रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिये जिला स्तर के वरिष्ठ अधिकारी निरंतर निरीक्षण करेंगे. गौरतलब है कि इस योजना के सभी पात्र किसानों को इससे जोड़ने के लिए चलाए जाने वाले इस अभियान की मॉनिटरिंग खुद मुख्य सचिव मिश्र कर रहे हैं.

सरकार के पास इस बात की पुख्ता जानकारी है कि बड़ी संख्या में ऐसे पात्र किसान हैं, जिन्होंने अभी तक इस योजना के लिए ओपन सोर्स से आवेदन नहीं किया है. साथ ही ऐसे किसान भी हैं, जिन्होंने आवेदन तो किया है, मगर उनका आवेदन अब तक स्वीकृत नहीं हुआ है. साथ ही ऐसे किसान भी हैं, जिन्हें पात्र घोषित कर दिया गया है, मगर उनके भूलेख अपडेट नहीं होने के कारण उन्हें सम्मान राशि नहीं मिल रही है. 

गौरतलब है कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत अपात्र लोगों के शामिल होने के कारण सरकार को इनसे वसूली करनी पड़ी थी. ऐसी स्थ‍िति पुन: पैदा न हो इसके लिए केन्द्र सरकार ने 14वीं किस्त के लिए किसानों को अपने बैंक खाते की ई केवाईसी कराना, भूलेख अंकन करना और आधार को बैंक से लिंक कराना अनिवार्य कर दिया है. यह अभियान चलाकर सरकार पात्र किसानों की पुष्टि करेगी. साथ ही किसानों को भी इस योजना का पात्र बनने के लिए बार बार बैंक और सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.

इस योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसानों एवं अपात्र घोषित किए जा चुके किसानों को श‍िव‍िर में जाने से पहले ग्राम प्रधान की अगुवाई में होने वाले सर्वे में अपना नाम दर्ज कराना होगा. इसके बाद निर्धारित तारीख पर होने वाले शिविर में किसानों को अपने आधार कार्ड, खतौनी और आधार से लिंक बैंक खाते की पासबुक लेकर पहुंचना होगा.

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यूपी में किसान सम्मान निधि

शाही ने बताया कि दिसंबर 2018 में यह योजना शुरू होने के बाद अब तक यूपी में 2.6 करोड़ किसान इस योजना के लाभार्थी के रूप में सम्मान निधि की कम से कम एक किस्त ले चुके हैं. इस मद में अब तक 55,882 करोड़ रुपये का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किसानों को किया जा चुका है. इसके तहत 2.20 करोड़ पात्र किसानों के भूलेख विवरण को सत्यापित कर पीएम किसान पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है. साथ ही 1.84 लाख किसानों की ई केवाईसी हाे चुकी है और 2.19 करोड़ के आधार कार्ड बैंक से लिंक हो चुके हैं.

उन्होंने बताया कि किसानों का फेशियल ई केवाईसी कराने के लिए केन्द्र सरकार ने एक मोबाइल ऐप विकसित किया है. इसका उपयोग कर किसान स्वयं अपना और अन्य किसानों की ई केवाईसी कर सकेंगे. संतृप्तीकरण शिविर में भी इसी ऐप का उपयोग किया जाएगा.