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Navratri 2023: कुट्टू और सिंघाड़े का आटा नकली है या असली, खाद्य अधिकारी से जानें कैसे करें पहचान

Navratri 2023: कुट्टू और सिंघाड़े का आटा नकली है या असली, खाद्य अधिकारी से जानें कैसे करें पहचान

नवरात्रि 2023 का पर्व चल रहा है. इस पर्व में उपवास के दौरान लोग कुट्टू और सिंघाड़े के आटे का भी सेवन करते हैं, लेकिन कई बार लोग मिलावटी आटा खरीद लेते हैं और सेवन करके बीमार पड़ जाते हैं. ऐसे में आइये आज लखनऊ के सहायक आयुक्त खाद्य अधिकारी डॉक्टर शैलेंद्र प्रताप सिंह से जानते हैं कुट्टू और सिंघाड़े का आटा नकली है या असली उसकी पहचान कैसे करें- 

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कुट्टू और सिंघाड़े का आटा नकली है या असली, जानें कैसे करें पहचान-16:9 कुट्टू और सिंघाड़े का आटा नकली है या असली, जानें कैसे करें पहचान-16:9

नवरात्रि 2023 का पर्व चल रहा है. इस पर्व में उपवास के दौरान लोग कई तरह की खाद्य सामग्रियों का सेवन करते हैं. लेकिन जब बाजार में जाकर लोग इन खाद्य सामग्रियों को खरीदते हैं तो कई बार मिलावट वाली चीजें मिल जाती हैं. उन्हीं खाद्य सामग्रियों में कुट्टू और सिंघाड़े का आटा भी शामिल हैं. दरअसल, नवरात्र में व्रत रखने वाले लोग कुट्टू और सिंघाड़े के आटे का खूब प्रयोग करते हैं. ये कई पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जिन्हें व्रत रखने वाले लोग की सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. हालांकि, त्योहारी सीजन में कुट्टू और सिंघाड़े की आटे में मिलावट की संभावना बढ़ जाती है. ये मिलावट हमारे स्वास्थ्य को काफी प्रभावित कर सकती है. इसको लेकर हमें सतर्क रहने की जरूरत होती है. 

ऐसे में आइये आज लखनऊ के सहायक आयुक्त खाद्य अधिकारी डॉक्टर शैलेंद्र प्रताप सिंह से जानते हैं कुट्टू और सिंघाड़े का आटा नकली है या असली उसकी पहचान कैसे करें- 

कुट्टू और सिंघाड़े का आटा नकली है या असली कैसे करें पहचान 

किसान तक से खास बातचीत में लखनऊ के सहायक आयुक्त खाद्य अधिकारी डॉक्टर शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कुट्टू और सिंघाड़े के आटे में स्टार्च पाया जाता है. वहीं हमारे पास जितनी भी रिपोर्ट आती हैं उनमें कुट्टू और सिंघाड़े के आटे में बाह्य खाद्य पदार्थों की मिलावट नहीं होती है, लेकिन बाह्य स्टार्च के मिलावट की संभावना होती है, क्योंकि मिलवाट करने वाले जब भी बाजार में मांग बढ़ती है तो मिलावट करते हैं. आमतौर पर इनसे सस्ती खाद्य सामग्रियों की मिलावट इनमें की जाती है. 

वहीं कुट्टू के आटे का रंग गहरा भूरा होता है. अगर इसमें किसी भी अन्य अनाज का आटा जैसे चावल का आटा या मैदा मिलाया जाता है तो इसके रंग में बदलाव हो जाता है. दूसरी बात यह कि कुट्टू मोटे अनाज में आता है. इसका आटा उतना चिकना नहीं होता है जितनी आटे या मैदे की आटे में चिकनाहट होती है. अगर इसमें अन्य खाद्य पदार्थ को मिलाकर पानी में डाला जाए जो खाद्य सामाग्री इसके स्टार्च से भिन्न होते हैं वो पानी में ऊपर चले आते हैं और कुट्टू का आटा नीचे चला जाता है, तो इस तरह से कुट्टू की आटे में होने वाली मिलावट की पहचान कर सकते हैं.

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इसके अलावा खरीदारी से पहले देख लें कि आटा पुराना तो नहीं है. प्रायः लोग पैकिंग करके रख लेते हैं और आटा पुराना हो जाता है. चूंकि बीच में बारिश का भी सीजन आता है, तो माइश्चर की वजह से फंगस लग जाते हैं. इन्हीं फंगस ग्रोथ की वजह से सेवन करने पर फूड पॉइजनिंग की समस्या होती है. ऐसे में खरीददारी करते समय पैकेट पर जरूर ध्यान दें. अगर उसमें कहीं से भी माइश्चर होने की संभावना दिखे तो पैकेट को नहीं खरीदें.
 


अगर बात सिंघाड़े के आटे की पहचान की बात करें तो, सिंघाड़े की आटे की पहचान वही होता है जो कुट्टू के आटे की होती है. इसमें भी अगर कोई बाह्य स्टार्च मिलाएंगे तो चिकनाहट बढ़ जाएगी. इसमें ग्लूटेन नहीं पाया जाता है. ऐसे में आटा गूंथते समय ज्यादा लचीनापन दिखे तो समझ जाएं आटे में मिलावट है. इसके लावा इसका रंग भी अलग होता है. 
(इनपुट: धर्मेन्द्र सिंह)

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