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Jal Sakhi: अब गांव में ही हो सकेगी शुद्ध पानी की पहचान... जल सखी के हाथों में होगी कमान 

Jal Sakhi: अब गांव में ही हो सकेगी शुद्ध पानी की पहचान... जल सखी के हाथों में होगी कमान 

उत्तर प्रदेश में जल जीवन मिशन के अंतर्गत एफटीके प्रशिक्षित ग्रामीण महिलाओं को आज विशेष तौर पर सम्मानित किया गया. एफटीके के प्रशिक्षित महिलाओं के लिए आज का दिन बेहद खास रहा. उनके मोबाइल पर डीबीटी के माध्यम से प्रोत्साहन राशि पहुंचने का मैसेज पहुंचा. नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की ओर से विश्व पर्यावरण के दिवस पर महिलाओं को प्रोत्साहन राशि के वितरण के कार्यक्रम का आयोजन इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में किया गया

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जल सखी करेंगी जल की जांच जल सखी करेंगी जल की जांच

उत्तर प्रदेश में अब गांवों में ही पानी की गुणवत्ता की जांच हो सकेगी. इसके ल‍िए जल सख‍ियों को कमान दी गई है. असल में यूपी सरकार प्रदेश के सभी जिलों में ग्राम पंचायत स्तर पर सभी परिवारों को पीने योग्य सुरक्षित पेय जल उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत हैं. इसी दिशा में जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश की 4.8 लाख  से अधिक महिलाओं को एफटीके किट के माध्यम से जल की गुणवत्ता की जांच करने के लिए विशेष तौर पर प्रशिक्षण दिया गया है. इन महिलाओं को जल सखी नाम दिया गया है. प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर 5 महिलाओं की टीम घर-घर जाकर जल की गुणवत्ता की जांच करेगी और विभाग के पोर्टल पर जानकारी को अपडेट करने का भी काम भी करेगी. पेयजल की जांच करने वाली जल सखी  को प्रति  जांच  ₹20 भी जल जीवन मिशन के अंतर्गत देने का प्रावधान किया गया है. प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने 5 जून को ही एफटीके प्रशिक्षित 21000 महिलाओं को प्रोत्साहन राशि का वितरण भी किया है.

जल सखी (Jal sakhi )करेंगी जल की जांच

उत्तर प्रदेश में सभी जनपदों में पंचायत स्तर पर 5 महिलाओं को जल सखी के रूप में चयन किया गया है. ये  महिलाएं स्वच्छ पेयजल की निरंतरता को बनाए रखने के लिए नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की ओर से जल जीवन मिशन के अंतर्गत एफटीके के माध्यम से जल की गुणवत्ता की जांच करेगी. प्रदेश की अब तक 4.8 लाख से अधिक ग्रामीण महिलाओं को जल गुणवत्ता की जांच का प्रशिक्षण दिया जा चुका है. यह महिलाएं गांव-गांव जल स्रोतों की जांच करके लोगो को जल की अशुद्धि के प्रति जागरूप करने का काम कर रही है.

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जल सखी (Jal sakhi )बन नहीं है स्वावलंबी

प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर उत्तर प्रदेश में 5 महिलाओं को जल सखी  के रूप में नियुक्त किया गया है. ये महिलाएं गांव के जल स्रोतों की एफटीके किट के माध्यम से जांच करेंगी. वहीं महिलाओं को प्रत्येक जांच पर ₹20 की प्रोत्साहन राशि का भुगतान भी जल निगम के तहत किया जाएगा जिससे गांव में ही जल सखी को रोजगार मिल रहा है. इस योजना का उद्देश्य है कि गांव में जल की गुणवत्ता में सुधार हो और लोग स्वच्छ और निर्मल जल का उपयोग करके स्वस्थ रहें.

जल जीवन मिशन में महिलाओं की मजबूत है भागीदारी

उत्तर प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं और वंचित वर्गों को आगे बढ़ाने का कार्य सरकार कर रही है.  समितियों में महिलाओं और समाज के पिछड़े वर्गों का अनुपातिक प्रतिनिधित्व भी शामिल किया गया है. अब यूपी में घरों के अंदर सिमटी और घुंघट तक सीमित रहने वाली महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. पानी की स्वच्छता की यह महिलाएं जांच कर रही हैं. स्वच्छ पेयजल घर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह अपने हाथों में सौंपा गया है. महिलाएं पानी की टंकियों की जिम्मेदारी भी संभाल नहीं है. जल जीवन मिशन में बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन भी हुआ है. गांव की महिलाओं को एफटीके प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मनिर्भर भी बनी है. मोहनलालगंज की अनीता देवी का कहना है कि उन जैसी तमाम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में जल जीवन मिशन की यह योजना कारगर साबित हुई है. वही निगोहा की रहने वाली लाइबा बानो ने बताया कि आज मेरी जैसी तमाम एफटीके प्रशिक्षित महिलाओं को डीबीटी के माध्यम से प्रोत्साहन राशि मिली है जिसके लिए मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को धन्यवाद देती हूं.