scorecardresearch
महाराष्ट्र के किसानों पर पड़ी आफत की बारिश, सैकड़ों एकड़ में संतरे की फसल बर्बाद

महाराष्ट्र के किसानों पर पड़ी आफत की बारिश, सैकड़ों एकड़ में संतरे की फसल बर्बाद

किसान गजानन मुरकुटे कहते हैं, इस साल बारिश होने से संतरे की फसल अच्छी आई थी. मगर फसल हाथ आने से पहले ही मौसम ने दगा दे दिया. वहीं हाल बाकी फसलों का भी है. हिंगोली में बुधवार की शाम से तेज आंधी के साथ बारिश हो रही है. रुक-रुक कर बारिश आती है. उसके कारण आम, केला, गेहूं, ज्वार, संतरा उत्पादक किसान परेशान हैं.

advertisement
हिंगोली में बारिश से संतरे की फसल बर्बाद हिंगोली में बारिश से संतरे की फसल बर्बाद

लगातार बदलते मौसम से महाराष्ट्र में संतरा की बागवानी करने वाले किसान परेशान हैं. कभी धूप तो कभी मौसम में आ रही नमी के कारण संतरे की फसल बर्बाद हो रही है. फल पेड़ पर ही काले पड़ रहे हैं. इससे किसानों में भारी परेशान है. अभी बागों से संतरा निकलने का वक्त है. जितना संतरा निकलेगा, उतनी कमाई बढ़ेगी. लेकिन जब संतरे की क्वालिटी ठीक नहीं होगी, तो बिक्री भी गिरे रेट पर होंगे. किसानों को इसी बात की चिंता सता रही है. अगर रेट सही नहीं मिले तो उनकी महीनों की मेहनत पर पानी फिर जाएगा. 

पहले हैरान करने वाली गर्मी और अब तेज आंधी और बारिश से मौसम खुशनुमा जरूर हुआ है. मगर लगातार बदलते मौसम सें संतरा की बागवानी करने वाले किसानों के चेहरे पर मायूसी छा रही है. लगातार बदलते मौसम से संतरे के फल पेड़ों की डाली पर खराब हो रहे हैं. जो फल बच गए वो आंधी और बारिश की मार से जमीन पर गिर रहे हैं. कुल मिलाकर संतरे की भारी बर्बादी महाराष्ट्र के कई इलाकों में देखी जा रही है.

ये भी पढ़ें: कपास उत्पादन में आई कमी, सीएआई ने 313 लाख गांठ होने का लगाया अनुमान

संतरा उत्पादक किसान विकास शिंदे कहते हैं, तेज आंधी और बारिश ने हमारे गांव में 50 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में संतरे की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है. आज हालत ये है कि सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन के मामले में व्यस्त हैं, यहां तक कि कर्मचारी आंदोलन में लगे हुए हैं. उनके पास किसानों के खेत में पंचनामे करने के लिए समय नहीं है. संतरे की फसल बर्बाद होने के बावजूद अब तक कोई भी कर्मचारी किसानों के पास नहीं आया. शिंदे कहते हैं कि सरकार फसलों का पंचनामा कराए और किसानों को तुरंत राहत दे.

orange farming

किसान गजानन मुरकुटे कहते हैं, इस साल बारिश होने से संतरे की फसल अच्छी आई थी. मगर फसल हाथ आने से पहले ही मौसम ने दगा दे दिया. वहीं हाल बाकी फसलों का भी है. हिंगोली में बुधवार की शाम से तेज आंधी के साथ बारिश हो रही है. रुक-रुक कर बारिश आती है. उसके कारण आम, केला, गेहूं, ज्वार, संतरा उत्पादक किसान परेशान हैं. इस साल सामान्य दिनों में अब तक दो बार मौसम ने करवट ली है. महाराष्ट्र में इन दिनों किसान गेहूं, चना और संतरे के फसल की कटाई की शुरुआत करते हैं, तो वहीं आम, पपीता के फलन के दिन चल रहे हैं. ऐसे में ये दिन किसानों के लिए बड़े महत्वपूर्ण होते हैं.

ये भी पढ़ें: किसानों से 70 लाख टन गेहूं खरीदेगी मध्यप्रदेश सरकार, 25 मार्च से शुरू होगी खरीद

गेहूं उगाने वाले किसान कृष्णाजी मालहिवरेकर कहते हैं, कुदरत के आगे किसकी चली है. इस साल हो रही बेमौसम बारिश और आंधी ने किसानों का जीना दुभर किया है. कुदरत की मार से हार कर महाराष्ट्र के अन्नदाता किसान सरकार से मांग कर रहे हैं कि तुरंत फसलों के पंचनामे करा कर मदद दिलाएं. सरकार जितनी जल्दी राहत दिलाए, किसानों के हित में ये उतनी अच्छी बात होगी.

orange cultivation

संतरा की बागवानी करने वाले किसान विकास कहना है कि उनकी 50 एकड़ में फसल बर्बाद हो गई है. एक और किसान ने बताया कि यह दिन हमारी फसल कटाई करने का होता है. मगर पिछले कुछ दिनों सें लगातार मौसम में बदलाव आ रहा है जिससे हाथ आई फसल भी निकल जा रही है. ऐसी शिकायत कई किसानों की है और वे सरकार से मदद की मांग कर रहे हैं. इससे पहले महाराष्ट्र के प्याज किसानों को दाम गिरने की समस्या से जूझना पड़ा और अंत में सरकार को 300 रुपये प्रति क्विंटल सब्सिडी देने का ऐलान किया.(रिपोर्ट/ज्ञानेश्वर उंडाल)