एक ओर जहां बाजारों में फलों के राजा आम की आवक बनी हुई है. वहीं, दूसरी ओर आम के पौधे लगाने का सही समय भी आ गया है. ऐसे में आज हम आपको आम के पौधे लगाने से जुड़ी हर जानकारी देने जा रहे है. आपसे यह जानकारी कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के आधार पर दी जा रही है. आईसीएआर से जुड़े वैज्ञानिकों के मुताबिक, किसान आम के पौधों को 10×10 मीटर की दूरी पर लगाएं. लेकिन, सघन बागवानी में इसे 2.5 से 4 मीटर की दूरी पर लगाएं. आम की सघन बागवानी के लिए आम्रपाली और पूसा पीताम्बर जैसी किस्मों को सबसे उपयुक्त माना जाता है. पौधा लगाने के पहले खेत में धारी डालकर पौधों की जगह तय कर लें. पौधे लगाने के लिए 1×1×1 मीटर आकार का गड्ढा खोदें.
बारिश शुरू होने से पहले जून में 20-30 किलोग्राम सड़ी गोबर की खाद, 2 किलोग्राम नीम की खली, 1 किलोग्राम हड्डी का चूरा या सिंगल सुपर फॉस्फेट और 100 ग्राम मिथाइल पैरामिथियॉन की डस्ट (10 प्रतिशत) या 20 ग्राम थीमेट 10-जी को खेत की ऊपरी सतह की मिट्टी के साथ मिलाकर गड्ढों को अच्छी तरह भर दें. अब दो-तीन बार बारिश होने के बाद जब मिट्टी दब जाए तो पहले से चिह्नित जगह पर खुरपी की मदद से पौधे की पिंडी के आकार की जगह बनाकर पौधा लगाएं.
पौधा लगाने के बाद आसपास की मिट्टी को अच्छी तरह दबाकर एक थाला बना दें और हल्की सिंचाई करें. आम के पौधों से अच्छे फल लगने और बढ़िया तरह से उत्पादन लेने के लिए इनकी देखरेख जरूरी है. पौधों को लगाने के बाद पौधों के पूर्ण रूप से उगने तक सिंचाई करें. प्रारंभिक 2-3 वर्षों तक लू से बचाने के लिए सिंचाई करें. जमीन से 80 सें.मी. की ऊंचाई तक की शाखाओं को निकाल दें, जिससे मुख्य तने का समुचित विकास हो सके.
कृषि एक्सपर्ट की मानें तो इस महीने आम में ग्राफ्टिंग का काम शुरू कर देना चाहिए. ग्राफ्टिंग की जगह नीचे से कोई शाखा नहीं निकलनी चाहिए. ऊपर की 3-4 शाखाओं को बढ़ने दें. बड़े छत्रक वाले घने वृक्षों में, न फलने वाली बीच की शाखाओं को काट दें. फलों को तोड़ने के बाद मंजर के साथ-साथ 2-3 सें.मी. टहनियों को काट दें, ताकि स्वस्थ शाखाएं निकलें. ऐसा करने से अगले मौसम में अच्छा उत्पादन मिलेगा.
आम की डासी मक्खी के नियंत्रण के लिए मिथाइल यूजीनाल ट्रैप का प्रयोग करें. प्लाई लकड़ी के टुकड़े को अल्कोहल, मिथाइल, मैलाथियान (6:4:1) के घोल में 48 घंटे डुबोने के बाद पेड़ पर लटका दें और ट्रैप को दो माह बाद बदल दें. साथ ही मिलीबग की रोकथाम के लिए 2 प्रतिशत मिथाइल पैराथिऑन का इस्तेमाल करना चाहिए.
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