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राजस्थानः किसान तक से बोले कृषि विपणन मंत्री, मिलेट्स पर MSP के लिए केन्द्र को प्रस्ताव भेजेंगे

राजस्थानः किसान तक से बोले कृषि विपणन मंत्री, मिलेट्स पर MSP के लिए केन्द्र को प्रस्ताव भेजेंगे

राजस्थान के कृषि विपणन मंत्री मुरारी लाल मीणा से कहा है कि वे मोटे अनाजों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजेंगे. मीणा शनिवार को जयपुर के दुर्गापुरा स्थित कृषि अनुसंधान केन्द्र में मीडिया से मुखातिब हो रहे थे.

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जयपुर में 13 और 14 मार्च को आयोजित हो रहा है मिलेट्स कॉन्क्लेव. फोटो- माधव शर्मा जयपुर में 13 और 14 मार्च को आयोजित हो रहा है मिलेट्स कॉन्क्लेव. फोटो- माधव शर्मा

राजस्थान के कृषि विपणन मंत्री मुरारी लाल मीणा से कहा है कि वे मोटे अनाजों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजेंगे. मीणा शनिवार को जयपुर के दुर्गापुरा स्थित कृषि अनुसंधान केन्द्र में मीडिया से मुखातिब हो रहे थे. उन्होंने जयपुर स्थित राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान, दुर्गापुरा में 13 और 14 मार्च को होने वाले मिलेट्स कॉन्क्लेव के बारे में जानकारी दी. किसान तक के इस सवाल पर कि राजस्थान में पैदा होने वाले मोटे अनाजों में सिर्फ बाजरा और मक्का पर ही एमएसपी घोषित है. क्या राज्य सरकार केन्द्र को अन्य मिलेट अनाजों को एमएसपी के दायरे में लाने का प्रस्ताव भेजेगी? 

इसके जवाब में प्रदेश के कृषि विपणन मंत्री मुरारी लाल मीणा ने कहा कि सरकार मिलेट को प्रमोट करने के लिए कई काम कर रही है. हम बाजरा और मक्का के अलावा अन्य मोटे अनाजों को एमएसपी में लाने के लिए राज्य सरकार केन्द्र को जरूर बोलेंगे. 

13-14 मार्च को जयपुर में है मिलेट्स कॉन्क्लेव

बता दें कि जयपुर में इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के तहत दो दिन मिलेट्स कॉन्क्लेव आयोजित हो रहा है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मंत्री मुरारी लाल मीणा ने आयोजित होने वाले कॉन्क्लेव के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में देशभर से कृषि वैज्ञानिक, कृषि विश्वविद्यालय और किसान शामिल होंगे. राजस्थान में पैदा होने वाले मोटे अनाजों को किस तरह बाजार उपलब्ध कराया जाए और उसका फायदा किसानों को मिले. इस बारे में विमर्श किया जाएगा. 

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मिलेट्स में शामिल सिर्फ बाजरे पर ही एमएसपी

फिलहाल प्रदेश में बाजरा और मक्का पर ही न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित है. हालांकि मक्का मिलेट अन्जों में शामिल नहीं हैं. देश में बाजरा क्षेत्रफल में राजस्थान का हिस्सा 57.10 प्रतिशत है तथा उत्पादन में 41.71 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. इसी तरह देश में ज्वार के क्षेत्रफल एवं उत्पादन में राज्य का तीसरा स्थान है.

प्रदेश में बाजरे के अलावा ज्वार, रागी, कोदो, कूटकी और सावा जैसे मिलेट की खेती भी की जाती है. हालांकि यह काफी छोटे स्तर पर है, लेकिन अगर किसानों को इन फसलों के दाम अच्छे मिलें और बाजार मिले तो यह राजस्थान के किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा.

कॉन्क्लेव में 100 से अधिक स्टॉल लगेंगे

मिलेट्स कॉन्क्लेव में 110 स्टॉल्स लगेगें. जिनमें मिलेट्स स्टार्टअप, उत्पादक, कृषि व्यवसायी, एफ.पी.ओ., स्वयंसेवी संस्थाएं शामिल होंगी. कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार ने बताया कि मिलेट्स की खपत को बढ़ाने के लिए इसके स्वास्थ्यप्रद लाभों को प्रचारित करने व मिलेट्स के उत्पादों को लोकप्रिय बनाने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के अन्तर्गत पूरे राज्य में वर्षभर आयोजनों की कार्य योजना बनाई गई है.

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उन्होंने बताया कि मिलेट्स पोषण महत्व पर राज्य स्तरीय सेमिनार एवं एग्रो प्रोसेसिंग पर कॉनक्लेव आयोजित किये जा रहे हैं. इनमें मिलेट्स उत्पादक, कृषि व्यवसायी, स्टार्टअप, एफ.पी.ओ, स्वयंसेवी संस्था, कृषि वैज्ञानिक और अधिकारियों के मध्य संवाद के माध्यम से ठोस रणनीति बनाई जा रही है. 

प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि मिलेट्स की जिला स्तर पर जागरूकता के लिए सेमिनार ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम सभाओं का आयोजन, स्कूली बच्चों को मिलेट्स के महत्व की जानकारी के लिए स्कूलों में व्याख्यान आयोजित करवाये जा रहे हैं. 

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