Animal Farming: क्या आसान और सस्ता है, गाय-भैंस पालना या फिर बकरी पालन, जानें यहां 

Animal Farming: क्या आसान और सस्ता है, गाय-भैंस पालना या फिर बकरी पालन, जानें यहां 

Animal Farming for Product किसी भी दूसरे पशु और पक्षिायों के मुकाबले बकरी पालन करना आसान है. ये ऐसे युवाओं की मदद करता है जिनके पास कम पैसे और जगह है. नेशनल लाइव स्टॉक मिशन (एनएलएम) योजना के आंकड़े बताते हैं कि पशुपालन लोन के लिए आने वाले आवेदन में भी 80 फीसद बकरी पालन के लिए होते हैं. सरकारी बकरी पालन ट्रेनिंग सेंटर में भी 8वीं पास से लेकर पीएचडी रिसर्च स्कॉलर तक आ रहे हैं.

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Animal Farming: क्या आसान और सस्ता है, गाय-भैंस पालना या फिर बकरी पालन, जानें यहां 

Animal Farming for Product केन्द्र सरकार नेशनल लाइव स्टॉक मिशन (एनएलएम) योजना चला रही है. इस योजना के तहत पशु पालन, चारा, पोल्ट्री पालन, रिसर्च आदि के लिए सब्सिलडी दी जाती है. मतलब अगर आप गाय-भैंस पालना चाहते हैं कि उस पर लोन मिलेगा और सरकार 50 फीसद की सब्सिीडी देगी. बकरी पालन कर दूध-मीट का कारोबार करना चाहते हैं तो उसके लिए भी योजना के तहत आप पैसा ले सकते हैं. लेकिन कई बार आवेदन करने से पहले लोग ये सोचते हैं कि किसका पालन करें, गाय-भैंस या फिर बकरी. दूध उत्पादन के लिए पशु पालें या फिर दूध-मीट दोनों के लिए. 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस योजना के आंकड़े बताते हैं कि सबसे ज्यादा लोग बकरी पालन के लिए आवेदन कर रहे हैं. एनिमल एक्सपर्ट बताते हैं कि गाय-भैं के मुकाबले बकरी पालन करना सस्ता और आसान है. कम से कम जगह और लागत में बकरी पालन की शुरुआत की जा सकती है. बकरी पालन में मुनाफा भी खूब होता है. अगर बाजार की बात करें तो बकरे के मीट के साथ ही बकरी के दूध की डिमांड भी खूब बढ़ रही है. 

क्यों सस्ता और आसान है बकरी पालन 

  • चारे का इंतजाम करने में परेशानी नहीं होती. बकरियां गाय-भैंस के मुकाबले 20 चारा खाती हैं.  
  • बकरी और इंसानों की खुराक में कोई समानता नहीं है इसलिए लागत कम आती है. जैसे पोल्ट्री फीड में शामिल मक्का-सोयाबीन इंसान भी खाते हैं.  
  • सबसे ज्यादा मुनाफा बकरी के बच्चों से होता है. बकरी एक बार में दो से चार तकब बच्चे देती है. 
  • बकरी शरीर से एक मजबूत पशु है, दूसरे पशुओं के मुकाबले कम बीमारी लगती हैं, जिससे लागत कम हो जाती है. 
  • बकरी का दूध आसानी से पचने और मेडिशन वैल्यू वाला होता है. 
  • बकरी के दूध से आने वाली अजीब से गंध को भी कंट्रोल कर लिया गया है. 
  • बकरी के दूध में अमीनो एसिड जैसे हिस्टिडीन, एस्पार्टिक एसिड, फेनिलएलनिन और थ्रेओनीन होते हैं. वहीं खनिज जैसे सोडियम, आयरन, कॉपर, विटामिन जैसे विटामिन ए, निकोटिनिक एसिड और कोलीन भरपूर मात्रा में होते हैं.
  • बकरी की खाल उच्च गुणवत्ता वाली होती है, जैसे ब्लैक बंगाल बकरी की खाल दुनिया में सबसे अच्छी गुणवत्ता वाली मानी जाती है. 
  • बकरे का मीट बहुत स्वादिष्ट, पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होता है.
  • पहाड़ी इलाकों में पलने वाली बकरी के बाल जैसे पश्मीना और मोहायर की कीमत बहुत ज्यादा है.  
  • बकरी के मल-मूत्र में एनपीके की मात्रा ज्यादा होती है, इसका इस्तेमाल खेत में मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए किया जाता है.
  • बकरियों को रखने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती है. कम जगह में और दूसरे पशुओं के साथ आराम से रह लेती हैं. 
  • जमीन पर जगह कम हो तो अच्छी ग्रोथ के साथ बकरियों को छत पर भी पाला जा सकता है.
  • जरूरी नहीं है कि बकरियों को खुले में चराने के लिए ले जाया जाए. 
  • बकरियों की ज्यादातर नस्ल अब स्टॉल फीड पर ही पल जाती हैं.
  • पालने के लिए  बकरियां आसानी से मिल जाती हैं. गाय-भैंस के मुकाबले सस्ती भी होती हैं. 
  • बकरियों की 39 नस्ल हैं जो हर तरह के मौसम में पल जाती हैं. 
  • दूध-मीट और ब्रीडिंग के लिए बकरियां पालकर मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है. 

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