Fish Farming: मछली पालन कर रहे हैं तो धूप-पानी से जुड़े ये तीन काम जरूर करें, जानें डिटेल 

Fish Farming: मछली पालन कर रहे हैं तो धूप-पानी से जुड़े ये तीन काम जरूर करें, जानें डिटेल 

फिशरीज एक्सपर्ट का कहना है कि सबसे बेहतर तालाब में मछली पालन माना गया है. कम खर्च में ज्यादा मछलियां पल जाती हैं. तालाब में मछलियों की देखभाल भी अच्छी तरह से हो जाती है. और अगर देखभाल सही तरीके से की जाए तो मछलियों में बीमारी भी कम होती है. 

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Fish Farming: मछली पालन कर रहे हैं तो धूप-पानी से जुड़े ये तीन काम जरूर करें, जानें डिटेल झींगा तालाब का प्रतीकात्मक फोटो.

मछली पालन में पानी और धूप का बहुत खास संबंध है. अगर मछलियों के तालाब में पानी की हैल्थ अच्छी नहीं है तो न मछलियों की ग्रोथ होगी और न ही वो हेल्दी रहेंगी. ठीक इसी तरह से तालाब के पानी को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए जरूरी है कि पानी पर सूरज की सीधी धूप पड़े. क्योंकि तालाब के पानी पर पड़ने वाली सूरज की सीधी धूप एक खास तरह के प्रदूषण को पनपने नहीं देती है. इसलिए कहा जाता है कि मछली पालन का मुनाफा इस पर निर्भर करता है कि तालाब के पानी को साफ रखने के लिए कितने उपाय अपनाए जा रहे हैं. 

क्योंकि पानी की तरफ से की गई जरा से भी अनदेखी मछली पालक को बड़ा नुकसान पहुंचाती है. प्रदूषित पानी से मछली में कई तरह की बीमारी हो जाती हैं. पानी में कई ऐसे जीव-जन्तु  पैदा हो जाते हैं जो मछलियों को नुकसान पहुंचाते हैं. पानी में प्रदूषण बढ़ने से ऑक्सीजन की कमी भी होने लगती है. मछलियों का उत्पादन बहुत हद तक मौसम पर निर्भर करता है. अलग अलग मौसम में अलग अलग तरह तालाब के पानी की देखभाल करनी होती है.

तालाब पर सूरज की सीधी धूप का ये है फायदा  

मछली एक्सपर्ट अजय राज का कहना है कि मछली पालन के लिए तैयार किए गए टैंक या तालाब खुले में ऐसी जगह होने चाहिए जहां सूरज की सीधी धूप पड़ती हो. ऐसा होने से पानी में सीप और घोंघे आदि जीव-जन्तु नहीं पनपते हैं. बरसात के दौरान मछलियों को मांसाहारी जीव-जन्तु से बचाने के लिए तालाब में जाल का इस्तेमाल करें. एक्सपर्ट की सलाह पर पानी में दवा का छिड़काव करते रहें. 

पानी गंदा होने से कम हो जाता है ऑक्सीजन लेवल

बरसात के दौरान पानी में प्रदूषण होने लगता है. यही वजह है कि मॉनसून के दौरान तालाब के पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम होना एक सामान्य बात है. लेकिन और दूसरे मौसम में भी पानी में प्रदूषण बढ़ता है तो पानी में आक्सीजन कम होने से मछली पालक को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है. ऑक्सीजन की कमी के चलते मछलियां मरने लगती हैं. इसलिए समय-समय पर उपकरण की मदद से पानी का ऑक्सीजन और पीएच लेवल जांच लेना चाहिए. अगर ऑक्सीजन की कमी ज्यादा है तो मशीनों की मदद से ऑक्सीजन पानी में छोड़ी जानी चाहिए.  

सर्दी ही नहीं गर्मी में भी जरूरी है पानी की देखभाल  

फिशरीज एक्सपर्ट का कहना है कि गर्मी और सर्दी में तालाब और टैंक के पानी का खासतौर पर ख्याल रखा जाता है. अगर गर्मी है तो तालाब और टैंक के पानी को ज्यादा गर्म न होने दें. सुबह-शाम मोटर चलाकर ताजा पानी मिलाकर तालाब के पानी को सामान्य कर दें. इसी तरह से सर्दियों में ताजा पानी चलाकर उसकी ठंडक को कम कर दें. इसके लिए तालाब के पास पानी की बड़ी मोटर का इंतजाम करके रखें.

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