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बारामती: गोबर गैस की सफाई के लिए चैंबर में उतरे चार लोगों की दम घुटने से मौत

बारामती: गोबर गैस की सफाई के लिए चैंबर में उतरे चार लोगों की दम घुटने से मौत

घटना तब हुई जब गैस चैेंबर की सफाई के लिए पहले तो एक व्यक्ति उतरा, लेकिन उसे आने में देरी हुई तो बाकी लोग भी बारी-बारी से चैंबर में उतरते चले गए. अंत में जब लोगों को कुछ गड़बड़ होने की आशंका हुई तो जेसीबी मशीन बुलाकर चैंबर से सबको बाहर निकाला गया. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर ने सबको मृत घोषित कर दिया.

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बारामती के गोबर गैस चैंबर में उतरने से चार लोगों की मौत बारामती के गोबर गैस चैंबर में उतरने से चार लोगों की मौत

महाराष्ट्र के बारामती में दिल दहलाने वाली एक घटना सामने आई है. यहां गोबर गैस टंकी में फंसे कचरे को निकालने के लिए चैंबर में उतरे चार लोगों की मौत हो गई. इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई. साथ ही, उनके एक पड़ोसी को भी अपनी जान गंवानी पड़ी. इस दर्दनाक घटना के बाद पूरे इलाके में मातम छाया हुआ है. घटना के पीछे चैंबर में भरी गैस को वजह बताया जा रहा है. विषाक्त गैसों की चपेट में आने से चार लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. 

घटना पुणे से तकरीबन 100 किलोमीटर की दूरी पर बारामती तालुका के खांदज गांव में हुई. इस मामले में पुलिस सूत्रों ने बताया, खांडज इलाके में एक खेत में गोबर गैस का चैंबर है. इसी चैंबर से बिजली की मोटर की मदद से कुछ किसान गोबर की सेलेरी के साथ खेत में पानी दे रहे थे. बुधवार सुबह साढ़े ग्यारह बजे के करीब किसान भानुदास अनंतराव आटोले को सेलेरी निकलने में कुछ दिक्कत जान पड़ी. इसके बाद मोटर में कचरा फंसा होने की शंका पर वे गोबर गैस चैंबर में उतरे. उनके काफी देर तक बाहर न आने पर उनका बेटा प्रवीण भानुदास अटोले, भाई प्रकाश सोपान आटोले भी चैंबर में उतरे.

बाहर बैठे कुछ लोगों ने इन तीनों का बहुत देर तक इंतजार किया, लेकिन वे ऊपर नहीं लौटे. इसके बाद बापूराव लहूजी गव्हाणे इन तीनों को खोजने के लिए चैंबर में उतर गए, लेकिन उनका भी दम घुटने लगा. घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय ग्रामीणों ने जेसीबी की मदद से इन चारों को बाहर निकाला और इलाज के लिए बारामती सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया. हालांकि, चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि इलाज से पहले ही चोरों लोगों की मौत हो गई. 

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स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि जानवरों के मल मूत्र का विसर्जन करने के लिए खेत में यह चैंबर बनाया गया था. इस चैंबर की लंबाई तकरीबन 20 फीट से ज्यादा है. चैंबर से बारिश का पानी भी जाने की व्यवस्था थी. पिछले कुछ दिनों से यह चैंबर स्लो हो गया जिसके कारण इलाके में दुर्गंध फैल रही थी. इसलिए इलेक्ट्रिक मोटर की मदद से गोबर की सेलेरी युक्त पानी बाहर निकाल कर गन्ने के खेत में छोड़ने की तैयारी हो रही थी. 

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सेलेरी निकालने के दौरान जब मोटर में कचरा फंसने की आशंका हुई, तब सबसे पहले प्रवीण इस चैंबर में उतरे थे. उसके बाद एक दूसरे को बचाने के लिए लोग चैंबर में उतरते गए. लेकिन गोबर चैंबर में बनी मेथेन गैस की वजह से लोगों का दम घुट गया और देखते-देखते चार लोगों की मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलने के तुरंत बाद बारामती के तहसीलदार विजय पाटिल, विभागीय पुलिस अधिकारी गणेश इंगले, कृषि अधिकारी सुप्रिया बांदल ने घटनास्थल का दौरा कर किया और मामले का जायजा लिया. हादसे से क्षेत्र में मातम पसर गया है.(रिपोर्ट/वसंत मोरे)