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Digital Land Records : इस साल के अंत तक बन जाएंगी यूपी के 90 हजार गांवों में डिजिटल घरौनियां

Digital Land Records : इस साल के अंत तक बन जाएंगी यूपी के 90 हजार गांवों में डिजिटल घरौनियां

ग्रामीण इलाकों में कई पीढ़ियों तक चलने वाले संपत्त‍ि के विवाद की समस्या से निजात पाने के लिए सरकार पूरे देश में ग्रामीण इलाकों का सेटेलाइट सर्वे कराकर संपत्त‍ि के रिकॉर्ड को डिजिटल बना रही है. 'प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना' के तहत चल रहे इस अभियान में यूपी सरकार ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हुए इस साल दिसंबर तक 90 हजार से अधिक गांवों की डिजिटल घरौनियां तैयार करने का लक्ष्य तय किया है.

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पीएम स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में संपत्ति‍यों का सर्वे कर बन रहीं डिजिटल घरौनियां, फोटो: साभार फ्रीपिक पीएम स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में संपत्ति‍यों का सर्वे कर बन रहीं डिजिटल घरौनियां, फोटो: साभार फ्रीपिक

यूपी में योगी सरकार ने ग्रामीण इलाकों में संपत्ति संबंधी विवादों के शीघ्र निपटारे के लिए सभी प्रकार की संपत्त‍ियों का डिजिटल रिकॉर्ड बनाकर गांव वालों को घर के स्वामित्व के अधिकार पत्र के रूप में डिजिटल घरौनी देने के लिए कार्य योजना बना ली है. 'स्वामित्व योजना' के तहत चल रही इस मुहिम में ग्रामीण इलाकों की संपत्त‍ियों का सर्वे कराकर जिन इलाकों में घरौनी बन गई हैं, उनमें इनका वितरण भी शुरू कर दिया गया है. योगी सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस योजना के तहत संपत्ति‍यों का सर्वे करने से लेकर घरौनियां बांटने तक के मामले में बुंदेलखंड के जिले सबसे आगे हैं. सरकार के आंकड़ों के मुताबिक यूपी में इस साल अप्रैल तक 55 लाख से ज्यादा घरौनियों का वितरण कर दिया गया है.

यूपी सरकार का लक्ष्य

यूपी में योगी सरकार ने इस साल दिसंबर तक 90 हजार से अधिक गांवों की घरौनियां तैयार करने का लक्ष्य तय किया है. गौरतलब है कि स्वामित्व योजना में घरौनियां तैयार करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है, लेकिन इसके पहले ग्रामीण इलाकों का सेटेलाइट सर्वे कर मानचित्र बनाने का काम केन्द्रीय एजेंसी 'सर्वे ऑफ इंडिया' ने किया है.

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मुख्य सचिव के समक्ष पेश रिपोर्ट के अनुसार अभी तक सरकार ने 90,894 गांवों का ड्रोन सर्वे पूरा कर लिया है. इसके अलावा सर्वे ऑफ इंडिया से करीब 73 हजार गांवों का मानचित्र भी प्राप्त कर लिया गया है. इनके आधार पर करीब 57 लाख घरौनियां तैयार की जा चुकी हैं. इनमें से 24 अप्रैल 2023 तक करीब 55.15 लाख घरौनियां वितरित भी की जा चुकी हैं. योगी सरकार इसे एक  बड़ी उपलब्धि बता रही है.

घरौनी बनाने और बांटने में बुंदेलखंड सबसे आगे

स्वामित्व योजना के तहत मानचित्र के आधार पर संपत्तियों काे चिन्हित कर घरौनी बनाने और बांटने के काम में यूपी के कुछ जिले तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. इस दिशा में सबसे तेज काम कर रहे 10 जिलों की अगर बात करें, तो बुंदेलखंड इलाका अन्य जिलों से आगे हैं. बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में 99.9 प्रतिशत, जालौन में 99.6 प्रतिशत, झांसी जिले में 99.05 प्रतिशत काम हो चुका है. प्रदेश में ये तीनों जिले सबसे आगे हैं.

वहीं, बुंदेलखंड का महोबा जिला इस मामले में 98.7 प्रतिशत काम पूरा करने के साथ 5वें स्थान पर है. मुरादाबाद जिला 99.03 प्रतिशत काम पूरा करके चौथे स्थान पर है. बुंदेलखंड में हमीरपुर जिला 97.3 प्रतिशत काम पूरा कर सातवें स्थान पर है. 

इस मामले में शीर्ष 10 जिलों में बागपत जिला 98.3 प्रतिशत काम करके छठे स्थान पर, संभल जिला 97.4 प्रतिशत काम करके 8वें स्थान पर, शामली जिला 97.04 प्रतिशत काम के साथ 9वें स्थान पर और कासगंज जिला 97 प्रतिशत काम करके 10वें स्थान पर है.

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पीएम मोदी 22 लाख घरौनियां बांट चुके हैं

प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के अंतर्गत यूपी के ग्रामीण इलाकों में संपत्त‍ि के स्वामित्व के अधिकार प्रमाण पत्र के रूप में डिजिटल घरौनियों के वितरण का काम तेज गति से जारी है. इस दिशा में योगी सरकार के समयबद्ध तरीके से काम करने कारण यूपी में इस योजना काम तेजी से हो पा रहा है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में अब तक 22 लाख घरौनियां वितरित की जा चुकी हैं.

गौरतलब है कि बीते 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पंचायती राज दिवस के अवसर पर यूपी के 20 लाख 98 हजार 926 घरौनियों का डिजिटली वितरण किया था. ये घरौनियों प्रदेश के 37,833 गांवों की हैं. इससे पहले यूपी में गत विधान सभा चुनाव से पहले भी पीएम मोदी ने घरौनियां वितरित की थीं. इस योजना को 'ग्रामोदय से राष्ट्रोदय' की संकल्पना को साकार करने वाला कदम बता रही योगी सरकार का दावा है कि घरौनियां बांट कर राज्य में संपत्ति संबंधी विवादों से घिरे गांवों को इस समस्या से मुक्ति दिलाने में मदद मिलेगी.