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Tuna Fish: 10 लाख रुपये किलो है इस मछली की कीमत, फिर भी दुनिया भर में है डिमांड, जानें वजह  

Tuna Fish: 10 लाख रुपये किलो है इस मछली की कीमत, फिर भी दुनिया भर में है डिमांड, जानें वजह  

फिशरीज एक्सपर्ट का कहना है कि ब्ल्यूफिन टूना मछली अपने साइज, वजन और रेट के चलते हमेशा चर्चाओं में रहती है. साइज की बात करें तो एक फुट से लेकर 15 फुट तक के साइज में पाई जाती है. 218 किलो वजन तक की ब्ल्यूफिन टूना नीलाम हो चुकी है. 250 किलो तक इसका वजन पहुंच जाता है. और रेट के मामले में भी जैसे उपलब्ध हो उसी हिसाब से तय होते हैं. 

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गहरे समुंद्र में घूमती टूना मछली. फोटो क्रेडिट-आईओटीसी  गहरे समुंद्र में घूमती टूना मछली. फोटो क्रेडिट-आईओटीसी

ये एक ऐसी मछली है जिसके लिए मछुआरे से लेकर खाने वाले तक उतावले रहते हैं. छोटी सी नाव वाला मछुआरा हो या फिर मोटर बोट वाला, हर किसी की चाहत होती है कि रोज नहीं तो कम से कम जिंदगी में एक बार तो लाखों की कीमत वाली ये खास मछली जाल में फंस जाए. कुछ ऐसा ही हाल खाने वालों का भी है. कीमत कुछ भी देनी पड़े, लेकिन खाने की प्लेट में अटलांटिक ब्लूफिन टूना मछली आ जाए. हालांकि ज्यादातर देशों ने ब्ल्यूफिन टूना को पकड़ने और उसे मारने पर बैन लगाया हुआ है, बावजूद इसके पकड़ने वाले और खाने वाले दोनों ही टूना की तलाश में रहते हैं. 

ब्ल्यूफिन टूना मछली की संख्या बढ़ाने और इसे बचाने के लिए हिंद महासागर टूना आयोग (IOTC) बना हुआ है. फिशरीज एक्सपर्ट की मानें तो टूना मछली की और भी दूसरी प्रजाति हैं जिन्हें पकड़ा भी जाता है और खाया भी जाता है. हालांकि वो इतनी महंगी नहीं हैं जितनी ब्ल्यूफिन टूना. साल 2018 में आखि‍री बार 250 किलो वजन वाली ब्ल्यूफिन टूना की नीलामी 26 करोड़ रुपये में हुई थी. 

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भारत के गहरे समुद्र में है 1.79 लाख टन टूना 

हाल ही में देश में दो बड़े कार्यक्रम हुए थे. पहला मुम्बई में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय और आईओटीसी ने मिलकर किया था. दूसरा अहमदाबाद, गुजरात में इंटरनेशनल फिशरीज कॉन्क्लेव के नाम से हुआ था. जहां विदेशों से आए फिशरीज एक्सपर्ट ने टूना के बारे में चर्चा की थी. ऐसे ही एक एक्सपर्ट और वर्ल्ड बैंक के सलाहकार डॉ. आर्थर नीलैंड ने बताया कि भारत के स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) में टूना मछली की भरमार है. भारतीय सीमा के गहरे समुद्र में करीब 1.79 लाख टन टूना मछली हैं. खासतौर पर दो तरह येलोफिन और स्किपजैक टूना हैं. लेकिन इतनी बड़ी मात्रा होने के बाद भी सिर्फ 25 हजार टन ही टूना मछली हर साल पकड़ी जा रही हैं.

टूना पकड़ने के लिए नहीं हैं जरूरी संसाधन

डिप्टी डॉयरेक्टर जनरल (DDG) फिशरीज जेके जैना ने किसान तक को बताया कि मालदीव की टूना आठ डॉलर के हिसाब से बिकती है. जबकि भारतीय टूना को कोई पूछने वाला नहीं होता है. क्यों‍कि गहरे समुद्र से टूना पकड़कर लौटने में छह से सात दिन तक लग जाते हैं. ऐसे में टूना मछली खराब होने लगती है. अगर फिशिंग बोट में ही कोल्ड स्टोरेज की सुविधा हो तो भारतीय टूना के भी अच्छे दाम मिल सकते हैं. येलोफिन और स्किपजैक टूना मछली की बात करें तो घरेलू बाजार में 150 से 400-500 रुपये किलो तक मिल जाती है. 

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ये हैं टूना मछली खाने के फायदे 

टूना के एक्सपर्ट बताते हैं कि टूना मछली खाने के बहुत फायदे हैं. हड्डियों के हिसाब से बात करें तो टूना में कैल्शियम, विटामिन-डी और मैग्नीशियम बहुत अच्छी मात्रा में पाया जाता है. टूना में ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा भी खूब होती है जो हॉर्ट को भी मजबूत करता है. आंखों को हेल्दी रखने और वजन घटाने के लिए भी टूना मछली खाई जाती है.