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मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी से ही लोगों में कुपोषण की समस्या: केएस भुकनवाला

मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी से ही लोगों में कुपोषण की समस्या: केएस भुकनवाला

भुकनवाला ने कहा, हम इस बात पर ध्यान दे रहे हैं कि किसानों को कैसे जागरूक किया जाए कि वे संतुलित खादों का कैसे इस्तेमाल करें. किसानों को यह जानना जरूरी है कि खाद में कब, कितना और किस तरह का खाद देना है. भुकनवाला ने खाद के उपयोग और लोगों में बढ़ते कुपोषण के प्रति ध्यान खींचा और बताया कि जब तक खादों का सही इस्तेमाल नहीं होगा तब तक कुपोषण की समस्या से निपटना मुश्किल है.

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एसएमल लिमिटेड की डायरेक्टर आरएंडडी और आईपी कोमल साह भुकनवाला एसएमल लिमिटेड की डायरेक्टर आरएंडडी और आईपी कोमल साह भुकनवाला

इंडिया टुडे ग्रुप के डिजिटल चैनल किसान तक के उद्घाटन कार्यक्रम में एसएमल लिमिटेड की डायरेक्टर आरएंडडी और आईपी कोमल साह भुकनवाला ने हिस्सा लिया. किसान तक समिट का प्रेजेंटिंग स्पॉन्सर एसएमएल है. कार्यक्रम में भुकनवाला ने कहा, आज स्वतंत्रता के 75 साल बाद देश ने खाद्य सुरक्षा प्राप्त कर ली है. गेहूं, धान से लेकर कई फलों और सब्जियों में हमारे देश ने आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है. हालांकि कृषि क्षेत्र को कई चुनौतियों से सामना करना पड़ रहा है जिसमें सबसे अहम है जलवायु परिवर्तन. कृषि क्षेत्र की स्वास्थ्य चुनौती भी बड़ी है. देश की 40 परसेंट मिट्टी खराब हो चुकी है. इसका कारण है अधिक से अधिक कृषि और दूसरा कारण है रासायनिक खादों का बहुत अधिक प्रयोग. 

भुकनवाला ने कहा कि जैसे शरीर में विटामिन और पोषक तत्वों की कमी होती है तो बीमारी हो जाती है. वैसे ही मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी होने से कई तरह के रोग लग जाते हैं. पोषक तत्वों की कमी की वजह से मिट्टी में असंतुलन बन गया है. एक शोध लेख में बताया गया है कि नाइट्रोजन, फास्फोरस के अत्यधिक प्रयोग से मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो रही है जिससे इंसानों में कुपोषण हो रहा है. इन सबके पीछे रासायनिक खादों का इस्तेमाल असली वजह है. दूसरी बड़ी वजह क्लाइमेट चेंज की है. 

भुकनवाला ने कहा, एसएमएल 51 वर्ष पुरानी कंपनी है जिसका प्रयास है कि फसलों को अच्छा खाद दिया जाए. 30 लाख किसानों तक हमारे खाद उत्पाद पहुंचे हैं. हमने कई लाख किसानों और उनके खेतों तक खाद के अलावा सूक्ष्म तत्वों की पहुंच बढ़ाई है. हमने यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि अच्छी तकनीक के माध्यम से किसानों को बेहतर उत्पादन और सेवाएं दे सकें. 

किसान तक समिट को लाइव देखने और पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

भुकनवाला ने कहा, हम इस बात पर ध्यान दे रहे हैं कि किसानों को कैसे जागरूक किया जाए कि वे संतुलित खादों का कैसे इस्तेमाल करें. किसानों को यह जानना जरूरी है कि खाद में कब, कितना और किस तरह का खाद देना है. भुकनवाला ने खाद के उपयोग और लोगों में बढ़ते कुपोषण के प्रति ध्यान खींचा और बताया कि जब तक खादों का सही इस्तेमाल नहीं होगा तब तक कुपोषण की समस्या से निपटना मुश्किल है. भुकनवाला ने कहा कि मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी से ही लोगों में कुपोषण की समस्या सामने आ रही है.

इससे पहले पशुधन-गांव का कामधेनु सेशन में पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट रामपाल ढांडा, आनंदा डेयरी के चेयरमैन आरएस दीक्षित, एनिमल हसबेंडरी कमिश्नर डॉ. अभिजीत मित्रा, फिशरीज के डीडीजी जेके जेना शामिल हुए. किसानों का भारत और भारत के किसान सेशन के बाद पशुधन-गांव का कामधेनु सेशन में अभिजीत मित्रा, एनिमल हसबेंडरी कमिश्नर ने कहा कि चार करोड़ रुपये देसी गाय को बचाने के लिए कैपिटल सब्सिडी देने की योजना है जिसे सरकार देगी.

इसी कार्यक्रम में जे के जैना  DDG फिशरीज, ने कहा कि 1950 के दशक में देश में मछली का उत्पादन 7.50 लाख टन था जो आज बढ़कर 62 लाख टन हो चुका है. यानी 21 गुना की वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि कैटफिश का उत्पादन 40 से 80 टन हो रहा है. आज देश में 30 से 40 अलग-अलग प्रजाति का मछली पालन हो रहा है यहां तक कि आप समंदर में भी मछली पालन किया जा रहा है. 

जेके जैना ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में मछली का उत्पादन कम क्षेत्रफल में सबसे ज्यादा है जबकि आंध्र प्रदेश के ढाई लाख एकड़ क्षेत्रफल में कमर्शियल मछली पालन हो रहा है. रामपाल डांडा, अध्यक्ष पोल्ट्री फेडरेशन ने कहा कि पोल्ट्री क्षेत्र में कार्यरत कंपनियां एकतरफा किसानों के साथ  कॉन्ट्रैक्ट करती हैं. इससे कुछेक लोगों को ही फायदा होता है. 

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आनंद डेयरी के चेयरमैन आरएस दीक्षित ने कहा कि डेयरी डिवीजन को उस ऊंचाई पर ले जाना है जो भारत की शान बन सके, ऐसी शिक्षा हमारे परिवार से मिली है. इस पर हम आगे बढ़ रहे हैं. दीक्षित ने कहा कि आज हमारी कंपनी उत्तर प्रदेश में बढ़-चढ़ कर काम कर रही है. दूध का उत्पादन और किसानों की आय कैसे बढ़ सके, इसके लिए आनंदा डेयरी लगातार काम रही है. एसबीआई, आनंदा और किसान मिलकर बुलंदशहर में बायोगैस प्लांट लगा रहे हैं. इसे पांच और जगहों पर लगाया जाएगा. इससे किसानों का गोबर खरीदा जाएगा और किसानों की आमदनी बढ़ेगी.