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केंद्र सरकार ने अरहर के स्टॉक की निगरानी के लिए एक समिति का किया गठन

केंद्र सरकार ने अरहर के स्टॉक की निगरानी के लिए एक समिति का किया गठन

केंद्र सरकार ने देश में अरहर के स्टॉक की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया है. केंद्र सरकार राज्य सरकारों के सहयोग से आयातकों, मिलों और व्यापारियों के पास मौजूद स्टॉक पर नजर रखेगी.

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अरहर के स्टॉक की निगरानी के लिए सरकार ने किया एक समिति का गठन अरहर के स्टॉक की निगरानी के लिए सरकार ने किया एक समिति का गठन

समुचित मात्रा में दलहन आयात की लगातार आवक होने के बावजूद बाजार के भंडार संघों द्वारा स्टॉक जारी नहीं किए जाने की खबरों की वजह से केंद्र सरकार ने अरहर दाल के भंडार की ताजा स्थिति की निगरानी के लिए समिति का गठन किया है. दरअसल, उपभोक्ता कार्य विभाग ने अपर सचिव निधि खरे की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है. यह समिति राज्य सरकारों के साथ मिलकर आयातकों, मिल मालिकों, जमाकर्ताओं, व्यापारियों आदि जैसी संस्थाओं द्वारा जमा किए गए अरहर दाल के भंडार की निगरानी करेगी. 

अरहर दाल की कीमतों पर नियंत्रण 

उपभोक्ता  कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार, भंडार की ताजा स्थिति की निगरानी के लिए इस समिति गठित करने की नवीनतम घोषणा बाजार में जमाखोरों और बेईमान सट्टेबाजों से निपटने के लिए सरकार की मंशा को दर्शाती है. यह निर्णय आने वाले महीनों में अरहर दाल की कीमतों को नियंत्रण में रखने के सरकार के दृढ़ संकल्प को भी प्रकट करता है.
इसके अलावा, केंद्र सरकार घरेलू बाजार में अन्य दालों के भंडार की स्थिति पर भी बहुत बारीकी से नजर रख रही है ताकि वर्ष के आगामी महीनों के दौरान दालों के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि होने की स्थिति में तत्काल आवश्यक कदम उठाए जा सकें.

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यहां पर स्मरण रखने योग्य तथ्य यह है कि सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत अरहर दाल की उपलब्धता के संबंध में भंडार को प्रदर्शित करने की व्यवस्था को लागू करने के उद्देश्य से 12 अगस्त, 2022 को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को एक परामर्श जारी किया था. सरकार ने एक और पहल करते हुए गैर-एलडीसी देशों से अरहर दाल आयात के लिए लागू 10 प्रतिशत शुल्क को हटा दिया है क्योंकि कोई भी शुल्क इन एलडीसी देशों से शून्य शुल्क आयात के लिए भी कार्यविधि संबंधी समस्याएं उत्पन्न करता है.

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