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Good News: लाखों किसानों के लिए आई खुशखबरी, इस राज्य में नहीं बढ़ेंगे बिजली के रेट

Good News: लाखों किसानों के लिए आई खुशखबरी, इस राज्य में नहीं बढ़ेंगे बिजली के रेट

यूपी के लाखों किसानों के लिए खुशखबरी है. इसमें किसान भी शामिल हैं. इस बार बिजली के बढ़े हुए रेट नहीं देने होंगे. बिजली की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव था जिसे सरकार के नियामक ने खारिज कर दिया है. यह लगातार पांचवां साल है जब बिजली की दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

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यूपी के किसानों को पुरानी दरों पर ही बिजली मिलेगी यूपी के किसानों को पुरानी दरों पर ही बिजली मिलेगी

उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए खुशखबरी है. प्रदेश के उपभोक्ताओं की बिजली की दरें नहीं बढ़ेंगी. यह खुशखबरी आम लोगों के साथ किसानों के लिए भी है क्योंकि उन्हें सिंचाई जैसे काम के लिए बिजली की जरूरत होती है. प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया था जिसे खारिज कर दिया गया है. इससे साफ हो गया कि उत्तर प्रदेश में बिजली के रेट पुराने ही रहेंगे और उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. बिजली के रेट बढ़ाने के प्रस्ताव पर भारी विरोध देखा जा रहा था. खासकर विपक्षी पार्टियों ने इसे मुद्दा बनाया था. लेकिन अब इस प्रस्ताव को वापस ले लिया गया है. इससे लोगों को भारी राहत मिली है. उन्हें पिछले रेट पर ही बिजली की दर चुकानी होगी.

उत्तर प्रदेश में बिजली की दरों को लेकर नया टैरिफ आदेश जारी हुआ है. प्रदेश में नई बिजली दरों पर फैसला आया है जिसमें पुरानी दरें ही प्रदेश में लागू रहेंगी. इसी के साथ पावर कॉर्पोरेशन का प्रस्ताव खारिज हो गया है. 

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लागू रहेगी पुरानी रेट

उत्तर प्रदेश नियामक आयोग ने फैसला दिया है जिसमें कहा गया है कि यूपी के उपभोक्ताओं की बिजली की दरें नहीं बढ़ेंगी. नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों ने दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था जिसे अभी लागू करने से रोक दिया गया है. इससे प्रदेश के लाखों लोगों को राहत मिलेगी क्योंकि लोगों की बिजली की दरें पहले वाली ही रहेंगी. नए आदेश के मुताबिक साल 2023-24 में बिजरी की दरें जिसे पावर टैरिफ भी कहते हैं, उसमें किसी तरह का बदलाव नहीं होगा.

2018 से नहीं बढ़ी दरें

बिजली की दरें नहीं बढा़ने का फैसला यूपी इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन यानी कि UPERC  ने किया है. यह लगातार पांचवां साल है जब यूपी में बिजली की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इससे पहले दरों में बदलाव 2018-19 में किया गया था. बिजली की दरें नहीं बढ़ाने के पीछे एक बड़ी वजह 2024 में लोकसभा चुनाव को माना जा रहा है. अगर दरें बढ़ाई जातीं तो प्रदेश के लाखों लोगों पर खर्च का अतिरिक्त बोझ बढ़ता. इससे राहत देते हुए बिजली की दरों को यथावत रखा गया है.

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23% वृद्धि का था प्रस्ताव

नियामक ने इस आधार पर बिजली की दरें नहीं बढ़ाई क्योंकि यूपीपीसीएल ने खर्च का जो बजट बताया था, नियामक ने उसे सही नहीं पाया. यूपीपीसीएल ने बिजली की टैरिफ को 18 परसेंट से बढ़ाकर 23 परसेंट करने का प्रस्ताव दिया था जिसे नकार दिया गया है. अब बिजली की दरें पुरानी ही रहेंगी औऱ उसमें कोई बढ़ोतरी नहीं होगी. प्रदेश के किसानों की शिकायत रही है कि उनका बिजली बिल पहले कम आता था, लेकिन अब ज्यादा आ रहा है. इन किसानों को आज के फैसले से राहत मिलेगी. यूपी में किसानों को कुछ कम रेट पर बिजली का बिल देना होता है, लेकिन हर महीने उन्हें भुगतान करने की जरूरत होती है. ऐसे में बिजली के रेट नहीं बढ़ने से किसानों के लिए राहत की खबर है.