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Knowledge: पैसे और समय दोनों की होगी बचत, जरा इन तकनीकों पर गौर करें किसान

Knowledge: पैसे और समय दोनों की होगी बचत, जरा इन तकनीकों पर गौर करें किसान

Farming Techniques: आधुनिकता के दौर में हमारी खेती भी काफी एडवांस होती जा रही है. इधर विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि अब किसानों के लिए नई तकनीकों से संसाधनों की बचत के साथ-साथ मुनाफा कमाना भी आसान हो गया है. वहीं किसानों के लिए यह नई तकनीक काफी मददगार बन गई हैं.

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खेती-किसानी में इन तकनीकों का करें प्रयोग, फोटो साभार: freepik खेती-किसानी में इन तकनीकों का करें प्रयोग, फोटो साभार: freepik

भारत में आज भी कृषि को आय और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है. विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहे भारत देश की खाद्यान्न जरूरतों को पूरा करने के लिए दिन-रात किसान अपनी मेहनत से अन्न उगाते हैं. लेकिन जब मेहनत को आधुनिक तकनीक, वैज्ञानिक सोच के सपोर्ट से किया जाए तो न सिर्फ पैदावार बढ़ती है बल्कि आमदनी में भी बढ़ोतरी होती है. पारंपरिक खेती से सिर्फ किसानों की रोजी रोटी ही चलती थी, लेकिन खेती की आधुनिक तकनीकें अपनाते ही किसानों का मुनाफा भी बढ़ता जा रहा है. ये तकनीक किसानों का समय, पैसा और मेहनत बचाती हैं. दरअसल अब किसानों को खेती को आमदनी का जरिया बनाने के लिए नई कृषि तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए.

अब केवल धान,गेहूं की पैदावार कर किसान बहुत ज्यादा लाभ नहीं कमा सकते हैं. इसके लिए उन्हें आधुनिक तकनीक की मदद से खेती करनी चाहिए. आइए जानते हैं कौन सी नई तकनीक अपनाकर किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं.

वर्टिकल फार्मिंग तकनीक

पूरी दुनिया में खेती का रकबा धीरे-धीरे घटता जा रहा है.ऐसे में बढ़ती जनसंख्या के लिए खाद्य आपूर्ति करना मुश्किल हो रहा है. यही वजह है कि दुनियाभर में किसान अब वर्टिकल फार्मिंग को अपनाकर खेती कर रहे हैं. वर्टिकल फार्मिंग को खड़ी खेती भी कहते हैं, जिसमें खेत की जरूरत नहीं, बल्कि घर की दीवार पर भी फल, सब्जियों को आसानी से उगा सकते हैं. ये खेती करने का एक नायाब तरीका है. इसमें लोग कम जगह में भी अधिक पौधे लगा सकते हैं. इससे उत्पादन भी अधिक होता है.वहीं इस तकनीक से खेती करने से किसानों की अच्छी कमाई भी होती है.

ड्रिप सिंचाई तकनीक

पूरी दुनिया के किसान पानी की कमी से जूझ रहे हैं,  इसलिए किसानों को सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों से काफी तेजी से जोड़ा जा रहा है. ऐसी तकनीकें से खेती करने से कम सिंचाई में भी भरपूर उत्पादन होता है. सूक्ष्म सिंचाई में ड्रिप और स्प्रिंकलर तकनीक शामिल है. इन तकनीकों से सीधा फसल की जड़ों तक पानी पहुंचता है. ड्रिप सिंचाई से 60 प्रतिशत पानी की बचत होती है. जिससे किसान कम मेहनत में बेहतर कमाई कर सकते हैं.

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हाइड्रोपोनिक तकनीक

हाइड्रोपोनिक तकनीक में पूरी खेती पानी पर ही आधारित होती है. इस तकनीक की खेती में मिट्टी का कोई काम नहीं होता है. इस तकनीक को लेकर आज कई विकसित देश हाइड्रोपोनिक तकनीक से सब्जियों और फलों का उत्पादन कर रहे हैं. भारत में भी शहरों में गार्डनिंग के लिए यह तकनीक काफी लोकप्रिय हो रही है. इस तकनीक से खेत तैयार करने का झंझट नहीं रहता. इस तकनीक से पाइप नुमा ढांचे में पौधे लगाए जाते हैं, जो पानी और पोषक तत्वों से बढ़ते और स्वस्थ उपज देते हैं.

ग्राफ्टिंग तकनीक

आज के समय में किसानों को बीज सहित पौधे उगाने में काफी समय लग जाता है,  इसलिए किसानों ने ग्राफ्टिंग तकनीक से खेती  करना चालू कर दिया है. ग्राफ्टिंग तकनीक में पौधे के तने से नया पौधा तैयार किया जाता है. बीज से पौधा तैयार होने में लंबा वक्त लगता है, जबकि ग्राफ्टिंग पौधे से कुछ ही दिन में फल, फूल, सब्जियां तैयार हो जाती हैं.