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Good News: मौसम की मार... फ‍िर भी बिहार के किसानों ने कर द‍िया ये कमाल

Good News: मौसम की मार... फ‍िर भी बिहार के किसानों ने कर द‍िया ये कमाल

मौसम की मार होने के बावजूद भी बिहार में गेहूं, धान समेत अन्य खाद्यान्न की अच्छी पैदावार की उम्मीद जताई जा रही है. ब‍िहार के अर्थ और सांख्यिकी निदेशालय की ओर से जारी तीसरी पूर्वानुमान रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022-23 के दौरान फसलों का उत्पादन पिछले वर्ष के बराबर पहुंच गया है.

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मौसम की मार के बावजूद भी बिहार के किसानों ने किया कमाल मौसम की मार के बावजूद भी बिहार के किसानों ने किया कमाल

देश में बीते वर्ष मौसम में उतार-चढ़ाव रहा है. खरीफ सीजन में जहां बार‍िश कम होने की वजह से ब‍ि‍हार समेत कई राज्यों में सूखे के हालात बने तो वहीं बीते रबी सीजन में गर्मी और बार‍िश ने क‍िसानों की परेशान‍ियां बढ़ाई, लेक‍िन मौसम की इन मार के बाद भी ब‍िहार के क‍िसानों ने कमाल क‍िया है, ज‍िसके तहत बिहार में गेहूं, धान समेत अन्य खाद्यान्न की अच्छी पैदावार की उम्मीद जताई जा रही है. ब‍िहार के अर्थ और सांख्यिकी निदेशालय की ओर से जारी तीसरी पूर्वानुमान रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022-23 के दौरान फसलों का उत्पादन पिछले वर्ष के बराबर पहुंच गया है.

रिपोर्ट के अनुसार बीते कृष‍ि सीजन में खाद्यान्न का उत्पादन 180 लाख मीट्रिक टन के करीब होगा, जो पिछले वर्ष यानी वर्ष 2021-22 में कुल खाद्यान्न का उत्पादन 184 लाख मीट्रिक टन था. वहीं अंतिम रिपोर्ट आनी अभी बाकी है. साथ ही कृषि विशेषज्ञों को उम्मीद है कि अंतिम रिपोर्ट आने पर उत्पादन का आंकड़ा और बढ़ेगा.

गेहूं की 64 लाख मीट्र‍िक टन पैदावार 

सांख्यिकी निदेशालय की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 22 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की खेती हुई थी. इसमें करीब 64 लाख मीट्रिक टन पैदावार हुई गेहूं की उत्पादकता प्रति हेक्टेयर 29 क्विंटल रहने का अनुमान है. हालांकि, अभी गेहूं की फसल कटने के बाद की रिपोर्ट आना अभी बाकी है. वहीं कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अंतिम रिपोर्ट में इसे शामिल किया जाएगा. साथ ही  विशेषज्ञों का दावा है कि आंकड़ों में गिरावट का न होना जलवायु अनुकूल खेती और उन्नत तकनीक के साथ किसानों की मेहनत का रंग है

वहीं, धान की खेती 29 लाख हेक्टेयर में हुई. इससे करीब 77 लाख मीट्रिक टन पैदावार होने की उम्मीद है. वहीं धान की उत्पादकता 26 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहने का अनुमान है. मक्का 56 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और दलहन में मसूर की पैदावार आठ क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहने की उम्मीद है.

मोटे अनाज का उत्पादन भी हुआ अच्छा

राज्य में मक्का और दलहन का उत्पादन भी अच्छा रहा. रिपोर्ट के अनुसार छह लाख 57 हजार हेक्टेयर में मक्के की खेती हुई, जिसमें कुल उत्पादन 36 लाख 42 हजार मीट्रिक टन रहा. वहीं उत्पादकता 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रही अन्य मोटे अनाज को देखें तो ज्वार और महुआ 10-10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, बाजरा 11 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहा. पिछले वर्ष यानी वर्ष 2021-22 में भी उत्पादन इसी के आसपास रहा था.

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4.42 लाख हेक्टेयर रहा दलहनी फसलों का रकबा

राज्य में दलहन और तिलहन फसलों की भी खूब पैदावार का अनुमान लगाया जा रहा है. रबी और खरीफ मिलाकर दलहनी फसलों का कुल रकबा 4 लाख 42 हजार हेक्टेयर रहा, वहीं उत्पादन 3 लाख 63 मीट्रिक टन हुआ उत्पादकता 8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहा. वहीं तिलहन को देखें तो 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर में खेती हुई. इसमें 1 लाख 36 हजार मीट्रिक टन उत्पादन हुआ उत्पादकता 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहा.  

रबी और खरीफ दोनों सीजन पर पड़ी मौसम की मार

इस वर्ष खरीफ और रबी दोनों फसलों पर मौसम की मार पड़ी है. खरीफ मौसम में राज्य के दस जिले ज्यादा प्रभावित रहे. वहीं रबी मौसम में भी आंधी बारिश के साथ ओलावृष्टि के चलते सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण, रोहतास और मुजफ्फरपुर सहित छह जिलों में फसलों की बर्बादी हुई. दरअसल दो महीने पहले मार्च में आई आंधी- बारिश लगभग 54,000 हेक्टेयर में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा था. बावजूद इसके जलवायु अनुकूल खेती और तकनीकी का उपयोग के साथ किसानों की मेहनत रंग लाई है. खाद्यान्न का उत्पादन पिछले साल के लगभग बराबर ही पहुंच गया है.

वहीं तीसरी पूर्वानुमान रिपोर्ट को देखें तो फसलें प्रभावित नहीं होती तो रिकॉर्ड उत्पादन होता. अर्थ और सांख्यिकी निदेशालय की ओर से कृषि वर्ष के तहत पहली जुलाई से 30 जून तक आंकड़ा इकट्ठा किया जाता है.