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जाफराबादी भैंस एक ब्यांत में देती 3000 लीटर दूध, पाक‍िस्तान में भी करते हैं पसंद

जाफराबादी भैंस एक ब्यांत में देती 3000 लीटर दूध, पाक‍िस्तान में भी करते हैं पसंद

जाफराबादी भैंस पाल कर पशुपालक डेयरी के व्यवसाय में अधिक कमाई कर सकते हैं. इस नस्ल की भैंस औसतन हर रोज 15 से 16 लीटर तक दूध दे सकती हैं.

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जाफराबादी भैंस  हर रोज 15 से 16 लीटर तक दूध दे सकती हैं जाफराबादी भैंस हर रोज 15 से 16 लीटर तक दूध दे सकती हैं

डेयरी व्यवसाय देश में तेजी से फैल रहा है. ग्रामीण क्षेत्र के लोग दूध के लिए भैंस, गाय का पालन बड़े स्तर पर कर रहे हैं. वहीं दूध का अधिक मूल्य मिलने के मामले में भैंस पालन (buffalo rearing) को क‍ि‍सान ज्यादा अच्छा मानते हैं. अगर आप भी भैंस पालन करना चाहते है और अपनी आय को दोगुना करना चाहते हैं. तो ये जानकारी आपके ल‍िए है. हम आपको एक ऐसे ही दुधारू भैंस की नस्ल के बारे में बताने जा रहे है, ज‍िसे डेयरी व्यवसाय के लिए चुना जा सकता है. हम बात कर रहे हैं जाफराबादी नस्ल (Jafarabadi buffalo) भैंस के बारे में.आइए जानते हैं क‍ि जाफराबादी नस्ल की भैंस की क्या व‍िशेषता है.   

एक ब्यांत में 3000 लीटर देती है दूध

पटना पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सक डॉ दुष्यंत कुमार यादव कहते हैं कि जाफराबादी भैंस औसत दूध उत्पादन 3000 लीटर है. मतलब ये भैंस एक ब्यांत में 3000 लीटर दूध देती है. वहीं इस नस्ल में अन्य भैंसों की तुलना में अधिक वसा की मात्रा होती है.

जाफराबादी नस्ल के भैंस का पालन करने वाले किसान अभिषेक कुमार कहते हैं कि इस भैंस का दूध 60 से 65 रुपए लीटर तक ब‍िकता है. इसके साथ ही इसका रखरखाव गाय की तुलना में कम होता है. वहीं जाफराबादी नस्ल की भैंस का रोज का भोजन 15 से 16 किलो के आसपास है. 

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पाक‍िस्तानी की भी पसंद जाफराबादी भैंस 

जाफराबादी भैंस के नस्ल से जुड़ी जानकारी देते हुए पटना पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सक डॉ दुष्यंत कुमार यादव 'किसान तक' को बताते हैं कि जाफराबादी भैंस गुजरात के भावनगर, जूनागढ़, अमरेली और पोरबंदर में बड़ी संख्या में पाली जाती है.वहीं बिहार में भी इसका पालन किया जा सकता है. ऐसा अनुमान है कि दुनिया में लगभग 25,000 जाफराबादी भैंस हैं. यह भारत और पाकिस्तान की महत्वपूर्ण भैंस नस्लों में से एक है. इस भैंस के शरीर का औसतन वजन 750 से 1000 किलो तक होता है. हर दिन 15 से 16 लीटर तक  दूध दे सकती है. एक ब्यांत में औसतन तीन हजार लीटर तक दूध दे सकती है.

 इस तरह करें जाफराबादी भैंस की पहचान

डॉ दुष्यंत कहते हैं कि जाफराबादी भैंस नस्ल की पहचान यह है कि इसका सिर काफी बड़ा होता है. सिंग सपाट के साथ भारी वजन की होती हैं. सिंग गर्दन के किनारों पर गिरते हुए कानों तक ऊपर की ओर जाते हैं. अधूरी कुंडली की तरह मुड़ी हुई होती है. इनकी लंबाई ज्यादा होती है. जबकि मुर्रा भैंस की ऊंचाई होती है. शारीरिक मजबूती और दूध देने की क्षमता को देखते हुए  बाहुबली के नाम से भी जानी जाती हैं. 

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कम खर्च में अध‍िक मुनाफा 

कैमूर जिले के देवहालिया गांव के रहने वाले अभिषेक सिंह पिछले 5 साल से जाफराबादी भैंस पाल रहे हैं. वे कहते हैं कि जब उनकी भैंस का पहला बच्चा हुआ था. उस समय डेढ़ लाख रुपए तक दाम मिल रहा था. वे बताते हैं कि गर्भावस्था के दौरान 2 महीने तक ये दूध दे सकती हैं.पशु चिकित्सक कहते हैं कि यह सामान्य दिनों में 15 से 16 लीटर तक दूध देती हैं. इसकी कीमत 70 हजार से 1 लाख के बीच रहता है. इसे 16 से 17 किलो तक संतुलित भोजन हर रोज देना चाहिए. हर  दिन कम से कम तीन-चार किलो दाना जरूर देना चाहिए. वहीं  दाना और चारा मौसम के हिसाब देना चाहिए.