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MSP पर शुरू नहीं हुई सरसों की सरकारी खरीद, विरोध में सड़कों पर उतरे किसान

MSP पर शुरू नहीं हुई सरसों की सरकारी खरीद, विरोध में सड़कों पर उतरे किसान

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में किसान सरसों की न्यूनमतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए आंदोलन कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार ने जारी तो कर दिया, लेकिन उस रेट पर अभी तक खरीद शुरू नहीं हो सकी है. यहां तक कि तारीखों का ऐलान भी नहीं हुआ है.

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किसान हनुमानगढ़ जंक्शन स्थित कृषि उपज मंडी समिति के सामने धरना दे रहे हैं. किसान हनुमानगढ़ जंक्शन स्थित कृषि उपज मंडी समिति के सामने धरना दे रहे हैं.

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में किसान सरसों की न्यूनमतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद के लिए आंदोलन कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन बाजार भाव 4700-4800 रुपये प्रति क्विंटल ही है. सरकार ने अभी तक सरसों की खरीद के लिए कोई तारीख तय नहीं की है. इसीलिए किसानों को प्रति क्विंटल 500-600 रुपये तक का नुकसान हो रहा है. सरसों की खरीद के लिए सभा के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया है. किसान संगठन का कहना है कि सरकार एमएसपी पर जल्द खरीद शुरू कराए वर्ना आंदोलन और तेज हो सकता है.

अखिल भारतीय किसान सभा के तहसील संयोजक ओम मक्कासर का कहना है कि किसान सरसों की सरकारी खरीद के लिए पिछले 10 दिन से मांग कर रहे हैं. बीते चार दिन से किसान हनुमानगढ़ जंक्शन स्थित कृषि उपज मंडी समिति के सामने धरना दे रहे हैं.

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ओम मक्कासर कहते हैं, “अब तक हमारी मांग नहीं सुनी गई है. किसानों की सरसों 10 दिन पहले ही कट चुकी हैं, लेकिन भाव नहीं मिलने से उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है. हनुमानगढ़ में सरसों का भाव फिलहाल 4800 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है जबकि सरसों की एमएसपी 5450 रुपये प्रति क्विंटल है. इस तरह किसानों को एक क्विंटल पर 600 रुपये तक का नुकसान हो रहा है. हमारी मांग है कि सरसों के साथ-साथ चना और जौ की खरीद भी एमएसपी पर शुरू की जाए.”

18 मार्च को किसानों की महापंचायत

एमएसपी पर सरसों, चना और जौ की खरीद नहीं होने के कारण हनुमानगढ़ की अखिल भारतीय किसान सभा ने 18 मार्च शनिवार को किसानों की महापंचायत बुलाई है. ओम कहते हैं, “महापंचायत में जिले भर से करीब एक हजार किसानों की आने की उम्मीद है.

किसानों के साथ-साथ सैंकड़ों की संख्या में मजदूर भी महापंचायत में शामिल होंगे. क्योंकि सही कीमत मिलने से मजदूरों का भी फायदा है. किसानों का कहना है कि अगर जल्द से जल्द सरसों, चना और जौ की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू नहीं की जाती तो आंदोलन तेज किया जाएगा.

गेहूं की खरीद प्रक्रिया काफी जटिल

राजस्थान सरकार ने 14 मार्च को गेहूं की एमएसपी पर खरीद के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. हालांकि इससे किसानों में रोष है. ओम बताते हैं, “गेहूं की सरकारी खरीद एक अप्रैल से शुरू की जा रही है. सरकार ने इस बार पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी है, लेकिन इसकी प्रक्रिया काफी जटिल है.

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जन आधार कार्ड, गिरदावरी की रिपोर्ट सहित बहुत से कागजात वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश हैं. पहली बात, गांवों में किसानों को इंटरनेट और वेबसाइट की ज्यादा जानकारी नहीं है. साथ ही ई-मित्र पर सर्वर डाउन रहता है. गांवों में भी नेटवर्क समस्या होती है. ऐसे में किसानों का बहुत सारा समय रजिस्ट्रेशन में ही चला जाएगा. इसीलिए हमारी सरकार से मांग है कि गेहूं की खरीद प्रक्रिया को थोड़ा आसान बनाया जाए.”

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