केंद्रीय सहकारिता सचिव आशीष कुमार भूटानी ने कहा है कि अगले दो से तीन महीने में देश की नई सहकारिता नीति सामने आ जाएगी. इस पर तेजी से काम किया जा रहा है. नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति तैयार करने के लिए सुरेश प्रभाकर प्रभु की अध्यक्षता में राष्ट्रीय स्तर की 48 सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी. कमेटी ने देश भर में सहकारिता से जुड़े सभी लोगों से कई दौर की बातचीत के बाद नीति को अंतिम रूप दिया है. इसके लिए राज्यों से भी उनके हितों को लेकर व्यापक चर्चा की गई है. हर पहलू पर मंथन किया गया है. भूटानी सोमवार शाम नई दिल्ली के इफको सदन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन इंटरनेशनल कोऑपरेटिव अलायंस द्वारा भारत में पहली बार आयोजित होने जा रहे अंतरराष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन की जानकारी देने के लिए किया गया था. जिसमें अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन के महानिदेशक जेरोन डगलस और इफको के एमडी डॉ. यूएस अवस्थी मौजूद रहे. इस मौके पर सहकारिता सचिव ने बताया कि देश में लगभग एक लाख पैक्स हैं, जिसमें से 67 हजार एक्टिव हैं. उसमें से भी 23 हजार का कंप्यूटराइजेशन हो गया है. कोऑपरेटिव को टेक्नोलॉजी से जोड़ने की कोशिश जारी है.
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अंतरराष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन 25 से 30 नवंबर तक नई दिल्ली में आयोजित होगा. भूटानी ने कहा कि इस दौरान दुनिया के सहकारी संस्थाओं से जुड़े लोग भारत में मजबूत हो रहे सहकारिता क्षेत्र से रूबरू होंगे. सहकार से समृद्धि के गवाह बनेंगे. दिल्ली के भारत मंडपम में होने वाले इस आयोजन में दुनिया भर के सहकारी संगठन भाग लेंगे, जिसमें भूटान के राजा भी शामिल हैं. सम्मेलन में नए समाधानों, तकनीकी और सर्वोत्तम प्रयासों से सहकार को समृद्ध करने को लेकर व्यापक चर्चा की जाएगी. जिसमें 6 मुख्य सत्र और 30 उप सत्र होंगे.
इस मौके पर वैश्विक सहकारी गठबंधन के महानिदेशक जेरोन डगलस ने कहा कि विश्व भर में 30 लाख सहकारी समितियां हैं, जिसमें भारत में सबसे ज्यादा 8 लाख सहकारी समितियां हैं. ऐसे में सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहकारिता आंदोलन मील का पत्थर साबित हो सकता है, क्योंकि सहकारी आंदोलन की नींव में ही सतत विकास के लक्ष्य समाहित हैं. उन्होंने कहा कि वैश्विक सहकारी गठबंधन के 130 वर्ष के इतिहास में यह सम्मेलन पहली बार भारत में आयोजित किया जा रहा है. इस मौके पर इफको के एमडी ने कहा कि इस सम्मेलन की मेजबानी इफको करेगा. इफको दुनिया की नंबर वन कोऑपरेटिव संस्था चुनी गई है.
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