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एग्रीटेक का ज्ञान होना जरूरी, 40 फ़ीसदी फसलें नकली कीटनाशक और उर्वरक से हो जाती हैं बर्बाद

एग्रीटेक का ज्ञान होना जरूरी, 40 फ़ीसदी फसलें नकली कीटनाशक और उर्वरक से हो जाती हैं बर्बाद

एग्री एक्सपर्ट आर जी अग्रवाल ने किसान तक समिट 2023 में चर्चा के दौरान बताया बताया कि अगर किसानों को एग्री इनपुट की जानकारी सही नहीं होगी तो वह सही बीज, सही खाद और सही कीटनाशक का उपयोग नहीं कर सकेगा,जिससे उसकी फसलें बर्बाद होंगी.

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किसान तक समिट  2023 के मंच पर एग्री टेक और स्टार्टअप की विषय पर चर्चा किसान तक समिट 2023 के मंच पर एग्री टेक और स्टार्टअप की विषय पर चर्चा

इंडिया टुडे ग्रुप के डिजिटल चैनल किसान तक का मंगलवार को नई दिल्ली में उद्घाटन हुआ. इस मौके पर किसान तक समिट का आयोजन किया गया. किसान तक डिजिटल चैनल का उद्घाटन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने किया. इस मौके पर किसानों सहित कई गणमान्य मौजूद रहे. कृषि क्षेत्र में तकनीक का बेहतर इस्तेमाल हो इसके लिए देश में पूसा, आईसीएआर के साथ-साथ राज्य की सरकारें भी काम कर रही हैं.

तकनीक के माध्यम से ही फसल से बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है. किसान तक समिट  2023 के मंच पर एग्री टेक और स्टार्टअप विषय पर देश की अलग-अलग क्षेत्र के प्रमुख हस्तियां जुड़ी जिसमें डीडीजी आईसीएआर यूएस गौतम, ग्रोपिटल के फाउंडर ऋतुराज शर्मा, सोनालिका ट्रैक्टर के वाइस प्रेसिडेंट सरोज मोहंती और एग्री एक्सपर्ट आर जी अग्रवाल शामिल थे. किसान तक के मंच से किसानों को बेहतर तकनीक के प्रयोग के बारे में जानकारी और सरकार के द्वारा किए जा रहे प्रयासों से भी अवगत कराया गया.

नकली कीटनाशकों से बर्बादी

देश की जीडीपी में कृषि का बहुत बड़ा योगदान है. वही देश की सबसे ज्यादा आबादी को रोजगार भी कृषि के अलग-अलग क्षेत्रों से मिल रहा है, लेकिन किसानों के लिए सही तकनीकी का ज्ञान होना बहुत जरूरी है. एग्री एक्सपर्ट आर जी अग्रवाल ने किसान तक समिट 2023 में चर्चा के दौरान बताया बताया कि अगर किसानों को एग्री इनपुट की जानकारी सही नहीं होगी तो वह सही बीज, सही खाद और सही कीटनाशक का उपयोग नहीं कर सकेगा, जिससे उसकी फसलें बर्बाद होंगी.

अग्रवाल ने कहा हमारे बाजार में नकली कीटनाशक और बीज भरे हुए हैं जिसकी वजह से हमारी 40 फ़ीसदी फसलें बर्बाद हो जाती हैं. इसीलिए किसान को मार्केट का सही ज्ञान, सही जानकारी, इसके साथ-साथ पानी के सही उपयोग के बारे में भी पता होना चाहिए. देश की 40 फ़ीसदी कृषि भूमि ही सिंचित है. इसलिए पानी का बेहतर उपयोग के माध्यम से हम अपनी फसलों से अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.

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बीज का सही उपयोग जरूरी

किसान को अपनी खेती से अच्छा उत्पादन पाने के लिए अपने बीज की बुवाई के बारे में सही जानकारी होना जरूरी है. किसान तक समिट 2023 के मंच पर सोनालिका ट्रैक्टर के वाइस प्रेसिडेंट सरोज मोहंती ने बताया कि बीज को सही गहराई पर डाला जाए तो इससे उत्पादन में किसानों को अच्छा फायदा होता है. इसीलिए हमने हाइड्रोलिक सिस्टम पर काम किया है. इसी के साथ साथ गियर पर भी काम किया है जिससे अलग-अलग फसलों के लिए अलग-अलग तरह के ट्रैक्टर के माध्यम से सही स्पीड मिल सके. वही किसान की फसल लागत को कम करने के लिए ट्रैक्टर के इंजन में सीआरडीए टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया है. इससे इंजन से डीजल की भारी बचत होगी. इससे किसान का पैसा बचेगा.

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सही समय पर सही तकनीक का प्रयोग 

किसान तक समिट 2023 के मंच पर ग्रुप ग्रोपिटल के फाउंडर ऋतुराज ने बताया कि तकनीकी का सही जानकारी होना किसान के लिए काफी ज्यादा जरूरी है. किसान जैसे अपने खेत पर कैमरा लगाता है तो इससे उसे केवल फार्म की गतिविधि की जानकारी नहीं मिलती है बल्कि एआई के माध्यम से वह अपने फार्म पर मौसम सिंचाई यहां तक कि जानवरों के आने जाने से लेकर हर स्थिति पर नजर रख सकता है. इससे किसान का काम आसान हो जाएगा. इसके साथ ही तकनीक की मदद से किसान को मौसम की जानकारी भी मिलती है जिससे वह अपनी फसलों को नुकसान से बचा सकता है. इसके अलावा तकनीक के माध्यम से ही किसान को सही मार्केट प्राइस की जानकारी भी मिलती है जिसके बेहतर उपयोग से वह अपनी फसलों का अच्छा दाम भी पा सकता है.

हर जिले में कृषि तकनीकी बैंक का गठन

देश में कृषि तकनीकी बैंक के गठन के लिए तेजी से काम हो रहा है. किसान तक सम्मिट 2023 के मंच पर मौजूद डी.डी.जी आईसीएआर यू.एस गौतम ने कहा देश में 126 एग्रो क्लाइमेटिक जोन हैं. हर जोन के हिसाब से प्रत्येक जिले में के.वी.के खुले हुए हैं. हर जिले में कृषि तकनीकी बैंक का गठन किया जा रहा है. इसी के साथ सारथी पोर्टल पर अब तक 60 लाख किसानों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है. अब तक 151 स्मार्ट गांव विकसित किए जा चुके हैं. इन गांव में किसानों को तकनीकी यंत्र दिए गए हैं. इन यंत्रों का संचालन और रखरखाव किसानों के द्वारा ही किया जाता है. वह इसे दूसरे किसानों को भी किराए पर देते हैं. इसका फायदा सबसे ज्यादा पैदावार में देखने को मिल रहा है. सामान्य फसल के मुताबिक इन स्मार्ट गांव में तकनीकी के प्रयोग से 45 फ़ीसदी ज्यादा पैदावार हो रही है .