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आंध्र प्रदेश की तर्ज पर यूपी में अब भी पशुओं को घर पर ही म‍िलेगा इलाज

आंध्र प्रदेश की तर्ज पर यूपी में अब भी पशुओं को घर पर ही म‍िलेगा इलाज

आंध्र प्रदेश के बाद अब यूपी के मवेश‍ियों को भी घर पर ही इलाज की सुव‍िधा म‍िलेगी. यूपी के पशुपालकों के एक कॉल पर उनकी गाय, भैंस, बकरी, घर के पालतू कुत्ते, बिल्ली और मुर्गियों समेत सभी पालतू पशुओं के इलाज के ल‍िए डॉक्टर अब घर पर पहुंचेंगे.

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पशुओं का इलाज करने अब घर पहुंचेंगे डॉक्टर पशुओं का इलाज करने अब घर पहुंचेंगे डॉक्टर

आंध्र प्रदेश के बाद अब यूपी के मवेश‍ियों को भी घर पर ही इलाज की सुव‍िधा म‍िलेगी. पशुपालकों को राहत प्रदान करने के मकसद से केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने यूपी में "पशु उपचार पशुपालकों के द्वार" योजना को लागू कर द‍िया है. बता दें कि इस योजना की शुरुआत देश में सबसे पहले आंध्र सरकार ने मई 2022 में 'डॉ. वाईएसआर संचार पासु आरोग्य सेवा' योजना के नाम से की थी. राज्य सरकार ने योजना के पहले चरण में 175 एंबुलेंस पर कुल 143 करोड़ रुपये खर्च किए थे. अब आंध्र प्रदेश में इस योजना की सफलता के बाद, यूपी सरकार ने भी ट्रायल के तौर पर शुरू कर की है. इस योजना के शुरू हो जाने के बाद अब सूबे के पशुपालकों को पशुओं के उपचार के लिए नजदीकी क्लीनिक पर नहीं जाना पड़ेगा बल्कि उनके घर पर ही उपचार की सुविधा मिलेगी.

इटावा को मि‍ली 5 वेटरनरी मोबाइल वैन 

वहीं इस योजना के अंतर्गत यूपी के इटावा जनपद में 5 मोबाइल वेटरनरी वैन प्रदान की गईंं हैं. इटावा में लगभग 5 लाख 32 हजार पालतू पशु हैं. प्रत्येक वैन में एक डॉक्टर के साथ में दवाइयां और सुविधाएं उपलब्ध हैं. इटावा के विकास भवन से मुख्य विकास अधिकारी और भारतीय जनता पार्टी सदर विधायक ने रव‍िवार को हरी झंडी दिखाकर मोबाइल वेटनरी वैन को रवाना किया.

1962 नंबर पर करना होगा कॉल

इस सुविधा का लाभ लेने के लिए पशुपालकों को ऑनलाइन 1962 नंबर पर कॉल करना पड़ेगा जिस पर वह अपने पशु की बीमारी के बारे में बताएंगे, तभी तत्काल कुछ ही मिनटों के अंदर स्थानीय मोबाइल वेटरनरी वैन डॉक्टर सहित घर पर पहुंच जाएगी. मतलब पशुपालक 1962 नंबर पर मोबाइल से कॉल करेंगे तो कंट्रोल रूम से पशुपालक के घर के पते पर डॉक्टर सहित वैन पहुंचेगी और इलाज करेगी. 

इलाज के लिए पहुंचे डॉक्टर को गाय, भैंस का 5 रुपए और पालतू कुत्ता, बिल्ली के लिए 10 रुपए का पंजीकरण शुल्क देना होगा. उपचार पूरी तरह से निशुल्क होगा और डॉक्टर के द्वारा दी जा रही दवाइयां भी निशुल्क होंगी. इस योजना में सभी पालतू जानवरों को शामिल किया गया है, जिनके लिए यह सुविधा का लाभ लिया जा सकता है.

इटावा के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ एनके गुप्ता ने बताया कि सभी पालतू जानवरों के लिए यह सुविधा सरकार ने शुरू की है, जिसमें 5 रुपए और 10 रुपए पंजीकरण शुल्क देकर पशुपालकों को अपने घर पर ही पशु चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध होगी. इटावा में 5 लाख 32 हजार पालतू पशु हैं, एक लाख पालतू पशुओं पर एक वेटनरी वैन प्रदान की गई है, इसके अनुसार पांच मोबाइल वेटरनरी वैन चिकित्सा के लिए रवाना की गई हैं.