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सूरत: मिल मालिक हड़प रहे सब्सिडी की नीम कोटेड यूरिया, बड़े रैकेट का पर्दाफाश

सूरत: मिल मालिक हड़प रहे सब्सिडी की नीम कोटेड यूरिया, बड़े रैकेट का पर्दाफाश

सूरत शहर के पांडेसरा जीआइडीसी इलाक़े में स्थित राधे-राधे डाइंग एंड प्रिंटिंग मिल के मालिक सोनू अग्रवाल पर यूरिया के गलत इस्तेमाल का आरोप है. आरोप के मुताबिक, सोनू अग्रवाल किसानों को सब्सिडी में दी जाने वाली नीम कोटेड यूरिया को काला बाज़ारी से ख़रीद कर अपने मिल में इस्तेमाल रहा था.

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राधे-राधे डाइंग एंड प्रिंटिंग मिल पर लगा यूरिया की कालाबाजारी का आरोप राधे-राधे डाइंग एंड प्रिंटिंग मिल पर लगा यूरिया की कालाबाजारी का आरोप

गुजरात के सूरत में यूरिया की काला बाजारी का एक मामला सामने आया है. आरोप है कि किसानों की सब्सिडी वाली यूरिया कपड़ा के मिल मालिक इस्तेमाल कर रहे थे. घटना सामने आने के बाद मिल मालिक समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोप है कि जिस नीम कोटेड यूरिया का इस्तेमाल खेती-बाड़ी में किया जाना चाहिए. उसे कपड़ा मिल मालिक काला बाजारी कर खरीदते थे और अपने इस्तेमाल में लेते थे. इससे खेती के लिए यूरिया की कमी हो रही थी. लिहाजा किसानों को यूरिया के लिए भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. अब इस मामले के पर्दाफाश होने के बाद यूरिया की काला बाजारी पर कुछ रोक लगती दिख रही है.

आरोप में कहा गया है कि किसानों के हक़ की यूरिया का इस्तेमाल सूरत के कपड़ा मिल मालिक कर रहे हैं. सरकारी सब्सिडी वाली यूरिया का औद्योगिक उपयोग करने के मामले में सूरत क्राइम ब्रांच पुलिस ने एक कपड़ा मिल के मालिक और उसके साथी की गिरफ़्तारी की है. इस मामले की गहन जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था जिसने पूरे मामले का भंडाफोड़ किया और आरोपियों को जेल तक पहुंचाया.

सूरत शहर के पांडेसरा जीआइडीसी इलाक़े में स्थित राधे-राधे डाइंग एंड प्रिंटिंग मिल के मालिक सोनू अग्रवाल पर यूरिया के गलत इस्तेमाल का आरोप है. आरोप के मुताबिक, सोनू अग्रवाल किसानों को सब्सिडी में दी जाने वाली नीम कोटेड यूरिया को काला बाज़ारी से ख़रीद कर अपने मिल में इस्तेमाल रहा था. इसका खुलासा तब हुआ जब खेती-बाड़ी विभाग के अधिकारी ने मिल में छापेमारी की. बीते छह फरवरी को कृषि अधिकारी और पुलिस ने पांडेसरा के जय अंबे नगर में छापा मारकर खेती में लगने वाली नीम कोटेड यूरिया का जत्था पकड़ा. पुलिस ने इसी दौरान आरोपी सत्येंद्र सिंह राजपूत और रियाज वोहरा नामक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया.

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आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्हें खेती की यूरिया कुंदन मिश्रा नामक शख़्स ने दिया था. पुलिस ने इस बारे में जांच की और पाया कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है. मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया. एसआइटी की जांच में पता चला कि यूरिया राधे-राधे डाइंग एंड प्रिंटिंग मिल के मालिक सोनू अग्रवाल ने अपनी मिल में उपयोग के लिए मंगवाई थी. 

एसआईटी की चांज में यह भी पता चला कि सोनू अग्रवाल ने मिल के सिक्योरिटी सुपरवाइजर सत्येंद्र सिंह के यहां यूरिया छिपाया था. वहीं, मिल में कोयले की आपूर्ति करने वाले कुंदन मिश्रा के नाम से फर्जी बिल बनवाए थे. फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर सूरत क्राइम ब्रांच पुलिस ने आरोपी को कपड़ा और मिल मालिक सोनू अग्रवाल, कुंदन मिश्रा को गिरफ्तार किया.  

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सूरत क्राइम ब्रांच के पुलिस इंस्पेक्टर ललित वाघडिया ने बताया कि पुलिस की छापेमारी में कंपनी के गोदाम में नीम कोटेड यूरिया की खेप पकड़ी गई. नीम कोटेड यूरिया खेती-बाड़ी में इस्तेमाल की जानी थी, लेकिन उसे औद्योगिक इस्तेमाल के लिए कपड़ा मिल मालिक ने खरीदा था. पुलिस इंस्पेक्टर ने बताया कि सब्सिडी रेट वाली यूरिया को मिल तक बेचने के लिए एक पूरा रैकेट चलाया जा रहा था जिसमें दो लोगों की गिरफ्तारी की गई.(रिपोर्ट/संजय सिंह राठौड़)