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नहीं देखी गई मां की तकलीफ, 14 साल के इस बच्चे ने 4 दिन में बना दिया कुआं, रुला देगी ये कहानी

नहीं देखी गई मां की तकलीफ, 14 साल के इस बच्चे ने 4 दिन में बना दिया कुआं, रुला देगी ये कहानी

पालघर जिले में रहने वाले चौदह वर्षीय प्रणव सालकर से अपनी मजदूर मां की तकलीफ नहीं देखी गई. उसने रात-दिन एक करके घर के आंगन में कुआं ही बना दिया. अब लोग जमकर सराहना कर रहे हैं. पढ़ें भावुक कर देने वाली कहानी-

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चौदह वर्षीय प्रणव सालकर ने घर के आंगन में खोदा कुआं चौदह वर्षीय प्रणव सालकर ने घर के आंगन में खोदा कुआं

शहर में रहने वाले लोगों ने बेशक कुएं ना देखे हों, लेकिन गांव के लोगों का कुओं से पुराना नाता रहा है. कभी पीने के पानी के लिए तो कभी सिंचाई के लिए. मगर जो कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं उस कहानी में हीरो कुआं नहीं हैं, एक 14 साल का बच्चा है. इस 14 साल के बच्चे ने खुद अपने घर में कुआं खोदकर अपनी मां को एक ऐसा तोहफा दिया है जिसे सिर्फ उसकी मां ही नहीं, इस कहानी को पढ़ने वाला कोई भी व्यक्ति कभी भूल नहीं पाएगा. 

ये कहानी है महाराष्ट्र के पालघर की. पालघर में सूखे की समस्या कोई नई नहीं है, लेकिन जो 14 साल के इस बच्चे ने किया है वो नया भी है और हैरान करने वाला भी. यही वजह है कि इन दिनों हर तरफ इस कहानी की चर्चा है.  


घर के आंगन में गड्ढा खोदकर बना दिया कुआं 

महाराष्ट्र में पालघर जिले के केल्वे धावांगे पाड़ा तालुका के चौदह वर्षीय प्रणव सालकर ने अपने घर के आंगन में एक गड्ढा खोदकर कुआं बना दिया है. जोकि इनदिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. चूंकि प्रणव की मां को पानी लाने के लिए आधा किलोमीटर दूर जाना पड़ता था. मां की तकलीफ़ों को देखकर प्रणव बहुत चिंतित रहता था. मां को इस तकलीफ से छुटकारा देने के लिए प्रणव ने कड़ी धूप में कड़ी मेहनत से महज चार दिनों में ही एक कुआं बना दिया. इस छोटी सी उम्र में अपनी मां के लिए प्रणव की देखभाल और दृढ़ संकल्प को देखकर पंचक्रोशी के लोगों द्वारा उसकी जमकर सराहना की जा रही है.

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प्रणव के माता-पिता करते हैं मजूदरी

प्रणव की मां दर्शना और पिता रमेश बागवानी में मजदूरी करते हैं. मां सुबह काम करके मजदूरी करने चली जाती थी और मजदूरी करके जब शाम को थकी मारी लौटती थी तो आधा किलोमीटर दूर पानी लेने के लिए जाती थी. मां की यह तकलीफ प्रणव से नहीं देखा गया और उसने कुएं खोदने का निश्चय किया. उसने घर के ही आंगन में हर रोज गड्ढा खोदना शुरू किया और प्रणव ने इस कुएं को चार दिन में पूरा कर लिया. पंद्रह फीट गहरा गड्ढा खोदने के बाद इसमें ताजा मीठा पानी मिला है.

गड्ढा खोदने में करनी पड़ी काफी मेहनत

प्रणव को गड्ढा खोदने में काफी मेहनत करनी पड़ी. उसने गहरे गड्ढे से मिट्टी खोदने के लिए खुद एक सीढ़ी बनाई और उसका इस्तेमाल मिट्टी खोदने और मिट्टी बाहर निकालने में किया. गड्ढा खोदते समय कई बड़े पत्थर भी मिले, लेकिन पिता की मदद से उन पत्थरों को भी हटा दिया. अंत में जब गड्ढे में पानी आया तो प्रणव बहुत खुश हुआ. अब इस छोटे से कुएं का पानी सालकर परिवार उपयोग के लिए लेता है.

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प्रणव की मां ने कहा है कि पानी लाने की समस्या का कुछ हद तक समाधान हो गया है. वही, प्रणव के पिता ने कहा मैने बस कुआं से पत्थर को निकालने में उसकी मदद की, बाकी कुछ नहीं किया. अब इस पानी की वजह से बहुत अच्छा लग रहा है.