ओडिशा में डिजिटल क्रॉप सर्वे के लिए ई-चासा अभियान शुरू, फसलों का रिकॉर्ड होगा दर्ज

ओडिशा में डिजिटल क्रॉप सर्वे के लिए ई-चासा अभियान शुरू, फसलों का रिकॉर्ड होगा दर्ज

डिजिटल क्रॉप सर्वे का एक फायदा यह होगा की सरकार के पास कृषि से जुड़ी तमाम जानकारी होने पर सरकार इसका इस्तेमाल राज्य के किसानों के विकास के लिए नई और कारगर नीति बनाने के लिए कर सकेगी.

Advertisement
ओडिशा में डिजिटल क्रॉप सर्वे के लिए ई-चासा अभियान शुरू, फसलों का रिकॉर्ड होगा दर्जडिजिटल क्रॉप सर्वे

ओडिशा में फसल उत्पादन और इसकी ्प्रोसेसिंग को सुविधाजनक बनाने के लिए ई-फार्मिंग ऐप और पोर्टल का शुभारंभ किया गया. ओडिशा के कृषि एवं किसान सशक्तिकरण मंत्री केवी सिंह देव ने इसकी शुरुआत की. ओडिशा में डिजिटल फसल सर्वेक्षण कार्यक्रम से यहां के किसानों को लाभ मिलेगा. साथ ही किसानों को समृद्ध बनाए जाने को लेकर सरकार की तरफ से चलाए जा रहे नीतियों को बढ़ावा मिलेगा. डिजिटल क्रॉप सर्वे के जरिए सरकार के पास किसानों की खेती का पूरा आकड़ा मौजूद रहेगा. सरकार के पास यह जानकारी होगी कि दूर-दराज के क्षेत्रों में भी किसानों ने किन फसलों की खेती की है. इससे सरकार को आगे की रणनीति बनाने में मदद होगी. सरकार सही नीति बना पाएगी जिसका लाभ किसानों को मिलेगा. 

डिजिटल क्रॉप सर्वे का एक और फायदा यह होगा की सरकार के पास कृषि से जुड़ी तमाम जानकारी होने पर सरकार इसका इस्तेमाल राज्य के किसानों के विकास के लिए नई और कारगर नीति बनाने के लिए करेगी. ई-फार्म ऐप और पोर्टल डिजिटल फसल सर्वेक्षण में तकनीक आधारित कृषि सेवाओं को बढ़ावा देगा. इससे खेती में नई तकनीक का इस्तेमाल किसान कर पाएंगे. राज्य के कृषि मंत्री सिंह देव ने कहा कि ओडिशा कृषि में डिजिटल सर्वेक्षण नीति अपनाने वाला देश का पहला राज्य है और इस ऐप और पोर्टल से लगभग 48 लाख किसान लाभान्वित होंगे.

ये भी पढ़ेंः Dairy Milk गाय-भैंस का दूध निकालते वक्त आप भी तो नहीं कर रहे ये गलतियां, खराब हो जाता है दूध

किसानों के विकास के लिए बड़ा कदम

ओडिशा में ई-फार्मिंग ऐप और पोर्टल की शुरुआत यहां के किसानों के विकास के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है. इससे किसानों को एक व्यापक, सिंगल-विंडो प्लेटफॉर्म मिलेगा. इसके माध्यम से फसल से संबंधित डेटा और जानकारी किसी भी समय और किसी भी मौसम में किसान पा सकेंगे. सबसे पहले वर्ष 2023 में इस सर्वेक्षण का टेस्ट भद्रक, देवगढ़, नुआपाड़ा और नयागढ़ जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया गया. इस दौरान लगभग 30 लाख खेतों का सफलतपूर्वक सर्वेक्षण किया गया था. यहां पर सफलता मिलने के बाद अब इसे ओडिशा के अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया गया है. 

ये भी पढ़ेंः Jharkhand: ट्रेनिंग तो मिली पर लाइसेंस का इंतजार, ड्रोन दीदी लक्ष्मी का छलका दर्द

किसानों को मिलेगी सटीक जानकारी

यह सर्वेक्षण 48 लाख हेक्टेयर भूमि पर किया जाएगा. इस काम के लिए 28,000 सर्वेक्षक, 8,000 पर्यवेक्षक और 1400 निरीक्षकों को लगाया गया है. कृषि निदेशक प्रेम चंद्र चौधरी ने कहा कि किसान डिजिटल फसल सर्वेक्षण के बारे में सटीक जानकारी पा सकते हैं, अपनी समस्याएं बता सकते हैं और गाइडलाइन प्राप्त कर सकते हैं. कृषि निदेशक प्रेम चंद्र चौधरी ने कहा कि किसान कृषक समृद्धि हेल्पलाइन-155333 के माध्यम से जानकारी और सलाह भी पा सकते हैं.

 

POST A COMMENT