दिवाली का त्योहार धनतेरस से शुरू होता है. हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है, इसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है. त्रयोदशी के दिन भी प्रदोष व्रत रखा जाता है. धनतेरस के दिन लोग सोना, चांदी, आभूषण, घर, वाहन आदि खरीदते हैं. धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है, ताकि साल भर आर्थिक संकट न हो और आर्थिक स्थिति मजबूत हो. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानिए इस साल धनतेरस कब है? धनतेरस पर लक्ष्मी पूजा का समय क्या है? धनतेरस पर सोना खरीदने का सही समय क्या है?
वैदिक पंचांग के अनुसार इस वर्ष कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि का आरंभ 10 नवंबर को दोपहर 12:35 बजे हो रहा है. यह तिथि 11 नवंबर दोपहर 01:57 बजे तक वैध है. ऐसे में 10 नवंबर को प्रदोष काल प्राप्त हो रहा है, इसलिए इस साल धनतेरस 10 नवंबर, शुक्रवार को है.
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धनतेरस पर गणेश, कुबेर और लक्ष्मी पूजा का शुभ समय शाम 05:47 बजे से शुरू होगा और यह शुभ समय शाम 07:47 बजे तक रहेगा. इस बार धनतेरस पूजा के लिए आपको 1 घंटा 56 मिनट का शुभ समय मिलेगा. इसी दिन यम दीपम भी होगा.
धनतेरस पर शाम 05:30 बजे से प्रदोष काल शुरू हो रहा है, जो रात 08:08 बजे तक रहेगा. वहीं वृषभ काल शाम 05:47 बजे से शाम 07:43 बजे तक रहेगा.
धनतेरस के दिन सोना खरीदने के लिए आपको 18 घंटे 05 मिनट का शुभ समय मिलेगा. धनतेरस पर सोना खरीदने का समय रात 12:35 बजे से अगले दिन 11 नवंबर सुबह 06:40 बजे तक है.
हिन्दू धर्म में कहा जाता है कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान धन्वंतरि हाथ में अमृत से भरा कलश लेकर समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे. धन्वंतरिजी को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है. धनतेरस को उनके प्रकटोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन सोना-चांदी खरीदने का भी विशेष महत्व है और इस अवसर पर दान करने से आपका धन 13 गुना बढ़ जाता है. दिवाली का त्योहार मनाने का सिलसिला धनतेरस के दिन से ही शुरू हो जाता है. धनतेरस के दिन आप धनिये के बीज खरीदकर अपने घर अवश्य लायें. इससे आपके घर में बरकत आती है और मां लक्ष्मी भी आपसे प्रसन्न होती हैं.
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