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Rajasthan: सरकारी योजनाओं में चयन के लिए हो रहा तकनीक का इस्तेमाल 

Rajasthan: सरकारी योजनाओं में चयन के लिए हो रहा तकनीक का इस्तेमाल 

कृषि विभाग फार्म पॉन्ड, डिग्गी, सिंचाई पाइप लाइन और तारबंदी के लिए आए आवेदनों का कृषि विभाग रेंडमाइजेशन कम्प्यूटर से कर रहा है.इसके लिए कृषि भवन में कृषि आयुक्त कानाराम की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन भी किया गया है.

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राजस्थान में कृषि विभाग की योजनाओं में चयन के लिए कम्प्यूटर रेंडमाइजेशन प्रक्रिया अपनाई जा रही है. राजस्थान में कृषि विभाग की योजनाओं में चयन के लिए कम्प्यूटर रेंडमाइजेशन प्रक्रिया अपनाई जा रही है.

राजस्थान में कृषि विभाग सरकार योजनाओं में लाभार्थियों के चयन के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है. इसमें उन योजनाओं को शामिल किया गया है जिनमें पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर आवेदन लिए गए थे. कृषि विभाग फार्म पॉन्ड, डिग्गी, सिंचाई पाइप लाइन और तारबंदी के लिए आए आवेदनों का कृषि विभाग रेंडमाइजेशन कम्प्यूटर से कर रहा है. इसके लिए कृषि भवन में कृषि आयुक्त कानाराम की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन भी किया गया है. इस कमेटी में अतिरिक्त निदेशक भीमाराम, संयुक्त निदेशक शंकर बाबू, उप निदेशक शिवराज जांगिड और उप निदेशक बनवारी लाल जाट को सदस्य बनाया गया है. 

लक्ष्य से डेढ़ गुना आवेदन पर रेंडमाइजेशन प्रक्रिया

कृषि विभाग की योजनाओं में अनुदान के लिए किसान राज किसान साथी पोर्टल पर आवेदन करते हैं. इसके लिए किसान ई-मित्र या खुद के स्तर पर आवेदन करते हैं. जिन जिलों में जिस श्रेणी में आवेदन लक्ष्य से 150 प्रतिशत से कम प्राप्त होते हैं, उनका ‘पहले आओ-पहले पाओ‘ के आधार पर योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है.

इसके अलावा जिन जिलों और श्रेणी में आवेदन लक्ष्य के 150 प्रतिशत से अधिक प्राप्त होते हैं, उन जिलों में कम्प्यूटर के माध्यम से रैंडमाइजेशन प्रक्रिया अपनाई जा रही है. इसके लिए सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जल्दी से जल्दी डिग्गी, फार्म पौण्ड, पाइप लाइन और तारबंदी के लिए प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दें. 

ऐसे करें कृषि विभाग की योजनाओं में आवेदन

फार्म पौंड,  डिग्गी, पाइप लाइन, तारबंदी जैसी योजनाओं में लाभ लेने के लिए कृषि विभाग ने पात्रता तय की है. अलग-अलग योजनाओं में अलग-अलग पात्रता तय की गई है. फार्म पॉन्ड के लिए किसान के पास एक ही जगह पर जोत भूमि 0.3 हैक्टेयर होनी जरूरी है.

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साथ ही सह खातेदारी के मामले में कम से कम आधा हैक्टेयर भूमि होना आवश्यक है. इसके अलावा किसान की जमीन अगर कहीं दूसरी जगह है तो ऐसी स्थिति में वहां फार्म पौंड बनाने के लिए सब्सिडी दी जाएगी. हालांकि सब्सिडी तभी देय होगी जब किसान फार्म पौंड वाली जगह पर ड्रिप संयंत्र या फव्वारा लगा लेगा. 

सब्सिडी के लिए चाहिए ये दस्तावेज

कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ लेने के लिए कुछ दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी. किसान आवेदन पत्र के साथ जमाबंदी की नकल चाहिए होती है. ये नकल छह महीने से अधिक पुरानी ना हो. इसके अलावा जिस जगह फार्म पौंड बनाना है, वहां राजस्व विभाग की ओर से जारी नक्शा आवेदन पत्र के साथ लगाना होगा. इसके अलावा किसान को जन आधार कार्ड कार्ड भी देना होगा.

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साथ ही अगर आप लघु एवं सीमांत किसान हैं तो उसका प्रमाण पत्र भी साथ में लगाना होगा. आवेदन करने के लिए किसान को नजदीकी ई-मित्र सेंटर पर जाना होगा. वहीं, किसान साथी पोर्टल या राज किसान सुविधा एप के माध्यम से भी आवेदन किया जा सकता है.

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