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मक्का किसानों पर दोहरी मार, MSP से नीचे चल रहा मंडी भाव... विदेशों में भी घटी मांग

मक्का किसानों पर दोहरी मार, MSP से नीचे चल रहा मंडी भाव... विदेशों में भी घटी मांग

जानकार बताते हैं कि विश्व बाजारों में भारत के मक्के का दाम इसलिए गिरा है क्योंकि अमेरिका और अर्जेंटीना का मक्का बेहद सस्ते में बिक रहा है. इन दोनों देशों की उपज भारत के मक्के की तुलना में अच्छी क्वालिटी की मानी जाती है. लेकिन जब इन दोनों देशों का मक्का सस्ते में बिक रहा है, तो भारत की उपज कैसे अधिक दाम बटोर सकती है.

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मक्के का भाव एमएसपी से नीचे चल रहा है मक्के का भाव एमएसपी से नीचे चल रहा है

देश के मक्का किसान अभी दोहरी मार झेल रहे हैं. एक तरफ मक्के का बाजार भाव न्यनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम चल रहा है, तो दूसरी ओर विदेशों में भी इसकी मांग पहले से घटी है. मक्के के निर्यात में गिरावट तब है जब भारत में इसका दाम निचले स्तर पर चल रहा है. एक अप्रैल से लेकर अब तक मक्के का निर्यात भाव 15 फीसद तक गिर चुका है. इस तरह देश के किसान न तो घरेलू बाजार में मक्का बेचकर अच्छी कमाई कर रहे हैं और न ही निर्यात से उन्हें फायदा हो रहा है. इस साल मक्के की एमएसपी 1962 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है. मगर किसानों को इससे बहुत कम भाव मिल रहा है.

जानकार बताते हैं कि विश्व बाजारों में भारत के मक्के का दाम इसलिए गिरा है क्योंकि अमेरिका और अर्जेंटीना का मक्का बेहद सस्ते में बिक रहा है. इन दोनों देशों की उपज भारत के मक्के की तुलना में अच्छी क्वालिटी की मानी जाती है. लेकिन जब इन दोनों देशों का मक्का सस्ते में बिक रहा है, तो भारत की उपज कैसे अधिक दाम बटोर सकती है. कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक भारत के मक्के की मांग दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ देशों में देखी जा रही है. इसके अलावा अन्य देशों से कोई मांग नहीं आ रही है.

गहरे संकट में मक्का किसान

किसानों और मक्का व्यापारियों के सामने एक बड़ा सवाल ये है कि क्या मक्के के रेट में गिरावट यूं ही जारी रहेगी? इस बारे में दिल्ली के एक विशेषज्ञ 'बिजनेसलाइन' से कहते हैं, अभी भले मक्के का दाम गिरावट में हो, लेकिन आगे लगातार ऐसी स्थिति नहीं रहेगी. अल नीनो का असर जैसे सामने आएगा, वैसे ही कई देशों से भारत के मक्के की मांग बढ़ेगी. अल नीनो और सूखे के संकट से निपटने के लिए कई देश मोटा अनाजों का स्टॉक जमा करेंगे. ऐसी स्थिति में भारत के मक्के की मांग बढ़ेगी.

देश में इस तरह की स्टॉकिंग शुरू भी हो चुकी है. चूंकि मक्के का भाव एमएसपी से नीचे चल रहा है, इसलिए व्यापारी किसानों से खरीदी कर अपने पास जमा कर रहे हैं. अभी मक्के की कीमतें 1800 रुपये से भी कम चल रही है. इस कम भाव का फायदा मक्का व्यापारी अधिक उठा रहे हैं जबकि किसान कम दाम पर उपज बेचने के लिए मजबूर हैं. देश की अलग-अलग मंडियों में मक्के का औसत भाव देखें तो अभी यह 1715 रुपये प्रति क्विंटल पर चल रहा है जबकि पिछले साल इसी अवधि में मक्के का दाम 2123 रुपये था.

मक्के की MSP में गिरावट

मक्के की एमएसपी नीचे इसलिए चल रही है क्योंकि देश में इस बार अनुमान से अधिक उत्पादन हुआ है. कृषि मंत्री ने इस साल जून तक देश में मक्के का कुल उत्पादन 340 लाख टन से अधिक रहने का अनुमान जताया है. यह मक्के का रिकॉर्डतोड़ उत्पादन होगा क्योंकि पिछले साल लगभग 331 लाख टन मक्के की उपज हुई थी. उत्पादन बढ़ने से मंडियों में मक्के की आवक बढ़ी है. बाजार में भी मक्का ही मक्का दिखाई दे रहा है जिससे भाव में बड़ी गिरावट देखी जा रही है.