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Rice Variety: धान की इस क‍िस्म में सबसे अध‍िक होता है ज‍िंक, बंपर होती है पैदावार

Rice Variety: धान की इस क‍िस्म में सबसे अध‍िक होता है ज‍िंक, बंपर होती है पैदावार

Paddy Farming: जिंको चावल एमएस 135 द‍िन में हो जाता है तैयार. अगेती बुवाई के ल‍िए माना जाता है अच्छा. इसमें प्रत‍ि हेक्टेयर 58 क्व‍िंटल तक उत्पादन ल‍िया जा सकता है. जान‍िए क‍िन राज्यों में बुवाई के ल‍िए उपयुक्त है यह क‍िस्म और आपके जीवन में ज‍िंक का क्या है महत्व? 

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जिंको चावल एमएस के बारे में जान‍िए (Photo-Kisan Tak). जिंको चावल एमएस के बारे में जान‍िए (Photo-Kisan Tak).

 खाद्यान्न के मामले में अब हम आत्मन‍िर्भर ही नहीं बल्क‍ि बड़े एक्सपोर्टर भी हैं. लेक‍िन दूसरी ओर कुपोषण की समस्या खत्म नहीं हुई है. इसल‍िए कृष‍ि वैज्ञान‍िक अब बायोफोर्ट‍िफाइड फसलों की खेती पर फोकस कर रहे हैं. ताक‍ि कृष‍ि उत्पाद सेहत के ल‍िए दवाई का भी काम करेगा. इस समय धान की खेती की तैयार‍ियां शुरू हो चुकी हैं. कृष‍ि वैज्ञान‍िकों ने क‍िसानों को जिंक की अध‍िकता वाले धान की खेती करने की सलाह दी है. ज‍िंक को जस्ता भी कहते हैं, जो एक ऐसा मिनरल है जो आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करता है. चिड़चिड़ापन और भूख में कमी होना जिंक की कमी के लक्षण हैं. यह प्रतिरक्षा प्रणाली को हमलावर बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में मदद करता है. 

ऐसे में आपको एक बार हाई ज‍िंक वाले चावल की खेती जरूर करनी चाह‍िए. ऐसी क‍िस्मों में 'जिंको चावल एमएस' का नाम प्रमुखता से ल‍िया जाता है. ज‍िसमें ज‍िंक की मात्रा 27.4 पीपीएम है. जबक‍ि कई लोकप्रिय किस्मों के पॉलिश किए गए दाने में महज 12.0-16.0 पीपीएम ही ज‍िंक होता है. भारतीय कृष‍ि अनुसंधान पर‍िषद के अखिल भारतीय समन्वित चावल अनुसंधान परियोजना के तहत इसे इंद‍िरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर ने व‍िकस‍ित क‍िया है. 

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क‍ितनी है पैदावार 

'जिंको चावल एमएस' को तैयार होने में 135 दिन का वक्त लगता है. यह अच्छी पैदावार देने वाली धान की क‍िस्म है. इसमें प्रत‍ि हेक्टेयर 58 क्व‍िंटल तक उत्पादन ल‍िया जा सकता है. खरीफ में वर्षा और सिंचित परिस्थितियों के ल‍िए यह अगेती और मध्यम बुआई के लिए अनुकूल क‍िस्म है. कृष‍ि वैज्ञान‍िकों ने इसे छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और ओड़ि‍शा के ल‍िए बनाया है. इन राज्यों के क‍िसान इसकी बुवाई या रोपाई कर सकते हैं. कुपोषण से लड़ने में यह क‍िस्म मददगार हो सकती है. 

डायरिया की रोकथाम होगी

कृषि वैज्ञानिकों के मुताब‍िक जिंक वाला चावल छह से आठ महीने तक खाने से शरीर में जिंक की मात्रा अच्छी हो जाएगी. इससे बच्चों में होने वाली डायरिया की रोकथाम भी हो सकेगी. स्वाद के मामले में भी छत्तीसगढ़ जिंको राइस जाना जाता है. यानी यह चावल स्वाद और सेहत दोनों के ल‍िए अच्छा है. दावा है क‍ि इसमें राइस ब्रान आयल की मात्रा सामान्य किस्मों से ज्यादा होती है. जिंको राइस एमएस वर्ष 2018 में आया था.  

शरीर में ज‍िंक का महत्व 

आईसीएआर ने कहा है क‍ि ज‍िंक एक ऐसा खनिज तत्व है जो मनुष्यों में 300 से अधिक आवश्यक एंजाइमों में सहकारक के रूप में कार्य करता है. यह न्यूक्लिक एसिड, प्रोटीन, लिपिड और कार्बोहाइड्रेट के संश्लेषण और गिरावट के रेगुलेशन के लिए आवश्यक है. जिंक की कमी से धीमा विकास होता है. भूख में कमी होती है. इसके अलावा बिगड़ी हुई प्रतिरोधक प्रणाली और संक्रमण के लिए संवेदनशीलता बढ़ जाती है. 

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