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सेल्फ स्टडी बनी मददगार, सोशल मीडिया से भी मिली बड़ी मदद...पढ़ें UPSC टॉपर किसान के बेटे की कहानी

सेल्फ स्टडी बनी मददगार, सोशल मीडिया से भी मिली बड़ी मदद...पढ़ें UPSC टॉपर किसान के बेटे की कहानी

किसान के इस बेटे का नाम अक्षय वर्मा है जो सीहोर जिले के गोलूखेड़ी गांव के रहने वाले हैं. अक्षय का कहना है कि आठ से 10 घंटे की पढ़ाई मन से की जाए तो यूपीएसएसी की परीक्षा पास करना बड़ी बात नहीं. अक्षय ने इसकी तैयारी इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से भी की और वहीं से नोट्स भी जुटाए.

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सीहोर के अक्षय वर्मा ने यूपीएससी परीक्षा में बड़ा नाम कमाया है सीहोर के अक्षय वर्मा ने यूपीएससी परीक्षा में बड़ा नाम कमाया है

संघ लोक सेवा आयोग UPSC ने मंगलवार को फाइनल रिजल्‍ट घोषित कर दिया. इस परीक्षा में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिला सीहोर के गांव गोलूखेड़ी के रहने वाले किसान के बेटे ने सफलता पाई है. किसान के बेटे का नाम अक्षय वर्मा है जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 817वीं रैंक हासिल कर अपना परचम लहराया है. परीक्षा पास कर अक्षय वर्मा ने पूरे जिले का नाम देश भर में रोशन कर दिया है. रिजल्ट आने के बाद अक्षय वर्मा के परिजनों में खुशी का माहौल है. अक्षय वर्मा के घर बधाई देने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है. 'आजतक' से विशेष बातचीत में अक्षय वर्मा ने बताया कि सरकारी स्कूल और सरकारी कॉलेज में पढ़ाई करने के बाद उन्होंने UPSC की तैयारी की. वे हर दिन आठ से 10 घंटे पढ़ाई करते थे. कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है. अक्षय वर्मा ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है.

यूपीएससी में चयनित अक्षय वर्मा ने बताया कि उनके पिता खेती किसानी करते हैं. उनके पिता के पास 10 एकड़ जमीन है और उनके एक भाई है जो अपने पिता का हाथ बटाते हैं. परिवार के सभी लोगों ने अक्षय को आगे बढ़ने में मदद की है. उसी का नतीजा है कि आज उनका चयन हुआ है. अक्षय वर्मा इसका श्रेय अपने माता-पिता और भाई को देते हैं. 

सरकारी स्कूल से की पढ़ाई

अक्षय वर्मा ने रामनगर गांव के सरकारी स्कूल से ही शिक्षा ग्रहण की. उन्होंने 12वीं पास करने के बाद सीहोर के ही सरकारी पीजी कॉलेज में 2021 में ग्रेजुएशन किया और उसके बाद UPSC की तैयारी शुरू की. खास बात ये कि उन्होंने पहली बार में ही सफलता प्राप्त हुई और 817वीं रैंक प्राप्त हुई है. परीक्षा पास करने के लिए अक्षय वर्मा आठ से 10 घंटे पढ़ाई करते थे.

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ऑनलाइन पढ़ाई से मिली मदद

अक्षय वर्मा ने बताया कि इसके लिए उन्होंने ऑनलाइन और खुद से पढ़ाई की है. वे सोशल मीडिया के माध्यम से भी परीक्षा की तैयारी करते थे. वे हर दिन आठ से 10 घंटे पढ़ाई करते थे. सुबह जल्दी उठकर योग और कसरत करने के बाद वे पढ़ाई करते थे. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन और गूगल से नोट्स देखकर खुद से पढ़ाई किया करते थे. आखिरी में दिल्ली में कुछ समय के लिए कोचिंग भी जॉइन की थी. लेकिन अधिकतर उन्होंने सेल्फ स्टडी ही की है. वे कहते हैं कि परीक्षा की तैयारियों का सबसे अच्छा माध्यम इंटरनेट और सोशल मीडिया है. पढ़ाई के नोट्स ऑनलाइन आसानी से मिल जाते हैं.

समाज में बेटे ने नाम किया रोशन

अक्षय के पिता राकेश वर्मा ने बताया कि उनका बेटा कड़ी मेहनत के साथ पढ़ाई करता था. घंटों उसने पढ़ाई की, उसी का नतीजा है कि उसे आज सफलता मिली है. बेटे की सफलता से पिता को बहुत खुशी है. अक्षय की माता ने भी कहा कि पूरे परिवार को बहुत खुशी है कि बेटे ने हमारा नाम समाज में रोशन कर दिया.

मेहनत करें आगे बढ़े, सफलता मिलेगी 

अक्षय वर्मा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि इस सफलता के लिए माता-पिता और भाई का बहुत सपोर्ट मिला है. वे कहते हैं, मैंने जब यूपीएससी के बारे में सोचा था, तब माता-पिता ने मुझे प्रोत्साहित किया और आगे मेहनत करने के लिए कहा. फिर उन्होंने यूपीएससी की खुद से तैयारी की. इसके लिए कोचिंग से भी गाइडेंस मिली. शुरू में कठिनाई हुई मगर बाद में फिर सब ठीक हो गया. 

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अक्षय ने बताया ऐसे करें तैयारी

अक्षय वर्मा ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि आपने जो सोचा है उसे जरूर प्राप्त करेंगे लेकिन उसके लिए मेहनत करनी होगी. पढ़ाई को लेकर कौन क्या बोल रहा है, उस पर ध्यान मत दीजिए, मेहनत करते रहिए अवश्य सफलता मिलेगी. अक्षय ने कहा, अपना पूरा फोकस पढ़ाई पर रखना चाहिए. एनसीईआरटी की किताबें देखनी चाहिए. हर दिन न्यूजपेपर पढ़ना चाहिए. नोट्स के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले सकते हैं. राइटिंग पर भी फोकस करना चाहिए.