Kharif crops: धान, दलहन और मिलेट्स की बुवाई में तेजी, तिलहन में मामूली गिरावट दर्ज

Kharif crops: धान, दलहन और मिलेट्स की बुवाई में तेजी, तिलहन में मामूली गिरावट दर्ज

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने खरीफ फसलों की बुवाई का आंकड़ा जारी कर दिया है. इसमें खरीफ फसलों की बुवाई का आंकड़ा 20 जून 2025 तक का दिया गया है. आंकड़े के मुताबिक धान, दलहन और मोटे अनाजों की बुवाई में वृद्धि है जबकि तिलहन में मामूली गिरावट है. दलहन में अरहर दाल की बुवाई में हल्की सी गिरावट है.

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Kharif crops: धान, दलहन और मिलेट्स की बुवाई में तेजी, तिलहन में मामूली गिरावट दर्जखरीफ फसलों की खेती

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने 20 जून, 2025 तक खरीफ फसलों की बुवाई का आंकड़ा जारी कर दिया है. इसमें धान, दलहन और तिलहन के अलावा मोटे अनाजों का आंकड़ा दिया गया है. आंकड़े के मुताबिक धान और दलहन की बुवाई में रफ्तार है तो रागी, तिलहन और जूट की बुवाई में मामूली गिरावट है. गन्ने के रकबे में मामूली बढ़त है, तो वहीं कपास में भी अच्छी वृद्धि दर्ज की गई है. आंकड़े के मुताबिक, 20 जून 2025 तक लगभग 13 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में बुवाई हुई है.

कृषि मंत्रालय ने बताया है कि 20 जून तक देश में 13.22 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई हुई है और पिछले साल से इसमें लगभग 5 लाख हेक्टेयर का उछाल है. इसी तरह दलहन के रकबे में 2.80 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है. कुल मोटे अनाजों की बात करें तो इसमें 3.25 लाख हेक्टेयर का उछाल है. हालांकि छोटे मिलेट्स की बुवाई में थोड़ी गिरावट है. तिलहन की कुल बुवाई में मामूली गिरावट दर्ज की गई है. पिछले साल इसी अवधि में 5.49 लाख हेक्टेयर में तिलहन की बुवाई हुई थी जबकि इस साल अभी तक 5.38 लाख हेक्टेयर में ही तलहन की बुवाई हो पाई है. इस तरह 0.11 लाख हेक्टेयर की गिरावट है.

गन्ना और कपास की खेती में इजाफा

गन्ने की जहां तक बात है तो 20 जून तक इसमें 0.20 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है. जूट और मेस्टा में कुछ गिरावट है और इसका आंकड़ा माइनस 0.17 लाख हेक्टेयर है. यानी पिछले साल के मुकाबले अभी तक इसमें 0.17 लाख हेक्टेयर की कमी है. पिछले साल इसी अवधि में 5.62 लाख हेक्टेयर में जूट और मेस्टा की बुवाई हुई थी जबकि इस साल 20 जून तक बुवाई का आंकड़ा 5.46 लाख हेक्टेयर है. कपास की बुवाई में 2.14 लाख हेक्टेयर की तेजी दर्ज की गई है. पिछले साल इसी अवधि में 29.12 लाख हेक्टेयर में कपास की खेती हुई थी जबकि अभी तक 31.25 लाख हेक्टेयर में इसकी बुवाई हो चुकी है.

अरहर को छोड़ कर दलहन की बुवाई तेज

दलहन की बात करें लगभग सभी दालों के रकबे में तेजी है सिवाय अरहर के. अरहर की बुवाई में 0.13 लाख हेक्टेयर की गिरावट दर्ज की गई है जबकि उड़द में 0.77 लाख हेक्टेयर, मूंग में 1.77 लाख हेक्टेयर, कुल्थी में 0.01 लाख हेक्टेयर और मोथबीन में 0.11 लाख और अन्य दालों में 0.27 लाख हेक्टेयर की तेजी दर्ज की गई है. श्री अन्न यानी मोटे अनाज की बात करें तो इसमें 3.25 लाख हेक्टेयर का उछाल दर्ज किया गया है. हालांकि रागी में मामूली गिरावट है. मक्के की बुवाई में 2 फीसद की तेजी दर्ज की गई है.

मूंगफली और सोयाबीन भी आगे

कृषि मंत्रालय ने बताया है कि मूंगफली के रकबे में 0.13 लाख हेक्टेयर, सोयाबीन में 0.05 लाख हेक्टेयर की कमी है तो वहीं सूरजमुखी की बुवाई में 0.02 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है. तिल की खेती में भी मामूली तेजी दर्ज की गई है. अरंडी की बुवाई पिछले साल के मुकाबले थोड़ी गिरावट है. अन्य तिलहनों की बात करें तो उसमें किसी तरह की वृद्धि नहीं है. इस अवधि में जितनी खेती पिछले साल हुई थी, उतनी ही खेती इस साल भी हुई है.

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