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अफ्रीका के इन तीन देशों की भूख मिटाएगा भारत, जल्द भेजी जाएगी सस्ते चावल की खेप

अफ्रीका के इन तीन देशों की भूख मिटाएगा भारत, जल्द भेजी जाएगी सस्ते चावल की खेप

भारत से अभी टुकड़ा चावल के निर्यात पर प्रतिबंध है. ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत में चावल से इथेनॉल बनाया जा रहा है. लेकिन दुनिया के कुछ देशों में खाद्य सुरक्षा को देखते हुए टुकड़ा चावल भेजने का फाैसला किया गया है. भारत अभी सेनेगल, गांबिया और जिबूती को टुकड़ा चावल भेजने की तैयारी में है.

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अफ्रीका के तीन देशों को टुकड़ा चावल भेजेगा भारत अफ्रीका के तीन देशों को टुकड़ा चावल भेजेगा भारत

भारत, अफ्रीका के तीन देशों को टुकड़ा चावल का निर्यात करेगा. यह निर्यात किसी व्यापारिक स्तर पर नहीं होगा बल्कि सरकारों के बीच बातचीत के आधार पर होगा. जिन तीन देशों को टुकड़ा चावल का निर्यात किया जाएगा उनमें सेनेगल, गांबिया और जिबूती के नाम हैं. पिछले हफ्ते केंद्र सरकार ने एक फैसले में कहा था कि भारत टुकड़ा चावल के निर्यात को मंजूरी देगा. इसी फैसले के साथ अफ्रीका के तीन देशों को टुकड़ा चावल भेजने का रास्ता साफ हो गया है. टुकड़ा चावल के निर्यात पर आठ सितंबर, 2022 से रोक लगी थी.

सरकार का कहना है कि दुनिया के देशों में खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए टुकड़ा चावल के निर्यात को मंजूरी दी गई है. यह फैसला तब लिया गया जब अफ्रीका के कई देश भारत से टुकड़ा चावल और उबले चावल की मांग कर रहे थे. अफ्रीका के कई देशों में चावल की घोर कमी है और भारत में इसका पर्याप्त स्टॉक है. भारत ने कहा है कि अन्य देशों की खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चावल के निर्यात को मंजूरी दी जाएगी.

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अफ्रीकी देशों की मदद में भारत

इस साल मार्च महीने में भी भारत ने अफ्रीका के दो देशों सेनेगल और गांबिया को चावल की खेप भेजी थी. सेनेगल को ढाई लाख टन और गांबिया को एक लाख टन टुकड़ा चावल भेजा गया था. इसके अलावा जिबूती और इथोपिया को भी 10,000 टन चावल निर्यात करने की इजाजत दी गई थी. निर्यात का यह कदम इस लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि पूर्वी एशिया के देशों से भारत के चावल की मांग कम है जबकि पहले इन देशों के बड़ी मात्रा में निर्यात किया जाता रहा है.

हाल की एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस वित्त वर्ष में भारत के चावल निर्यात का टारगेट पिछड़ सकता है क्योंकि इस पर प्रतिबंध चल रहा है. इससे वैश्विक ट्रेड मार्केट में भारत की रैंकिंग खराब होने की आशंका है. चावल के निर्यात में कमी इसलिए आ रही है क्योंकि सरकार ने गैर-बासमती चावल पर 20 फीसद एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई गई है जिसका असर अब दिखना शुरू हो गया है. दुनिया के बाजारों में देखें तो भारत के चावल का भाव वियतनाम और थाइलैंड की तुलना में कम है जिसकी वजह से अफ्रीका के कई देश यहां से अनाज खरीद रहे हैं. इन देशों में नाइजीरिया, बेनिन और कैमरून जैसे देश शामिल हैं.

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चावल से बन रहा इथेनॉल

एक्सपर्ट कहते हैं कि टुकड़ा चावल के निर्यात पर इसलिए प्रतिबंध है क्योंकि इथेनॉल बनाने में इसका प्रयोग हो रहा है. अभी इथेनॉल बनाने में 11 फीसद टुकड़ा चावल लगता है और 65 परसेंट गन्ने के बाईप्रोडक्ट का इस्तेमाल होता है. सरकार 2025 तक पेट्रोल में 25 परसेंट इथेनॉल मिलाने का लक्ष्य लेकर चल रही है. इसके लिए बड़ी मात्रा में इथेनॉल बनाना होगा. हालांकि सरकार अब गन्ना और चावल के अलावा मक्के से भी इथेनॉल बनाने पर विचार कर रही है. लेकिन अभी चावल पर ही अधिक दबाव है. इस वजह से भी टुकड़ा चावल के निर्यात पर बैन चल रहा है. भारत एंबेसी के स्तर पर कुछ जरूरतमंद देशों को टुकड़ा चावल का निर्यात कर रहा है.