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कृषि मंत्री से मिलने पहुंचा किसानों का प्रतिनिधिमंडल, जानें क्या हैं इनकी मांगे

कृषि मंत्री से मिलने पहुंचा किसानों का प्रतिनिधिमंडल, जानें क्या हैं इनकी मांगे

संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार द्वारा गठित एमएसपी कमेटी पर उठाए सवाल. किसान नेताओं ने कहा कि समिति और इसका घोषित एजेंडा किसानों की मांगों के विपरीत है. कृषि में बढ़ती लागत और फसल के लिए लाभकारी मूल्य न मिलने के कारण 80 फीसदी से अधिक किसान कर्ज में डूब चुके हैं. 

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कृषि मंत्री के पास एक बार फिर पहुंचा SKM का प्रतिनिधिमंडल, सांकेतिक तस्वीर कृषि मंत्री के पास एक बार फिर पहुंचा SKM का प्रतिनिधिमंडल, सांकेतिक तस्वीर

दिल्ली के रामलीला मैदान में सोमवार यानी आज किसान महापंचायत का आयोजन किया गया है. संयुक्त किसान मोर्च (SKM) के बैनर तले आयोजित इस ‘किसान महापंचायत’ में भाकियू नेता राकेश टिकैत और दर्शन सिंह समेत कई किसान नेता और देशभर के हजारों किसान पहुंचे हैं. वहीं अपनी मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल दोपहर 12.30 बजे केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलने वाला था जोकि अब मुलाकात के लिए कृषि भवन पहुंच गया है. किसानों का प्रतिनिधिमंडल कृषि मंत्री से मुलाकात करने के लिए दिल्ली पुलिस की वैन से पहुंचा है. इसमें दर्शन पाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, युद्धवीर सिंह सहित दूसरे नेता शामिल हैं.

संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस वार्ता का किया था आयोजन 

गौरतलब है कि किसान महापंचायत के आयोजन को लेकर रविवार को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेताओं ने एक प्रेस वार्ता किया था. इस दौरान एसकेएम के नेताओं ने महापंचायत के एजेंडे को मीडिया के सामने रखा. एसकेएम के नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने 9 दिसंबर, 2021 को लिखित में कुछ आश्वासन दिए थे. इन्हें पूरा करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर रामलीला मैदान में किसान महापंचायत आयोजित होने जा रही है. इसके साथ ही ‘कि‍सान महापंचायत’ के मंच से एसएकेएम देश के सभी किसानों और खेत-मजदूरों के लिए 5,000 रुपये प्रति माह की किसान पेंशन योजना को तुरंत लागू करने की मांग भी करेगा.

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ये हैं अन्य मांगें

क‍िसान महापंचायत की मांगों को रखते हुए एसकेएम के नेताओं ने कहा क‍ि MSP गारंटी कानून समेत स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सभी फसलों पर सी2+50 प्रतिशत फार्मूला के आधार पर फसलों का MSP लागू करने समेत अन्य मांगों को लेकर क‍िसान एकजुट हो रहे हैं. एसकेएम ने संयुक्त बयान जारी कर कहा क‍ि वे स्पष्ट कर चके हैं कि केंद्र सरकार द्वारा गठ‍ित एमएसपी समिति और इसका घोषित एजेंडा किसानों की मांगों के विपरीत है. इस समिति को रद्द कर, एसकेएम के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए किसानों के उचित प्रतिनिधित्व के साथ, सभी फसलों की कानूनी गारंटी के लिए एमएसपी पर एक नई समिति को गठित की जाए. ऐसा ही वायदा केंद्र सरकार द्वारा किया गया था. 

इसके साथ ही एसकेएम ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को रद्द करने, बाढ़, सुखा, ओलावृष्टि, असामयिक और अत्यधिक बारिश, फसल संबंधित बीमारियां, जंगली जानवर, आवारा पशु के कारण किसानों द्वारा लगातार सामना किए जा रहे नुकसान की भरपाई के लिए सरकार सभी फसलों के लिए सार्वभौमिक, व्यापक और प्रभावी फसल बीमा और मुआवजा पैकेज को लागू करने की मांग की है. 

'कर्ज में डूब चुके किसान'

प्रेस कांफ्रेस के बाद एसकेएसम ने बयान जारी कर कहा है क‍ि बढ़ती लागत और फसल के लिए लाभकारी मूल्य न मिलने के कारण 80 प्रतिशत से अधिक किसान कर्ज में डूब चुके हैं और आत्महत्या करने के लिए मजबूर हैं. ऐसी स्थिति में, संयुक्त किसान मोर्चा सभी किसानों के लिए कर्ज मुक्ति और उर्वरकों सहित लागत कीमतों में कमी की मांग करता है. 

खेती के लिए फ्री बिजली की मांग

एसकेएम ने मांग की है क‍ि संयुक्त संसदीय समिति को विचारार्थ भेजे गए बिजली संशोधन विधेयक, 2022 को वापस लिया जाए. एसकेएम के नेताओं का कहना है क‍ि केंद्र सरकार ने एसकेएम को लिखित आश्वासन दिया था कि मोर्चे के साथ विमर्श के बाद ही विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने इसे बिना किसी चर्चा के संसद में पेश कर दिया. एसकेएम कृषि के लिए मुफ्त बिजली और ग्रामीण परिवारों के लिए 300 यूनिट बिजली की मांग को फिर दोहराता है. 

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टेनी पर एक्शन लेने की मांग

एसकेएम के नेताओं ने किसान आंदोलन के दौरान और लखीमपुर खीरी में मारे गए और घायल हुए किसानों के परिवारों को मुआवजा और पुनर्वास प्रदान करने की मांग भी की है. साथ ही गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को मंत्रिपरिषद से बाहर करने और गिरफ्तार करने की मांग भी दोहराई है.  

किसानों पर दर्ज मामले वापस हों

एसकेएम ने साथ ही किसान आंदोलन के दौरान भाजपा शासित राज्यों और अन्य राज्यों में किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए मामले तुरंत वापस लेने. सिंघु बॉर्डर पर मारे गए किसानों के लिए एक स्मारक के निर्माण के लिए जमीन आवंटित करने की मांग भी एसकेएम ने की है.