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अमूल विवाद के बीच केरल में नंदिनी की 'घुसपैठ'! विरोध में उतरा मिल्मा को-ऑपरेटिव फेडरेशन

अमूल विवाद के बीच केरल में नंदिनी की 'घुसपैठ'! विरोध में उतरा मिल्मा को-ऑपरेटिव फेडरेशन

जिस तरह अमूल का विरोध कर्नाटक में चल रहा है, ठीक वैसे ही केरल में नंदिनी ब्रांड का विरोध हो रहा है. नंदिनी ने एक ओर कर्नाटक में अमूल के प्रवेश पर विरोध जताया जबकि दूसरी ओर खुद भी केरल में मिल्मा के रहते हुए अपने दो स्टोर खोल लिए. अब केरल में इसी बात का विरोध हो रहा है.

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केरल में नंदिनी ब्रांड का विरोध हो रहा है (सांकेतिक तस्वीर) केरल में नंदिनी ब्रांड का विरोध हो रहा है (सांकेतिक तस्वीर)

अमूल विवाद के बीच कर्नाटक जैसा मुद्दा केरल में भी देखने को मिल रहा है. दरअसल कर्नाटक मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के ब्रांड नंदिनी ने केरल में अपने दो स्टोर शुरू किए हैं. इस स्टोर को शुरू करने पर कर्नाटक और केरल आमने सामने आ गए हैं. केरल में नंदिनी ब्रांड का विरोध मिल्मा ब्रांड ने किया है जो केरल को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के तहत आता है. मिल्मा ने केरल में नंदिनी का स्टोर खोलने पर विरोध जताया है. अभी हाल में ऐसा ही विरोध कर्नाटक में नंदिनी ब्रांड ने तब जताया था जब गुजरात के अमूल ने अपना स्टोर शुरू करने की घोषणा की.

केरल को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन का कहना है कि जब नंदिनी ब्रांड कर्नाटक में अमूल का विरोध कर सकता है, तो वह किस आधार पर केरल में अपना आउटलेट खोल रहा है. ऐसे में नंदिनी को भी किसी दूसरे राज्य में अपना स्टोर नहीं खोलना चाहिए. केरल मिल्क फेडरेशन ने कहा कि अभी देखा जा रहा है कि कुछ राज्य के सहकारी फेडरेशन दूसरे राज्यों के बाजार में अपनी दखल बढ़ा रहे हैं. यह पूरी तरह से सहकारी नियमों का उल्लंघन है. केरल मिल्क फेडरेशन ने कहा, को-ऑपरेटिव ऐसा संगठन है जिससे देश के लाखों डेयरी किसानों को फायदा होता है. ऐसे में दूसरे राज्यों के को-ऑपरेटिव के प्रवेश पर सवाल उठाना लाजिमी है.

किस मुद्दे पर है विरोध

केरल में मिल्मा का बहुत नाम है और हर घर में इसकी खास पहचान है. केरल में जब दूध या उससे जुड़े प्रोडक्ट की बात हो तो मिल्मा ही नंबर वन देखा जाता है. मिल्मा के चेयरमैन केएस मणि ने नंदिनी के केरल में प्रवेश को गलत बताया है. उन्होंने कहा, अमूल (गुजरात मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन) के कर्नाटक में प्रवेश को लेकर भारी विरोध हो रहा है. दूध के सहकारी संगठनों ने अमूल का भारी विरोध किया है. लेकिन कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने अभी हाल में केरल में वही काम किया जो अमूल ने कर्नाटक में किया है. 

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मणि ने कहा, कर्नाटक मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन ने केरल में अपने स्टोर खोले हैं ताकि नंदिनी ब्रांड के दूध और अन्य प्रोडक्ट बेचे जा सकें. केएस मणि ने पूछा, इसे उचित कैसे ठहरा सकते हैं? ऐसा काम कोई भी करे उसे सही नहीं कहा जा सकता क्योंकि इससे भारत के डेयरी आंदोलन और किसानों के हितों को ठेस पहुंचती है. केएस मणि खुद मिल्मा के चेयरमैन हैं.  

क्या कहा केरल के मिल्मा ने     

केएस मणि ने 'इंडिया टुडे' से बातचीत में कहा, "नंदिनी ने केरल में दो आउटलेट शुरू किए है - मलप्पुरम के मंजेरी और कोच्चि के वायटिला में. आमतौर पर ऐसे फेडरेशन डेयरी उत्पाद बेचते हैं, लेकिन नंदिनी ने लिक्विड दूध बेचना शुरू किया. मैंने करीब डेढ़ महीने पहले नंदिनी के चेयरमैन को इस बारे में लिखा था, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. अब खबर आई कि नंदिनी ब्रांड अमूल की एंट्री का विरोध कर रहा है, लेकिन यहां भी वही काम हो रहा है. मैं अमूल के प्रवेश के खिलाफ हूं और नंदिनी को वही करना चाहिए जिसकी वह मांग कर रहा है."

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मणि ने कहा, दूध की सहकारी समितियों के बीच मौजूदा समझौते और व्यापार संबंधों के अनुसार, लिक्विड दूध दूसरे राज्यों में बेचने से बचना चाहिए क्योंकि यह संबंधित राज्य के बिक्री क्षेत्र के खुले अतिक्रमण के बराबर है. उन्होंने कहा कि किसी भी पक्ष से इस तरह के व्यवहार सहकारी सिद्धांतों की भावना को खतरे में डालेंगे, जो आपसी सहमति और सद्भावना से लंबे समय से चल रहे हैं.(Shibi की रिपोर्ट)