Success Story: मुर्गी व मछली पालन अपनाकर रोहतास जिले के किसान का जीवन हुआ खुशहाल

Success Story: मुर्गी व मछली पालन अपनाकर रोहतास जिले के किसान का जीवन हुआ खुशहाल

मछली व मुर्गी पालन से रोहतास जिला का किसान आधा एकड़ में मछली व मुर्गी पालन कर सालना 7 लाख से अधिक की सालाना कमाई करके अपने जीवन को खुशहाली ला दिए है .वहीं उनका बेटा इस कारोबार में अपना भविष्य देखते हुए बड़े पैमाने पर काम करने की योजना बना रहा है.

फोटो किसान तक -किसान पुरषोतम सिंह आधा एकड़ में मछली व मुर्गी पालन से सालाना 7 लाख तक की कमाई करते हैं फोटो किसान तक -किसान पुरषोतम सिंह आधा एकड़ में मछली व मुर्गी पालन से सालाना 7 लाख तक की कमाई करते हैं
अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • PATNA,
  • Apr 01, 2023,
  • Updated Apr 01, 2023, 5:43 AM IST

आज घटती जोत के कारण किसानों का विकास केवल एक फसल और एक व्यवसाय पर निर्भर होकर नहीं होसकता  है. इसलिए अब किसान फसलों की खेती के साथ कृषि से जुड़े अन्य व्यवसायों से जुड़ रहे हैं. राज्य  के किसानों के पास ज्यादातर छोटी जोत है. इसमें कई किसान कृषि से जुड़े व्यवसाय के जरिए अपनी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार कर रहे हैं.
पिछले कुछ वर्षों में कृषि से जुड़े व्यवसाय रोजगार और पैसा कमाने का एक सफल साधन बन गए हैं. बिहार के किसान खेती के साथ कृषि व्यवसाय से भी जुड़े हैं .वे मछली और मुर्गी पालन कर बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं। इसी तरह रोहतास जिले के मसोना गांव के  निवासी पुरुषोत्तम सिंह मछली और मुर्गी पालन कर सालाना 7 लाख से अधिक की कमाई कर रहे हैं.वहीं उनका बेटा इस कारोबार में अपना भविष्य देखते हुए बड़े पैमाने पर काम करने की योजना बना रहा है.

पुरुषोत्तम सिंह पिछले दो साल से मछली और कांट्रेक्ट पर पोल्ट्री फार्मिंग का कार्य रहे हैं. पुरुषोत्तम सिंह कहते हैं कि कुशल प्रबंधन की बदौलत वे कम समय में पोल्ट्री बर्डस  और मछली तैयार कर लेते हैं.

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जमीन आधा  एकड़ , सालना कमाई 7 लाख 

पूरुषोत्तम सिंह ने बताया  की वे पहले एक एकड़ से अधिक जमीन में धान और गेहूं की खेती करते थे. लेकिन फसल कटने के बाद हाथ में कुछ नहीं रह जाता था.इसलिए हमने फसल की खेती छोड़ दी और  इन व्यवसाय को अपनाया  और आज  के समय में मछली और मुर्गी पालन के कारण मेरे बैंक खाते में पैसे जमा हो रहे हैं. वहीं मेरी जेब में हमेशा तीन हजार से चार हजार रुपए रहते हैं. लेकिन ऐसा पहले संभव नहीं था.आगे पुरुषोत्तम सिंह का कहना है कि वे आधा एकड़ जमीन में मछली और मुर्गी पालन कर रहे हैं. जहां वे मछली पालन से पूरे साल  6 लाख का लगात खर्च की  काटकर  4 लाख की सालाना कमाई करते  हैं. इस तरह साल भर में कॉन्ट्रैक्ट पोल्ट्री फार्म से एक स्लॉट से 60 से 70 हजार यानी साल के तीन लाख तक की कमाई कर लेते हैं. कुल मिलाकर करीब 7 लाख तक की कमाई हो जाती है उन्होंने कहा इस काम को शुरू करने पहले हमने विधिवत ट्रेनिग ली थी , खेती मेंं वे अभी छोटे स्तर पर सब्जी की खेती भी करते  है.लेकिन इसमें रासायनिक खाद की जगह मुर्गियों के खाद इस्तेमाल करते हैं.

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नौकरी नहीं मिली तो आगे बेटे का भी भविष्य सुरक्षित

पुरुषोत्तम सिंह के बेटे चंदन का कहना है कि वह पिछले कुछ सालों से सेना और सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा है. वे कहते हैं कि अब सरकारी नौकरी पाना इतना आसान नहीं है. इसलिए मैं अपने पिता के साथ बिजनेस से जुड़ा, और मैं इस बिजनेस को बड़े पैमाने पर फैलाने की तैयारी कर रहा हूं. आज नौकरी के सहारे ही जीवन आसान नही है . उन्होने कहा कि नौकरी की तैयारी के साथ इसे साइड में करना भी जरूरी है. क्योंकि अगर सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी तो मैं बिजनेस करूंगा. जिससे मैं  आगे भी  अच्छी कमाई करना जारी रख सकूं. चन्दन ने कहा हमारे परिवार के 2 साल पहले की तुलना में  जिंदगी में कई बदलाव आए हैं. यह मछली पालन और  पोल्ट्री फार्मिंग हमारे और हमारे परिवार के लिए किसी ईश्वर की कृपा से कम नहीं है.

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