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इस साल स‍िर्फ 21.26 लाख क‍िसानों ने ही एमएसपी पर बेचा गेहूं, जान‍िए क्या है वजह

इस साल स‍िर्फ 21.26 लाख क‍िसानों ने ही एमएसपी पर बेचा गेहूं, जान‍िए क्या है वजह

एमएसपी पर गेहूं बेचने वाले क‍िसानों की सबसे ज्यादा संख्या पंजाब में है. दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश और इस मामले में तीसरे पर हर‍ियाणा है. क‍िसानों को एमएसपी पर गेहूं बेचना नुकसान का सौदा लग रहा है. इसल‍िए वो या तो अपनी उपज व्यापार‍ियों को बेच रहे हैं या फ‍िर स्टोर करके रख रहे हैं. 

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क‍ितने क‍िसानों ने एमएसपी पर बेचा गेहूं (Photo-Kisan Tak).  क‍ितने क‍िसानों ने एमएसपी पर बेचा गेहूं (Photo-Kisan Tak).

रबी मार्केट‍िंग सीजन 2023-24 में गेहूं की सरकारी खरीद स‍िर्फ 261.91 लाख मीट्र‍िक टन पर स‍िमट गई है. जबक‍ि केंद्र सरकार ने बफर स्टॉक के ल‍िए 341.5 लाख मीट्र‍िक टन खरीद का लक्ष्य रखा था. खरीद कम होने की मुख्य वजह ओपन मार्केट में गेहूं का अच्छा दाम बताया जा रहा है. क‍िसानों को यह भी उम्मीद है क‍ि आगे चलकर भाव 3000 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल के पार जाएगा. ऐसे में क‍िसानों ने इस साल भी अब एमएसपी पर गेहूं बेचना बंद कर द‍िया है. वर्तमान खरीद सीजन में अब तक स‍िर्फ 21,26,615 क‍िसानों ने ही सरकार को गेहूं बेचा है. यह संख्या काफी कम है. 

पंजाब के सबसे ज्यादा 8,34,993 क‍िसानों ने गेहूं की एमएसपी का फायदा उठाया है. यहां देश में सबसे ज्यादा 121.17 लाख मीट्र‍िक टन गेहूं की खरीद हुई है. जबक‍ि 132 लाख मीट्र‍िक टन का टारगेट रखा गया था. मध्य प्रदेश इस मामले में दूसरे नंबर पर है. यहां इस साल अब तक 7,96,710 क‍िसानों ने सरकार को अपना गेहूं बेचा है. जबक‍ि, हर‍ियाणा में 4,10,237 क‍िसानों ने गेहूं की एमएसपी का फायदा उठाया. सरकार ने वर्तमान खरीद सीजन में 2125 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल के रेट पर गेहूं की खरीद की है. 

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तब 49 लाख लोगों ने बेचा था गेहूं

एमएसपी पर गेहूं बेचने वाले क‍िसानों की संख्या 2021-22 में सबसे अध‍िक थी. उस साल भारत के इत‍िहास में सबसे ज्यादा 433.44 लाख मीट्र‍िक टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी और बेचने वाले क‍िसानों की संख्या का भी र‍िकॉर्ड बना था. बेचने वालों की संख्या 49,19,891 तक पहुंच गई थी. उस साल ओपन मार्केट में गेहूं का दाम एमएसपी से कम था. हालांक‍ि, 2022-23 में हीट वेव की वजह से उत्पादन में कमी और रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से हुए ज्यादा एक्सपोर्ट ने गेहूं की सरकारी खरीद घटने का र‍िकॉर्ड बना द‍िया. गेहूं बेचने वालों की संख्या स‍िर्फ 17,83,192 रह गई थी. 

अन्य राज्यों का हाल

ब‍िहार में अब तक स‍िर्फ 238 क‍िसानों ने ही एमएसपी पर गेहूं बेचा है. जबक‍ि चंडीगढ़ में 898 क‍िसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार को गेहूं बेचा. ह‍िमाचल प्रदेश में अब तक स‍िर्फ 810 क‍िसानों ने एमएसपी का फायदा उठाया है. इसी तरह उत्तर प्रदेश में 46,834 और राजस्थान में 35,879 क‍िसानों ने इसका फायदा उठाया है. 

क‍ितना है गेहूं का दाम

केंद्रीय उपभोक्ता मामले व‍िभाग के प्राइस मॉन‍िटर‍िंग ड‍िवीजन के अनुसार 4 जून को देश में गेहूं का औसत भाव 2585.85 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा. चंडीगढ़ में 2650 और द‍िल्ली में इसका दाम 2550 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तक है. आगरा में 2400 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल का दाम है. अध‍िकांश शहरों में गेहूं का दाम एमएसपी से अध‍िक लगभग 2400 से 2500 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तक चल रहा है. जबक‍ि शरबती गेहूं का दाम 4000 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तक पहुंच गया है.  

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