कहने को तो देशभर में नेशनल ऐग कोआर्डिनेशन कमेटी (एनईसीसी) अंडों के दाम तय करती है. हर एक राज्ये में एनईसीसी का जोनल आफिस रोजाना अपनी बेवसाइट पर अंडों के दाम अपडेट करता है. लेकिन यूपी अकेला ऐसा राज्य है जिसके अंडे बरवाला, हरियाणा के रेट पर बिकते हैं. एनईसीसी का यूपी के साथ ये सौतेला व्यवहार यूपी के पोल्ट्री फार्मर की समझ से बाहर है. मजबूरी में सीजन के दौरान भी यूपी का अंडा हरियाणा के दाम पर बेचना पड़ता है. हालांकि यूपी सरकार ने अंडे ट्रांसपोर्ट और स्टोरेज करने को लेकर एक पॉलिसी बनाई है.
लेकिन रिव्यू के नाम पर वापस ली गई पॉलिसी पर सरकार ने खामोशी साध ली है. सैकड़ों पोल्ट्री फार्मर यूपी के पोल्ट्री कारोबार को बचाने के लिए दोबारा से पॉलिसी लागू करने की मांग कर रहे हैं. गौरतलब रहे कि सीजन के दौरान यूपी को हर रोज करीब पांच करोड़ अंडे की जरूरत होती है.
कुक्कुट विकास समिति, यूपी के अध्यक्ष वीपी सिंह ने किसान तक को बताया, ‘अक्टू बर से अंडों का सीजन शुरू हो जाता है. सीजन के दौरान यूपी में अंडों की डिमांड बढ़ जाती है. यूपी में अंडों का उत्पा दन कम होने की वजह से दूसरे राज्योंा से भी अंडे यूपी के अलग-अलग शहरों में आते हैं. लेकिन कभी भी यूपी अपने बाजारों में अंडे का दाम खुद तय नहीं कर पाता है. दूसरे राज्योंी के जमाखोरी करने वाले ट्रेडर्स के चलते यूपी में अंडे के दाम हरियाणा से तय होते हैं.
हैरान करने वाली बात ये है कि इतने बड़े राज्यल में जहां अंडों की अच्छीे खासी खपत है वहां एनईसीसी भी बेबस है. अब अगले महीने से अंडों का सीजन शुरू हो जाएगा. सर्दी के चलते अंडों की डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे में साल के आठ महीने बजार से जूझने वाले पोल्ट्री फार्मर कुछ पैसे कमा लेते हैं. लेकिन जमाखोर ऐसे वक्त में भी बाजार में उठा-पटक मचाते रहते हैं.’
यूपी पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली का कहना है कि यूपी को सर्दी के सीजन में हर रोज करीब पांच से 5.5 करोड़ अंडा चाहिए होता है. अगर ऑफ सीजन यानि गर्मी की बात करें तो डिमांड घटकर तीन से 3.5 करोड़ पर आ जाती है. जबकि यूपी में अंडा उत्पादन 1.50 करोड़ से लेकर 1.70 करोड़ तक ही होता है.
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हालांकि बीच-बीच में अंडे का उत्पादन दो करोड़ तक भी पहुंच जाता है. लेकिन इसके पीछे वजह यह है कि नए-नए पोल्ट्री फार्मर बाजार में आते हैं और एक-दो सीजन काम करने के बाद घाटा होने पर बंद करके चले जाते हैं. ऐसे में जब अंडे की कमी होती है तो ट्रेडर्स बरवाला, हरियाणा के अलावा तेलंगाना, आंध्रा प्रदेश, चैन्नई और बंगाल आदि से अंडा मंगाकर डिमांड को पूरा करते हैं.
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