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यूपी में 30 जून तक सभी गांवों का हो जाएगा सर्वे, क‍िसानों को म‍िलेगी ड‍िजि‍टल घरौनी

यूपी में 30 जून तक सभी गांवों का हो जाएगा सर्वे, क‍िसानों को म‍िलेगी ड‍िजि‍टल घरौनी

ग्रामीण इलाकों में संपत्ति संबंधी विवादों का त्वरित निस्तारण करने और गांव वालों को अपने पुश्तैनी मकान एवं अन्य संपत्ति पर ऋण लेने जैसी सुविधाएं देने के लिए केन्द्र सरकार ने 'स्वामित्व योजना' शुरू की है. इसके तहत यूपी सहित सभी राज्यों में ग्रामीण इलाकों की संपत्त‍ियों का ड्रोन सर्वे का काम किया जा रहा है. यूपी सरकार ने आगामी 30 जून तक सर्वे का काम पूरा कर सभी 1.10 लाख गांवों की डिजिटल घरौनी एवं रियल टाइम खतौनी बनाने का लक्ष्य तय किया है.

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यूपी में स्वामित्व योजना की प्रगति की समीक्षा करते राज्य के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र  यूपी में स्वामित्व योजना की प्रगति की समीक्षा करते राज्य के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र

गांवों में जमीन-जायदाद से जुड़े मामले सुलझाने के ल‍िए यूपी सरकार महत्वपूर्ण काम कर रही है. ज‍िसके तहत आगामी 30 जून तक यूपी के सभी 1.10 लाख गांवों के भू राजस्व रिकॉर्ड को डिजिटल करने के ल‍िए सर्वे का काम पूरा क‍िया जाना है. इस संबंध के न‍िर्देश यूपी के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने स्वामित्व योजना के तहत अब तक किए गए काम की समीक्षा करने के बाद द‍िए हैं.असल में स्वामित्व योजना के अंतर्गत हर गांव की रियल टाइम खतौनी तैयार कर हर ग्रामीण को डिजिटल घरौनी दी जा सकेगी. मुख्य सचिव मिश्र की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में बताया गया कि स्वामित्व योजना के अंतर्गत यूपी में अब तक 90,900 गांवों का ड्रोन सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है. इसके फलस्वरूप अब तक कुल 51.32 लाख घरौनियां बन कर तैयार हो गई हैं.

प्रदेश के ग्रामीण अंचल में सभी प्रकार की भू संपत्तियों को डिजिटल फॉर्मेट में तब्दील करने के लिए मौजूदा खतौनियों में परिवर्तन किया जा रहा है. इसके लिए इस साल 20 जनवरी से पूरे प्रदेश में रियल टाइम खतौनी परिवर्तन का काम चरणबद्ध तरीके से प्रारम्भ किया गया है. मिश्र ने रियल टाइम खतौनी परिवर्तन का काम आगामी 30 जून तक पूरा करने का निर्देश दिया है. 

रियल टाइम खतौनी के लाभ

मौजूदा खतौनी में ग्रामीण इलाकों में किसानों की खेती की जमीन का ब्योरा दर्ज होता है. रियल टाइम खतौनी में जमीन के साथ पुश्तैनी घर एवं अन्य अचल संपत्तियों का ब्योरा दर्ज होगा. इसका सबसे बड़ा लाभ गांवों में जमीन जायदाद संबंधी विवादों को तेजी से निपटाया जा सकेगा.

र‍ियल टाइम खतौनी गांव के नए नक्शे के आधार पर तैयार की जा रही है. इसके लिए ड्राेन सर्वे तकनीक से हर गांव का नक्शा तैयार किया जा रहा है. इस नक्शे में जमीन के हर टुकड़े का ब्योरा दर्ज होगा. इस नक्शे की मदद से संपत्त‍ियों के सही खातेदारों के नाम व भूमि का विवरण महज एक क्लिक पर मिल जाएगा.

सरकार का दावा है कि इससे सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता आएगी और विचाराधीन मुकदमों का ऑनलाइन विवरण मिलने से विवादित जमीनों की खरीद फरोख्त रुक सकेगी. इसके अलावा कृषि विभाग को 'यूनीक फार्मर' बनाने में सुगमता आने के अलावा फसल सर्वेक्षण, किसान सम्मान योजना हेतु पात्र लाभाथिर्यों के चयन जैसे कामों में सुगमता आएगी. साथ ही विभिन्न प्रकार की सरकारी फसल खरीद में पारदर्शिता भी लाई जा सकेगी. 

समय से काम पूरा करने वाले जिले होंगे सम्मानित

मिश्र ने कहा कि स्वामित्व योजना का काम, नियमित समीक्षा करते हुए निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा करना है. उन्होंन कहा कि इस काम को समय से पूरा करने के लिए प्रतिस्पर्धी माहौल तैयार किया गया है. उन्होंने निर्देश दिया कि समय से बेहतर काम करने वाले जिलों के नाम पोर्टल पर डाल कर इन्हें सम्मानित किया जाये. इससे प्रदेश में रियल टाइम खतौनी परिवर्तन का काम 30 जून तक हर हाल में पूरा करने में मदद मिलेगी. 

अब तक इतना काम हो चुका है

बैठक में बताया गया कि स्वामित्व योजना के अंतर्गत अब तक 90,900 गांवों का ड्रोन सर्वे कर लिया गया है. इस बीच सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा यूपी के 67,784 गांवों के नक्शों की स्थानीय पड़ताल कर 51,382 गांवों के नक्शे सर्वे ऑफ इंडिया को वापस कर दिये गये हैं. इसके आधार पर सर्वे ऑफ इण्डिया 36,981 गांवों के फाइनल नक्शे तैयार कर रहा है.

जिन गांवों के नक्शे तैयार हो चुके हैं, उनमें से 34,801 गांवों की 51,32,192 घरौनियों तैयार हो चुकी है. बाकी बचे गांवों की घरौनी 30 जून तक बनानी है. बैठक में बताया गया कि संशोधि‍त खसरों की फी‍डिंग का लगभग 80 प्रतिशत काम पूरा हो गया है. 

खतौनी में नाम बदलने के लिए नहीं करना होगा इंतजार

बैठक में बताया गया कि पुरानी खतौनी से नई खतौनी पर शि‍फ्ट करने के लिए राजस्व परिषद द्वारा एक सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है. इस साल 20 जनवरी से प्रदेश में रियल टाइम खतौनी परिवर्तन का कार्य चरणबद्ध तरीके से प्रारम्भ हो गया है. हर सप्ताह एक तहसील के 20 से 25 गांवों की नई खतौनी बनााई जा रही है.

रियल टाइम खतौनी परिवर्तन में बदलाव किए जाने के बाद दर्ज किए गए आंकड़ाें के सत्यापन की भी व्यवस्था की गई है. यह भी बताया गया कि रियल टाइम खतौनी बनने के बाद संपत्ति‍ स्वामियों के नाम तत्काल दर्ज हो जाएंंगे. इसके लिए जैसे ही नामान्तरण आदेश होगा, उसी समय खतौनी में भूमि प्राप्तकर्ता का नाम प्रदर्शित होने लगेगा. अभी इस काम को खतौनी रोस्टर में बदलाव के माध्यम से 6 साल के अंतराल पर किया जाता है.

अब तक बंट चुकी है 35 लाख घरौनी

स्वामित्व योजना के माध्यम से सरकार ग्रामीण इलाकों में संपत्ति‍यों के डिजिटल दस्तावेज (खतौनी और घरौनी) तैयार करने के लिए ड्रोन सर्वे व अन्य प्रक्रिया अपना रही है. इस प्रक्रिया के आधार पर बने दस्तावेजों के सत्यापन के बाद यूपी में ग्रामीणों को घरौनी वितरित की जाने लगी हैं.

यूपी में खतौनी ग्रामों की कुल संख्या 1,10,344 है. इनमें से 90,900 गांवों का सर्वे पूरा हो चुका है. इनमें से 34,801 गांवों की 51,32,192 घरौनियां तैयार की जा चुकी हैं. गत वर्ष 25 जून तक 34,69,879 घरौनियों का वितरण भी ग्रामीणों को किया जा चुका है.

इन गांवों का नहीं हुआ सर्वे

बैठक में बताया गया कि यूपी के 19,444 गांवों का ड्रोन सर्वे नहीं हो सका है. इनमें से 10,993 गांव गैर आबाद हैं, जबकि 1019 गांव ऐसे हैं, जिनका या तो नक्शा उपलब्ध नहीं है, या इनके नक्शे जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं. वहीं 4046 गांव शहरीकरण की भेंट चढ़कर शहरों की सीमा में समा गए हैं. शेष 3386 गांवों का सर्वे, अब तक न हो पाने के अन्य कारण हैं. लंबित सर्वे वाले सबसे ज्यादा 1699 गांव, गोरखपुर जिले में हैं.

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