स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जोड़ा जा रहा है (Image-Kisan Tak)महिलाएं भी दुग्ध उत्पादन कर अब आत्मनिर्भर बन रही हैं. योगी सरकार की छोटी सी पहल पर बुंदेलखंड के 'बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी' से जुड़ी 20 हजार से अधिक महिलाएं अब लखपति दीदी बन चुकी हैं.दरअसल, योगी सरकार के द्वारा आजीविका मिशन अंतर्गत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को विभिन्न प्रकार की कृषि एवं गैर-कृषि आधारित आजीविका से जोड़ते हुए उन्हें लखपति महिला बनाने हेतु युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है, एवं विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जोड़ा जा रहा है, ताकि वे सालाना कम से कम एक लाख या उससे अधिक की आय अर्जित कर सकें.
इसी कड़ी में बुंदेलखंड में संचालित बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी ने महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का काम किया है. बलिनी आधी आबादी के स्वावलंबन की मिशाल बन गयी है. कंपनी दुग्ध उत्पादकों से दुग्ध एकत्र करने के बाद उसे संरक्षित कर बेचती हैं. महिलाओं की इस साहसिक पहल ने उनकी आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है. ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत चलाई जा रही कंपनी सदस्यों को पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था, कृत्रिम गर्भाधान, गुणवत्तायुक्त पशु आहार आदि सुविधाएं भी मुहैया करा रही है.
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की स्थापना 2019 में झांसी में की गयी थी. कंपनी का उद्देश्य सदस्य उत्पादकों को विशेष रूप से महिलाओं के हितों की रक्षा करना है. दूध उत्पादकता बढ़ाने के लिए पारदर्शी तरीका, समय पर भुगतान, क्षमता निर्माण, एवं पशुधन सहायता सेवा में प्रदान करने के अपने इन उद्देश्यों को पूरा करने में बलिनी आज बड़ा नाम बन चुकी है. बलिनी में अपने संग्रह से भण्डारण तक की प्रक्रिया में बिचौलियों को दूर रखा गया है, इससे सीधे किसानों को भी लाभ मिल रहा है.
बुंदेलखंड क्षेत्र के अन्तर्गत सातों जनपदों के 1351 ग्रामों से 90 हजार महिलाओं द्वारा प्रतिदिन 2.72 लाख लीटर दूध का संग्रह किया जा रहा है.अभी तक रू 2 हजार करोड़ का कारोबार करते हुए रू1677 करोड़ का भुगतान पूर्ण करते हुए रू31 करोड़ का लाभ अर्जित किया गया है. कंपनी में लगभग 20,000 महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं.
बता दें कि बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की शेयरहोल्डर महिलाओं को भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में मिलता है. मिल्क चिलिंग सेंटर में दूध जमा करने पर उन्हें एक पर्ची मिलती है. हर दस दिन के बाद पर्ची पर दर्ज दूध और कीमत के विवरण के अनुसार भुगतान किया जाता है. दूध की कीमत बाजार में प्रचलित मूल्य के बराबर होता है. भुगतान के लिए हर माह की 3, 13 और 23 तारीख निर्धारित है. सदस्य महिलाओं को कंपनी के लाभ का अंश भी मिल रहा है.
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