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रबी फसलों में DAP की जगह SSP खाद का इस्तेमाल करें किसान, कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताए फायदे

रबी फसलों में DAP की जगह SSP खाद का इस्तेमाल करें किसान, कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताए फायदे

राजस्थान के श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने किसानों को सलाह दी है कि वह फसल में डीएपी की जगह सिंगल सुपर फॉस्फेट खाद का इस्तेमाल करें. यह डीएपी की तुलना में सस्ती और अधिक कारगर है. राजस्थान सरकार ने भी किसानों से इस उर्वरक के इस्तेमाल की अपील की है.

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डीएपी की जगह सिंगल सुपर फॉस्फेट यानी एसएसपी का इस्तेमाल करने की सलाह. डीएपी की जगह सिंगल सुपर फॉस्फेट यानी एसएसपी का इस्तेमाल करने की सलाह.

रबी फसलों की बुवाई के वक्त डीएपी की जगह सिंगल सुपर फॉस्फेट इस्तेमाल करने की सलाह किसानों को दी गई है. एसकेएन कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने गेहूं, जौ, चना, सरसों समेत अन्य रबी फसलों के तेज अंकुरण और विकास के लिए सिंगल सुपर फॉस्फेट खाद को डीएपी की तुलना में अधिक कारगर बताया है. राजस्थान कृषि विभाग की ओर से भी किसानों से बुवाई के वक्त फसलों में सिंगल सुपर फास्फेट और एनपीके के ग्रेड्स उर्वरक इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है. इसे डीएपी की तुलना में सस्ता और अधिक कारगर होने का दावा किया गया है. 

राजस्थान के जोबनेर में स्थिति श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय (SKNAU) के कुलपति प्रोफेसर बलराज सिंह ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि डीएपी की जगह सिंगल सुपर फॉस्फेट यानी एसएसपी खाद का इस्तेमाल करें. कुलपति ने कहा कि रबी फसलों की बुवाई का महत्वपूर्ण समय चल रहा है और इस बार राजस्थान में औसत से अधिक बारिश हुई है, जिससे रबी फसलों को पर्याप्त नमी मिलने की संभावना को बल मिला है. ऐसे में उम्मीद है कि राजस्थान में रबी फसलों में तिलहन और दालों का रकबा बढ़ेगा. 

सिंगल सुपर फॉस्फेट इस्तेमाल करें किसान 

प्रोफेसर बलराज सिंह ने कहा कि ज्यादातर किसान अपनी फसलों में डीएपी और यूरिया का इस्तेमाल करते हैं. इसके लगातार इस्तेमाल से मिट्टी के अंदर NPK तत्वों का जो आदर्श संतुलन है वह लगातार बिगड़ता जा रहा है. एनपीके का जो अनुपात होना चाहिए वह 4:2:1 आदर्श है. उन्होंने कहा कि किसानों को मेरी सलाह है कि जितनी कीमत में एक डीएपी का बैग किसान लाते हैं उतनी कीमत में सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) के 3 बैग खरीदे जा सकते हैं. 

SSP में पौधे के लिए जरूरी 3 तत्व 

कुलपति ने कहा कि सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) के बैग के साथ एक यूरिया का बैग किसान लेंगे तो वो भूमि में उर्वरकों का संतुलन को बनाए रखने में अधिक कारगर साबित होगा. उन्होंने कहा कि सिंगल सुपर फॉस्फेट से अक्सर 3 तत्व किसानों को मिलेंगे, जिसमें सल्फर 11 फीसदी के अलावा फास्फोरस 16 फीसदी और कैल्सियम 19 फीसदी की मात्रा में होगा. यह तीनों तत्व तिलहन फसलों के विकास में ज्यादा कारगर साबित होते हैं. जबकि, उपज और गुणवत्ता बढ़ाने के साथ ही ऑयल कंटेंट वैल्यू भी बढ़ जाती है. 

राजस्थान में होता है उत्पादन  

कुलपति ने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि अभी डीएपी की मांग बढ़ेगी. भारत डीएपी बाहर से आयात करता है, लेकिन सिंगल सुपर फॉस्फेट का यह फायदा है कि इसका राजस्थान में ही उत्पादन किया जाता है. इससे इसकी पर्याप्त उपलब्धता रही है. बता दें कि राजस्थान सरकार ने भी किसानों को सलाह दी है कि वह रबी फसलों में डीएपी की बजाय सिंगल सुपर फॉस्फेट खाद का इस्तेमाल करें. 

खाद इस्तेमाल का सही तरीका  

  1. किसानों को सलाह दी गई है कि बुवाई के समय उर्वरक को हमेशा कतार में ही डालें, इधर-उधर छिड़काव न करें.
  2. उर्वरकों का इस्तेमाल किसान मृदा स्वास्थ्य कार्ड में बताये निर्देशों के अनुसार ही करें.
  3. खेत में फसल के घुटनों तक आ जाने पर सिफारिश अनुसार ही यूरिया का छिड़काव करें. 
  4. नाइट्रोजन उर्वरक की मात्रा कम करने के लिए एजोटोबेक्टर और राइजोबियम जीवाणु खाद से बीज उपचार करें.

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