scorecardresearch
गेहूं से खत्म होगा भूख का संकट, 100 फीसदी खाद्यान्न सुरक्षा के ल‍िए गेहूं को बढ़ावा देने की पहल

गेहूं से खत्म होगा भूख का संकट, 100 फीसदी खाद्यान्न सुरक्षा के ल‍िए गेहूं को बढ़ावा देने की पहल

WPPS का सुझाव है कि गेहूं के उत्पादन और खपत को प्राथमिकता देना वैश्विक खाद्य सुरक्षा चुनौतियों को दूर करने और भूख मिटाने के संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य की दिशा में काम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

advertisement
गेहूं को प्राथमिक खाद्य फसल के रूप में रखने की जरूरत- WPPS गेहूं को प्राथमिक खाद्य फसल के रूप में रखने की जरूरत- WPPS

भारत में खाद्य सुरक्षा को पूरा करने के लिए द व्हीट प्रोडक्ट्स प्रमोशन सोसाइटी (WPPS) ने गेहूं को प्राथमिक खाद्य फसल का स्थान देने की आवश्यकता पर जोर द‍िया है. इस संबंंध में WPPS ने हाल ही में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया, ज‍िसमें वर्ष 2030 तक भूखमरी को खत्म करने के ल‍िए भारत के सतत विकास लक्ष्य (SDG) -2 की खोज में एक गेहूं को प्रमुख खाद्य फसल के रूप में च‍िन्ह‍ित करने पर जोर द‍िया. सेमि‍नार में  नीति निर्माताओं, उद्योग हितधारकों और शोध संस्थानों के लिए महत्वपूर्ण सिफारिशें पेश की गई. सेम‍िनार में राज्य प्रायोजित खाद्य कार्यक्रमों में गेहूं के प्रचार की सिफारिश की गई.

WPPS ने कहा है क‍ि वह व‍िश्व स्तर पर 100 फीसदी खाद्यान्न सुन‍िश्च‍ित करने के ल‍िए प्राथमिक खाद्य फसल के रूप में गेहूं को प्रस्ताव‍ित करता है.  WPPS का सुझाव है कि गेहूं के उत्पादन और खपत को प्राथमिकता देना वैश्विक खाद्य सुरक्षा चुनौतियों को दूर करने और भूख मिटाने के संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य की दिशा में काम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

ये भी पढ़ें: क्यों सुस्त पड़ी गेहूं की सरकारी खरीद, क्या टारगेट पूरा नहीं कर पाएगी केंद्र सरकार? 

WPPS प्राथमिक खाद्य फसल के रूप में गेहूं को क्यों दे रहा महत्व

  • गेहूं अत्यधिक पौष्टिक अनाज है जो कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और आहार फाइबर जैसे आवश्यक मैक्रोन्यूट्रिएंट्स प्रदान करता है. इसमें संतुलित आहार के लिए आवश्यक विभिन्न विटामिन और खनिज भी होते हैं.
  • दुनिया भर के विविध क्षेत्रों में गेहूं की खेती की जाती है, जिससे यह कई देशों में आसानी से उपलब्ध हो जाता है. इसका व्यापक वितरण और विभिन्न जलवायु के अनुकूल होने की क्षमता इसे वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त फसल बनाती है.
  • गेहूं एक बहुमुखी फसल है, जिसे ब्रेड, पास्ता, कूसकूस और नाश्ते के अनाज सहित विभिन्न खाद्य उत्पादों में संसाधित किया जा सकता है. इसे बेक करने के लिए आटा भी बनाया जा सकता है या अनगिनत व्यंजनों में एक घटक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. यह बहुमुखी प्रतिभा इसे दुनिया भर में कई संस्कृतियों के लिए एक प्रमुख खाद्य स्रोत बनाती है.
  • गेहूं में अन्य प्रमुख फसलों की तुलना में अपेक्षाकृत उच्च उपज क्षमता होती है. आधुनिक कृषि पद्धतियों और उन्नत किस्मों के साथ, किसान अपने गेहूं का उत्पादन बढ़ा सकते हैं, जिससे खाद्य उपलब्धता में वृद्धि हो सकती है.
  • गेहूं का उत्पादन और उससे जुड़ी मूल्य श्रृंखला स्थानीय और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं में योगदान कर सकती है. यह किसानों के लिए आजीविका का समर्थन करता है, प्रसंस्करण और वितरण में रोजगार के अवसर पैदा करता है और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकता है.
  • गेहूं की कुछ किस्मों ने जलवायु पर‍िवर्तन की चुनौत‍ि में बेहतर प्रदर्शन किया है, जिससे वे जलवायु परिवर्तन के प्रभाव वाले क्षेत्रों में खेती के लिए उपयुक्त हो गए हैं. जलवायु-स्मार्ट गेहूं की किस्मों को विकसित करने और बढ़ावा देने से संवेदनशील क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा को बढ़ाया जा सकता है.